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भूगोल

कैलिफोर्निया में दावानल

  • 24 Aug 2020
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये

सांता आना पवनें

मेन्स के लिये

वैश्विक तापन और वैश्विक स्तर पर दावानल की तीव्रता में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी एवं मध्य कैलिफोर्निया में दावानल (Wildfire) के कारण 400,000 एकड़ से अधिक में फैले हुए जंगल समाप्त हो चुके हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • ऐतिहासिक रूप से कैलिफोर्निया में दावानल की कई घटनाएँ घटित हो चुकी हैं जो हाल के दिनों में कई गुना बढ़ी हैं।
    • वर्ष 2000 के बाद से यहाँ 10 सबसे बड़ी दावानल की घटनाएँ हो चुकी हैं जिसमें वर्ष 2018 का मेंडोकिनो कॉम्प्लेक्स फायर (Mendocino Complex Fire) भी शामिल है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा दावानल है।
    • वर्ष 1970 के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी भाग में दावानल की आवृत्ति में 400% की वृद्धि हुई है।
  • कैलिफोर्निया में दो अलग-अलग मौसम हैं जिनमें दावानल जैसी घटनाएँ घटित होती हैं:
    1. पहला मौसम जून से सितंबर के मध्य का मौसम होता है जब गर्म एवं शुष्क मौसम के कारण दावानल की घटनाएँ घटित होती हैं और यह आग अधिकतर अंतर्देशीय एवं अधिक ऊँचाई वाले जंगलों में लगती है।
    2. दूसरा मौसम अक्तूबर से अप्रैल के मध्य का मौसम होता है जब सांता आना पवनों (Santa Ana Winds) के कारण दावानल की घटनाएँ घटित होती हैं और यह आग अधिकतर शहरी क्षेत्रों के पास के जंगलों में लगती है।
      • इस अवधि में लगने वाली आग पहले के मौसम में लगने वाली आग से तीन गुना तेज़ होती है।
      • इस अवधि में लगने वाली आग पिछले दो दशकों में 80% आर्थिक नुकसान के लिये ज़िम्मेदार है।

सांता आना पवनों (Santa Ana Winds):

  • पवनों का यह नाम कैलिफोर्निया के ऑरेंज काउंटी में सांता आना घाटी के नाम पर रखा गया है।
  • दक्षिणी कैलिफोर्निया में सांता आना कैनियन/घाटी से होकर तटवर्ती मैदानों की ओर चलने वाली धूलभरी आंधी को सांता आना कहते हैं।
  • ये पवनें अत्यंत शुष्क एवं गर्म होती हैं।
  • ये पवनें पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर चलती हैं।
  • ये आमतौर पर मौसमी पवनें होती हैं और अक्तूबर एवं मार्च के मध्य प्रवाहित होती हैं तथा दिसंबर में ये पवनें चरम अवस्था में पहुँच जाती हैं।
  • ये पवनें तब उत्पन्न होती हैं जब सिएरा नेवादा और रॉकी पर्वतमाला के बीच ग्रेट बेसिन के उच्च-ऊँचाई वाले रेगिस्तान में उच्च दबाव प्रणाली का निर्माण होता है।
    • जब ये पवनें नीचे की ओर प्रवाहित होती हैं और रेगिस्तान को पार करती हैं तो ये अत्यंत शुष्क, गर्म एवं तीव्र गति प्राप्त करती हैं।
  • सांता आना पवनों में आर्द्रता की कमी से वनस्पति सूख जाती है जिससे वनस्पति आग के लिये बेहतर ईंधन बन जाती है।

कारण:

  • जलवायु: यहाँ अधिकतर नमी सर्दियों के मौसम में मिलती है किंतु यहाँ की वनस्पति वर्षा की कमी एवं गर्म तापमान के कारण गर्मियों में सूख जाती है जो अंततः आग के लिये प्रज्जवलन का कार्य करती है।
    • हालाँकि वैश्विक तापन (Global Warming) के कारण तापमान में 1-2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, जिससे दावानल के मामलों में वृद्धि हुई है।
  • मानव हस्तक्षेप: कई आग की घटनाएँ मानव हस्तक्षेप के कारण होती हैं जैसे- विद्युत लाइन का गिरना आदि।
    • शहरीकरण के कारण मानव बस्तियाँ वन क्षेत्रों का अतिक्रमण कर रही हैं जिसे शहरी- वनभूमि इंटरफेस (Urban-Wildland Interface) के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र को दावानल के लिये अतिसंवेदनशील माना जाता है।
  • आग को दबाना (Suppressing Fires): लंबे समय तक कृत्रिम रूप से प्राकृतिक आग के दमन के कारण वनों में अत्यधिक सूखी सामग्री जमा हो गई है जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
    • संयुक्त राज्य वन सेवा अब निर्धारित, नियंत्रित या कूल बर्निंग (Cool Burning) के उपयोग के माध्यम से अपने पिछली गलतियों को सुधारने की कोशिश कर रही है।

कूल बर्निंग (Cool Burning):

  • इस प्रक्रिया में किसी भी क्षेत्र में उपलब्ध वनस्पति की मात्रा को सीमित करने के लिये कृत्रिम रूप से छोटे, स्थानीयकृत तरीके से आग को नियंत्रित किया जाता है। अर्थात् इस प्रक्रिया में वनों में सामान्य आग को दावानल में बदलने से रोकने के लिये ‘वनस्पति ईंधन’ के निर्माण की प्रक्रिया को रोका जाता है।
  • सांता आना पवनों (Santa Ana Winds): सांता आना पवनें वनस्पति को सुखा देती हैं और वनों में आग के चारों ओर फैलने में सहायक होती हैं।

प्रभाव:

  • जीवन एवं संपत्ति के विनाश से आर्थिक नुकसान होता है।
  • धूल के छोटे कणों द्वारा वायु प्रदूषण तथा अम्ल, कार्बनिक रसायन एवं धातु के कारण एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
  • उच्च तापमान के कारण भूमि क्षरण होता है जिससे भूमि से सभी पोषक तत्त्व एवं वनस्पतियाँ नष्ट हो जाती हैं और भूमि अनुर्वरक हो जाती है।
  • जैवविविधता को नुकसान होता है।

तात्कालिक समाधान:

  • दावानल के तात्कालिक समाधानों के रूप में संवेदनशील क्षेत्रों में ज्वलनशील पेड़ों की प्रजातियाँ जैसे- यूकेलिप्टस एवं पाइन आदि को लगाने से बचना चाहिये।
  • वन क्षेत्रों के पास मानव विकास गतिविधियों को अनुमति नहीं देना चाहिये।
  • मरुस्थलीय भू-निर्माण, कम पानी की खपत वाले उपकरणों को बढ़ावा, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण जैसी जल संरक्षण वाली नीतियों को बढ़ावा देना चाहिये।

आगे की राह:

  • हालाँकि वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिये लंबे समय से कार्य किया जा रहा है और इस प्रकार जलवायु परिवर्तन ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है जिन्होंने न केवल कैलिफोर्निया बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया है।
  • अन्य उदाहरण: ऑस्ट्रेलियाई बुशफायर (Australian Bushfires) और उत्तराखंड में वनाग्नि।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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