विश्व बैंक ने अटल भूजल योजना के लिये ₹ 6,000 करोड़ की मंजूरी दी | 07 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
भारत में भूजल भंडार के लगातार कम होने की चिंताओं को दूर करने के लिये विश्व बैंक ने अटल भूजल योजना (ABHY) के तहत 6,000 करोड़ रुपए की सहायता देने की मंजूरी प्रदान कर दी है। यह योजना 2018-19 से 2022-23 तक पांच साल की अवधि में लागू की जानी है। योजना के प्रस्ताव को पहले ही व्यय वित्त समिति द्वारा अनुशंसित किया गया है और जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिये प्रस्तुत किया जाएगा।
प्राथमिकता वाले क्षेत्र
- इस योजना के तहत पहचान किये गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं|
- ये राज्य भारत के कुल भूजल के दोहन के संदर्भ में 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं जहाँ अत्यधिक दोहन वाले, अत्यधिक जोखिम वाले तथा कम जोखिम वाले ब्लॉक हैं|
- भारत के भूजल संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया गया है जिसके कारण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी।
- 2011 में नमूना मूल्यांकन के अनुसार, भारत के 71 ज़िलों में से 19 में भूजल का अत्यधिक दोहन किया गया| जिसका अर्थ है कि जलाशयों की प्राकृतिक पुनर्भरण की क्षमता से अधिक जल की निकासी की गई है।
- 2013 में किये गए आकलन के अनुसार, जिसमें ज़िलों के ब्लाकों को शामिल किया गया और पाया गया कि यहाँ का 31% जल खारा हो गया था|
- विश्व बैंक से मिलने वाली यह निधि भूजल के लिये राज्यों में काम करने वाले संस्थानों को उपलब्ध कराई जाएगी तथा भूजल को बढ़ावा देने के लिये सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा|
अटल भूजल योजना
- इस योजना का क्रियान्वयन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है|
- अटल भूजल योजना का उद्देश्य समुदाय भागीदारी के माध्यम से देश के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना है|
- इस योजना में विश्व बैंक और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 50:50 की है|
- यह योजना गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में जल की कमी वाले क्षेत्रों हेतु प्रस्तावित है।
- इस योजना के अंतर्गत इन प्रदेशों के 78 ज़िलों, 193 ब्लॉकों और 8350 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है।
- केंद्रीय भूजल बोर्ड की विगत वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार देश के 6584 भूजल ब्लॉकों में से 1034 ब्लॉकों का अत्यधिक उपयोग हुआ है। सामान्यतः इसे ‘डार्क जोन’ (पानी के संकट की स्थिति) कहा जाता है।
विश्व बैंक
- विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना 1944 में अमेरीका के ब्रेटन वुड्स शहर में विश्व के नेताओं के एक सम्मेलन के दौरान हुई थी|
- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को दोबारा पटरी पर लाने के उद्देश्य से इन संस्थाओं का गठन किया गया था|
- विश्व बैंक समूह का मुख्यालय वाशिंगटन डी सी में है। विश्व बैंक एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो ऋण प्रदान करती है।
- विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निर्माण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है।
- विश्व बैंक समूह पाँच अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो देशों को वित्त और वित्तीय सलाह देता है।
- इसके उद्देश्यों में शामिल है- विश्व को आर्थिक तरक्की के रास्ते पर ले जाना, विश्व में गरीबी को कम करना तथा अंतर्राष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा देना|