विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मलेरिया का पहला टीका
- 25 Apr 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में अफ्रीकी देश मलावी में 2 वर्ष से छोटे बच्चों के लिये मलेरिया के पहले टीके को लॉन्च किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस टीके का नाम RTS,S रखा गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसे लगाने के बाद मलेरिया नियंत्रण में सफलता मिलेगी।
- RTS,S/AS01 (ट्रेड नाम-Mosquirix) एक इंजेक्शन वैक्सीन है जो अफ्रीका में सबसे अधिक प्रचलित मलेरिया, पी.फाल्सीपेरम को लक्षित करेगा।
- यह टीका पाँच महीने से दो साल तक के बच्चों के लिये होगा। मलेरिया का टीका लगाने की शुरुआत घाना और केन्या में भी की जाएगी।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मलावी सरकार के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का स्वागत किया है।
- गौरतलब है कि वैक्सीन को GSK द्वारा विकसित किया गया है। कंपनी शुरुआती परियोजना हेतु उत्पाद की लगभग 10 मिलियन खुराक दान कर रही है।
- इस टीके को 1987 में GSK ने बनाया था जिसे बाद में बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सहायता से विकसित किया गया।
वैश्विक समस्या
- गौरतलब है कि मलेरिया के कारण सबसे अधिक मौतें अफ्रीका में होती हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अफ्रीका में मलेरिया की वज़ह से हर साल 2 लाख 50 हज़ार बच्चों की मौत होती है।
- विश्वभर में प्रत्येक साल 4,35,000 लोग इस बीमारी की वज़ह से मौत का शिकार हो जाते हैं।
- इस बीमारी से पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के मरने का सबसे ज़्यादा खतरा होता है।
- राष्ट्रीय वेक्टर बॉर्न डिज़ीज़ कंट्रोल प्रोग्राम (National Vector Borne Disease Control Program-NVBDC) के मुताबिक, भारत में वर्ष 2018 के दौरान मलेरिया के 3,99,134 मामले दर्ज किये गए और इनमें से 85 की मौत हो गई।