विश्व सीमा शुल्क संगठन | 03 Aug 2017
संदर्भ
हाल ही में भारत यात्रा पर आए विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्लूसीओ) के महासचिव कुनियो मिकुरिया ने बताया है कि विश्व सीमा शुल्क संगठन शीघ्र ही सीमा पार ई-कॉमर्स (e–commerce) पर दिशा-निर्देश लाएगा, जो अवैध व्यापार और डिजिटल डिवाइड से जुड़ी चुनौतियों को संबोधित करेगा।
प्रमुख बिंदु
- विश्व सीमा शुल्क संगठन यह भी दूर करने का प्रयास करेगा कि ई-कॉमर्स को कौन-सी चुनौतियाँ अवरुद्ध कर रही हैं तथा विकासशील देशों को ई-कॉमर्स के लिये किस तरह के वातावरण की आवश्यकता है।
गेम चेंजर
- वर्तमान दौर में ई-कॉमर्स वैश्विक व्यापार में गेम चेंजर की भूमिका निभा रहा है और छोटी कंपनियों और उपभोक्ताओं को भी लाभान्वित कर रहा है।
क्या होगा नए दिशा-निर्देशों में
- नए दिशा-निर्देशों में अवैध व्यापार और वित्त के अवैध प्रवाह को रोकने के प्रावधान शामिल होंगे। इसे उन उपायों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा, जो देशों के सीमा शुल्क प्रशासन के साथ-साथ अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर सूचना विनिमय को मज़बूत करने में सहायता करेंगे।
कार्य दल
- डब्लूसीओ के पास ई-कॉमर्स पर एक कार्य दल और चार उप-समूह हैं।
- सीमा पार ई-कॉमर्स पर दिशा-निर्देश विकसित करने के लिये पहचाने गए कार्य पैकेज़ में व्यापार सुविधा और प्रक्रियाओं का सरलीकरण, बचाव और सुरक्षा, राजस्व संग्रह और माप और विश्लेषण शामिल हैं।
ऑनलाइन व्यापार
- संयुक्त राष्ट्र संघ की एक निकाय ‘अंकटाड’ (UNCTAD) के मुताबिक, 2013 और 2015 के बीच ऑनलाइन व्यापार का मूल्य 16 खरब डॉलर से बढ़कर 22 खरब डॉलर हो गया है।
- डब्ल्यूसीओ के सीमा पार ई-कॉमर्स पर अध्ययन रिपोर्ट (मार्च 2017) के अनुसार, ऑनलाइन ट्रेडिंग में निरंतर वृद्धि ने नियमन, उपभोक्ता संरक्षण, राजस्व संग्रह और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में सवाल उठाए हैं।
- इन सवालों से व्यक्तिगत रूप से निपटा नहीं जा सकता है। इसके लिये सभी प्रासंगिक हितधारकों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय कस्टम समुदाय द्वारा एक समान एवं व्यापक दृष्टिकोण की अपनाने की आवश्यकता है।
विश्व सीमा शुल्क संगठन
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन है।
- इसकी स्थापना 1952 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद के रूप में की गई थी। 1994 में इसका नाम बदलकर विश्व सीमा शुल्क संगठन रख दिया गया।
- इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स है।