विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन 2022 | 13 Sep 2022
प्रिलिम्स के लिये:अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (IDF WDS) 2022, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, गोबर धन योजना, डेयरी क्षेत्र का डिजिटलीकरण और मवेशियों का सार्वभौमिक टीकाकरण। पशुपालन बुनियादी ढाँचा विकास कोष, डेयरी विकास के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम। मेन्स के लिये:भारत में डेयरी क्षेत्र का महत्त्व, पशु-पालन का अर्थशास्त्र। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (International Dairy Federation World Dairy Summit-IDF WDS) 2022 का उद्घाटन किया।
- अंतर्राष्ट्रीय डेयरी संघ डेयरी शृंखला के सभी हितधारकों के लिये वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञता का प्रमुख स्रोत है।
- वर्ष 1903 से IDF के डेयरी विशेषज्ञों के नेटवर्क ने डेयरी क्षेत्र को वैश्विक सहमति तक पहुँचने के लिये तंत्र प्रदान किया है कि कैसे दुनिया को सुरक्षित और टिकाऊ डेयरी उत्पाद उपलब्ध कराने में मदद की जाए।
- वर्ष 1903 से IDF के डेयरी विशेषज्ञों के नेटवर्क ने डेयरी क्षेत्र को वैश्विक सहमति तक पहुँचने के लिये तंत्र प्रदान किया है कि कैसे दुनिया को सुरक्षित और टिकाऊ डेयरी उत्पाद उपलब्ध कराने में मदद की जाए।
अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (IDF WDS)
- IDF विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन वैश्विक डेयरी क्षेत्र की वार्षिक बैठक है, जिसमें दुनिया भर से लगभग 1500 प्रतिभागियों को एक साथ लाया जाता है।
- इस तरह का पिछला शिखर सम्मेलन भारत में लगभग आधी सदी पहले 1974 में आयोजित किया गया था।
- इस वर्ष की थीम डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एंड लाइवलीहुड है।
- IDF विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन उद्योग के विशेषज्ञों को ज्ञान और विचारों को साझा करने के लिये मंच प्रदान करेगा कि कैसे क्षेत्र सुरक्षित और टिकाऊ डेयरी के साथ दुनिया को पोषण प्रदान करने में योगदान दे सकता है।
- प्रतिभागियों को व्यापक अर्थों में वैश्विक डेयरी क्षेत्र के लिये प्रासंगिक नवीनतम शोध निष्कर्षों और अनुभवों पर ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
भारत में डेयरी क्षेत्र की स्थिति:
- परिचय:
- भारत दुग्ध उत्पादन में पहले स्थान पर है, जो वैश्विक दूध उत्पादन में 23% का योगदान देता है, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान और ब्राज़ील का स्थान आता है।
- शीर्ष 5 दूध उत्पादक राज्य हैं: उत्तर प्रदेश (14.9%), राजस्थान (14.6%), मध्य प्रदेश (8.6%), गुजरात (7.6%) और आंध्र प्रदेश (7.0%)।
- महत्त्व:
- डेयरी क्षेत्र की क्षमता न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करती है, बल्कि विश्व भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का प्रमुख स्रोत भी है।
- यह क्षेत्र देश में 8 करोड़ से अधिक परिवारों को रोज़गार प्रदान करता है।
- भारत में डेयरी सहकारी समितियों की एक-तिहाई से अधिक सदस्य महिलाएँ हैं।
डेयरी क्षेत्र में विद्यमान चुनौतियाँ :
- चारे की कमी: अनुत्पादक पशुओं की अत्यधिक संख्या है जो उपलब्ध खाद्य और चारे के उपयोग में उत्पादक डेयरी पशुओं के हिस्से पर दबाव डालते हैं।
- औद्योगिक विकास के कारण प्रत्येक वर्ष चराई क्षेत्र में उल्लेखनीय कमी आ रही है जिसके परिणामस्वरूप कुल आवश्यकता के लिये खाद्य और चारे की आपूर्ति में कमी आ रही है।
- स्वास्थ्य: पशु चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल केंद्र प्रायः दूरस्थ स्थानों पर होते हैं और मवेशियों की आबादी तथा पशु चिकित्सा संस्थान के बीच के अनुपात में व्यापक अंतराल है, परिणामस्वरूप पशुओं को पर्याप्त रूप से स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध नहीं हो पाती हैं।
- इसके अलावा नियमित रूप से टीकाकरण और कृमि मुक्ति कार्यक्रम नहीं चलाया जाता है, परिणामस्वरूप बछड़ों एवं विशेष रूप से भैंस की प्रजातियों की बड़ी संख्या में मौत होती है।
- स्वच्छता की स्थिति: कई पशु मालिक अपने मवेशियों के लिये उचित आश्रय प्रदान नहीं करते हैं, जिससे उन्हें अत्यधिक जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
- डेयरी क्षेत्र की अनौपचारिक प्रकृति: गन्ना, गेहूँ और चावल उत्पादक किसानों के विपरीत पशुपालक असंगठित हैं और उनके पास अपना पक्ष रखने के लिये राजनीतिक ताकत/दबाव समूह का अभाव है।
- लाभकारी मूल्य निर्धारण में कमी: हालाँकि उत्पादित दूध का मूल्य भारत में गेहूँ और चावल के उत्पादन के संयुक्त मूल्य से अधिक है परंतु उत्पादन की लागत और दूध के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई आधिकारिक और आवधिक अनुमान नहीं होता है।
सरकार द्वारा की गई पहलें:
- उत्पादकता में वृद्धि: सरकार ने डेयरी क्षेत्र की बेहतरी के लिये कई कदम उठाए हैं, परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों में दुग्ध उत्पादन में 44% से अधिक की वृद्धि हुई है।
- इसके अलावा वैश्विक स्तर पर 2% उत्पादन वृद्धि की तुलना में भारत में दुग्ध उत्पादन वृद्धि दर 6% से अधिक देखी जा रही है।
- योजनाएँ:
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन
- राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम
- गोबर धन योजना
- डेयरी क्षेत्र का डिजिटलीकरण और मवेशियों का सार्वभौमिक टीकाकरण
- डेयरी विकास पर राष्ट्रीय कार्ययोजना
- पशुपालन अवसंरचना विकास कोष: इसका उद्देश्य मांस प्रसंस्करण क्षमता और उत्पाद विविधीकरण को बढ़ाने में मदद करना है ताकि असंगठित डेयरी उत्पादकों को डेयरी बाज़ारों का आयोजन करने के लिये अधिक से अधिक पहुँच प्रदान की जा सके।
- आगामी पहल:
- डेयरी इकोसिस्टम: सरकार एक ब्लैंच्ड डेयरी इकोसिस्टम विकसित करने पर कार्य कर रही है, जहाँ उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में व्याप्त चुनौतियों का समाधान किया जाएगा।
- इसके अलावा किसानों के लिये अतिरिक्त आय, गरीबों का सशक्तीकरण, स्वच्छता, रसायन मुक्त खेती, स्वच्छ ऊर्जा और मवेशियों की देखभाल इस इकोसिस्टम से परस्पर जुड़े हुए हैं।
- पशु आधार: सरकार डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रही है और डेयरी क्षेत्र से संबंधित पशुओं को इसमें टैग किया जा रहा है।
- वर्ष 2025 तक भारत 100% पशुओं का फुट, माउथ डिज़ीज़ (खुरपका-मुँहपका रोग) और ब्रुसेलोसिस से बचाव के लिये टीकाकरण करेगा।
- डेयरी इकोसिस्टम: सरकार एक ब्लैंच्ड डेयरी इकोसिस्टम विकसित करने पर कार्य कर रही है, जहाँ उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में व्याप्त चुनौतियों का समाधान किया जाएगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न :प्रश्न: किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नलिखित में से किस उद्देश्य के लिये अल्पकालिक ऋण सुविधा प्रदान की जाती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये: (a) केवल 1, 2 और 5 उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही है। |