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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

महिला रोज़गार दर

  • 31 Jul 2018
  • 4 min read

संदर्भ 

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा महिला रोज़गार दर जारी की गई। NSSO द्वारा हाल में किये गए श्रम बल सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार 2009-10 तथा 2011-12 के दौरान अनुमानित महिला कर्मी जनसंख्या अनुपात (% में) क्रमशः 26.6% और 23.7% था।

नोडल निकाय

  • रोज़गार और बेरोज़गारी का अनुमान सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) द्वारा किये गए श्रमिक बल सर्वेक्षण से लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त श्रम और रोज़गार मंत्रालय का श्रम ब्यूरो रोज़गार और बेरोज़गारी का वार्षिक सर्वेक्षण करता है। 
  • वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2015-16 में श्रम ब्यूरो द्वारा किये गए वार्षिक रोज़गार-बेरोज़गारी के अंतिम तीन दौर के सर्वेक्षण के अऩुसार 15 वर्ष और उससे ऊपर के आयु की महिलाओं के लिये श्रमिक जनसंख्या अनुपात क्रमशः 25.0%, 29.6% और 25.8% रहा। 

महिला रोज़गार बढ़ाने हेतु सरकार द्वारा किये गए प्रयास

सरकार ने महिला रोज़गार बढ़ाने सहित रोज़गार में वृद्धि करने के लिये निम्नलिखित कदम उठाए हैं -

  • निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना।
  • निवेश वाली विभिन्न परियोजनाओं में तेज़ी लाना।
  • सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे प्रधानमंत्री के रोज़गार सृजन कार्यक्रम जैसी योजनाएँ।
  • ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGS)। 
  • पंडित दीनदयाल ग्रामीण कौशल्या योजना (DDU-GKY)। 
  • आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) में सार्वजनिक व्यय में वृद्धि।

मुद्रा योजना द्वारा महिला श्रमिकों को दिये गए ऋण में वृद्धि

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत ऋण लेने वाली महिलाओं को 0.25% की विशेष छूट दी जाती है। 
  • मुद्रा योजना के तहत 75% ऋण (31 मार्च, 2018) तक 12.27 करोड़ स्वीकृत ऋण में से 9.02 करोड़ ऋण महिला उद्यमियों को दिये गए हैं।

विभिन्न अधिनियमों में संशोधन

श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने महिला श्रमिक भागीदारी दर बढ़ाने के लिये निम्नलिखित कदम उठाकर इस विषय को लक्षित किया है- 

  • मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 में भुगतान मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रावधान है और 50 और उससे अधिक कर्मचारियों के प्रतिष्ठानों में अनिवार्य पालना घर/शिशु-सदन सुविधा का प्रावधान है। 
  • पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ रात्रि पाली में महिला कर्मियों को काम की अनुमति देने के लिये फैक्ट्री अधिनियम, 1948 के अंतर्गत राज्यों को परामर्श देने का विषय है। 
  • समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 में समान कार्य के लिये और समान स्वभाव के कार्य के लिये भेदभाव किये बिना पुरूष एवं महिला श्रमिक दोनों के लिये समान पारिश्रमिक के भुगतान का प्रावधान है। 
  • न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के अंतर्गत सरकार द्वारा तय किये गए वेतन पुरूष और महिला कर्मियों के लिये समान रूप से लागू हैं तथा इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता।
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