अमेरिका में शीतकालीन तूफान | 24 Jan 2024
प्रिलिम्स के लिये:अमेरिका में शीतकालीन तूफान, हाइपोथर्मिया, बर्फीला तूफान, ध्रुवीय चक्रवात, आर्कटिक। मेन्स के लिये:अमेरिका में शीतकालीन तूफान, वायुमंडल संरचना और संघटन, तापमान, पवन प्रणाली, बादल तथा वर्षा के प्रकार। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
अमेरिका में शीतकालीन तूफान इसने कई प्रकार की चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं, जिससे विभिन्न राज्य शून्य से नीचे तापमान, हिमपात से प्रभावित हुए हैं।
- इस स्थिति के परिणामस्वरूप जनवरी 2024 में मुख्य रूप से हाइपोथर्मिया या सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश भर में कुल 72 मौतें हुईं।
अमेरिका में भयंकर शीतकालीन तूफानों के कौन-से कारक हैं?
- ध्रुवीय चक्रवात:
- ध्रुवीय चक्रवात पृथ्वी के दोनों ध्रुवों के आसपास कम दबाव और ठंडी वायु का एक बड़ा क्षेत्र है।
- "चक्रवात" शब्द वायु के वामावर्त प्रवाह को संदर्भित करता है जो ध्रुवों के पास ठंडी वायु को बनाए रखने में मदद करता है। यह ध्रुवों पर हमेशा मौजूद होता है तथा गर्मियों में कमज़ोर पड़ता है, जबकि सर्दियों में प्रबल हो जाता है।
- कभी-कभी, ध्रुवीय भँवर में व्यवधान से संयुक्त राज्य अमेरिका में दक्षिण की ओर बढ़ने वाली ठंडी वायुओं से तापमान में गिरावट आ जाती है।
- आर्कटिक में जलवायु परिवर्तन, आर्कटिक प्रवर्धन नामक एक घटना की ओर ले जाता है। आर्कटिक ग्रह के बाकी हिस्सों की तुलना में चार गुना तेज़ी से गर्म हो रहा है। आर्कटिक में बढ़ी हुई गर्मी ध्रुवीय चक्रवात को कमज़ोर कर देती है, जिससे यह व्यवधानों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
- कमज़ोर होने से ध्रुवीय चक्रवात में विस्तार हो सकता है या यह विभाजित हो सकता है, जिससे ठंडी आर्कटिक वायु का विस्तार दक्षिण की ओर हो सकता है।
- आर्कटिक वायु द्रव्यमान:
- अमेरिका में आर्कटिक वायुराशियों की घुसपैठ से तापमान में तेज़ी से गिरावट आ सकती है। ये वायु द्रव्यमान आर्कटिक क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं और दक्षिण की ओर बढ़ सकते हैं, जिससे उन क्षेत्रों में अधिक ठंड की स्थिति आ सकती है जो इस तरह की चरम सीमा के आदी नहीं हैं।
- जेट स्ट्रीम प्रतिरूप:
- जेट स्ट्रीम, वायुमंडल में एक पट्टीनुमा क्षेत्र में तेज़ प्रवाहित होने वाली वायु, मौसम प्रणालियों को संचालित करने में भूमिका निभाती है।
- जेट स्ट्रीम प्रतिरूप में परिवर्तन से आर्कटिक से ठंडी वायु दक्षिण की ओर बढ़ जाती है, जिससे देश का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो जाता है।
शीतकालीन तूफान क्या हैं?
- परिचय:
- शीतकालीन तूफान मौसमी घटनाएँ हैं जिनमें अत्यधिक ठंडे तापमान,हिम, ओलावृष्टि के रूप में वर्षा होती है और अक्सर तेज़ हवाएँ चलती हैं।
- ये तूफान सामान्य दैनिक गतिविधियों को बाधित कर सकते हैं, परिवहन को प्रभावित कर सकते हैं और समुदायों के लिये विभिन्न खतरे पैदा कर सकते हैं।
- शीतकालीन तूफान की उत्पत्ति:
- नम वायु का बढ़ना: शीत ऋतु के तूफानों की शुरुआत वातावरण में नम वायु बढ़ने के साथ होती है। यह ठंडे मौसम में हो सकता है जहाँ गर्म वायु ठंडी वायु से ऊपर उठ जाती है या जब वायु किसी बड़ी पहाड़ी या पर्वत की ओर बढ़ती है।
- नमी का स्रोत: बादल निर्माण और वर्षा के लिये नमी का स्रोत आवश्यक है। यह जल के बड़े निकायों, जैसे– झीलों या महासागरों में बहने वाली वायु द्वारा, जल वाष्प को उठाकर प्रदान किया जा सकता है।
- ठंडी वायु: शीतकालीन तूफानों को अलग करने वाला प्रमुख कारक शीत वायु की उपस्थिति है। जब ज़मीन के पास और पूरे वायुमंडलीय परतों में तापमान शून्य से नीचे होता है, तो बर्फ या बर्फ के रूप में वर्षा होती है।
- शीतकालीन तूफान के प्रकार:
- हिमानी तूफान(Snowstorms): ये ऐसे तूफान हैं, जिनमें वर्षा मुख्यतः हिम के रूप में गिरती है। हिम के टुकड़े तब बनते हैं, जब जलवाष्प संघनित होकर जल की बूंदों में परिवर्तित हो जाती है और जम जाती है। पवनों का तापमान यह निर्धारित करता है कि वर्षा, हिम के रूप में गिरती है या नहीं।
- ब्लिज्ज़र्ड्स(Blizzards): हिम की मात्रा के स्थान पर तीव्र पवनों से परिभाषित, ब्लिज्ज़र्ड्स में वायु की गति 35 MPH (मील प्रति घंटा) या उससे अधिक होती है। ब्लिज्ज़र्ड्स में हिम से युक्त पवनों की स्थिति पैदा होती है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और हिम के ढेर इकट्ठे हो जाते हैं।
- झील प्रभाव वाले तूफान(Lake Effect Storms): ये तूफान ग्रेट लेक्स (USA) से नमी की प्रचुरता के कारण बनते हैं। झीलों के ऊपर से गुज़रने वाली ठंडी, शुष्क पवनें जलवाष्प एकत्रित करती है, जिससे झीलों के दक्षिण और पूर्व के क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है।
- बर्फीले तूफान(Ice Storms): यह बाहरी सतहों पर कम-से-कम 0.25 इंच बर्फ जमा होने वाले शीतकालीन तूफान हैं। बर्फीले तूफान ज़मीन पर चिकनी परत का निर्माण कर देते हैं, जिससे यात्रा करना और पैदल चलने में समस्या होती है। वे पेड़ की शाखाओं और विद्युत तारों के टूटने का कारण भी बन सकते हैं।
हाइपोथर्मिया क्या है?
- परिचय:
- जब शरीर स्वयं से गर्मी उत्पन्न करने की क्षमता से अधिक तेज़ी से गर्मी खो देता है तो शरीर का तापमान गंभीर रूप से कम हो जाता है जिसे हाइपोथर्मिया कहा जाता है। यह एक चिकित्सा संबंधी आपातकाल स्थिति को दर्शाता है।
- शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) होता है तथा हाइपोथर्मिया आमतौर पर तब शुरू होता है जब शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट (35 डिग्री सेल्सियस) से कम हो जाता है।
- शीत के संपर्क में आने से कई कारकों के संयोजन से हाइपोथर्मिया हो सकता है जो शरीर के मूल तापमान को बनाए रखने की क्षमता को बाधित करता है।
- शीत की स्थिति में शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया गर्मी उत्पन्न करना तथा गर्मी को संरक्षित करना है जो मुख्य रूप से मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस द्वारा नियंत्रित होती है।
- लक्षण:
- कँपकँपी, जो हाइपोथर्मिया बढ़ने पर रुक सकती है। (कंपकंपी वास्तव में एक सकारात्मक संकेत है जो दर्शाता है कि आपकी ताप नियमित करने वाली प्रणालियाँ अभी भी सक्रिय हैं)।
- धीमी, उथली श्वास।
- भ्रम और स्मृतिनाश।
- उनींदापन या थकावट।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. अंटार्कटिक क्षेत्र में ओज़ोन छिद्र का होना चिंता का कारण रहा है। इस छिद्र के बनने का कारण क्या होगा? (2011) (a) प्रमुख क्षोभमंडलीय विक्षोभ की उपस्थिति; और क्लोरोफ्लोरो कार्बन का अंतर्वाह। उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। मेन्स:प्रश्न1. हिमांक-मंडल (क्रायोस्फेयर) वैश्विक जलवायु को किस प्रकार प्रभावित करता है? (2017) प्रश्न2. आर्कटिक की बर्फ और अंटार्कटिक के ग्लेशियरों का पिघलना किस तरह अलग-अलग ढंग से पृथ्वी पर मौसम के स्वरूप तथा मनुष्य की गतिविधियों पर प्रभाव डालते हैं? स्पष्ट कीजिये। (2021) प्रश्न3. भारत आर्कटिक प्रदेश के संसाधनों में किस प्रकार गहन रुची ले रहा है? (2018) |