ड्रग–रेसिस्टेंट TB के उपचार हेतु WHO की योजना | 09 Mar 2018
चर्चा में क्यों?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में दुनिया भर की फार्मास्युटिकल कंपनियों को ड्रग–रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस (DR-TB) के इलाज के लिये वहनीय कीमतों पर नई दवाओं के विनिर्माण हेतु प्रस्ताव पेश करने हेतु आमंत्रित किया है।
- यह WHO के प्री-क्वालिफिकेशन ऑफ मेडिसिंस प्रोग्राम (PQP) कार्यक्रम का एक हिस्सा है।
- WHO के मानदंडों के तहत इस तरह के अनुरोधों पर प्रस्तुत तथा इसके द्वारा निर्धारित मानकों का अनुपालन करने वाली दवाओं को संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा खरीद के लिये एक सूची में शामिल किया जाता है।
क्या है PQP?
- WHO का प्री-क्वालिफिकेशन ऑफ मेडिसिंस प्रोग्राम (PQP) यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि विनिर्माताओं से प्राप्त होने वाली दवाएं गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता के निर्धारित मानकों को पूरा करती हैं।
- इससे अधिक प्रतिस्पर्द्धी बाज़ार का निर्माण होता है और किफायती दामों पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होतो है।
- HIV के मामलें में ऐसा देखा गया था कि PQP के कारण कई एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं की कीमतें काफी नीचे आ गई थीं। साथ ही इसने फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन के विकास को भी प्रोत्साहित किया था।
- उदाहरण के तौर पर HIV के मामले में सिपला कंपनी ने Stavudine, Lamivudine and Nevirapine के सयोजन से प्रभावी उपचार में सक्षम 'एड्स कॉकटेल' निर्मित की थी।
प्रमुख बिंदु
- WHO ने अब दवा निर्माताओं से DR-TB के लिये अनुशंसित नई पीढ़ी की दो दवाओं बेडाक्विलीन (Bedaquiline) और डेलामिनाइड (Delaminid) के लिये एक्सप्रेशन ऑफ़ इंटरेस्ट (EoI) प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।
- WHO के इस कदम का उद्देश्य HIV महामारी के नियंत्रण में मिली सफलता को TB के मामले में दोहराना है। भारतीय दवा उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्द्धा के कारण HIV दवाओं की कीमतों में 99% तक कमी देखने को मिली थी।
- EoI से यह स्पष्ट होता है कि WHO ड्रग-प्रतिरोधी टीबी की चुनौतियों का सामना करने के लिये इन दो दवाओं को महत्त्वपूर्ण मानता है और इन दवाओं के जेनेरिक संस्करण उपलब्ध कराने के लिये स्वस्थ प्रतियोगिता के माहौल का सृजन करना चाहता है।
भारत में DR-TB
- भारत में लगभग 1.3 लाख लोग (विश्व में सर्वाधिक) DR-TB का सामना कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के पास बेडाक्विलीन की केवल 10,000 खुराक और डेलामिनाइड की 400 खुराक ही उपलब्ध हैं।
- इन दवाओं को इन औषधियों के विनिर्माताओं Janssen (US) और Otsuka Pharmaceuticals (Japan) से डोनेशन के रूप में प्राप्त किया जा रहा है।
- भारत में HIV के उपचार के लिये सस्ती दवाओं की उपलब्धता इसलिये संभव हो सकी क्योंकि भारतीय पेटेंट अधिनियम फार्मास्युटिकल उत्पादों पर उत्पाद पेटेंट प्रदान की बजाय प्रक्रिया पेटेंट की अनुमति देता था।
- जबकि विश्व व्यापार संगठन (WTO) के व्यापार संबंधी बौद्धिक संपदा अधिकार (TRIPS) समझौते में उत्पाद पेटेंट का अनुपालन अनिवार्य था।
- किंतु 2005 में भारत ने फार्मा क्षेत्र में उत्पाद पेटेंट की अनुमति देने के साथ ही अपने पेटेंट नियमों को पूर्णत ट्रिप्स समझौते के अनुरूप कर लिया था।
उत्पाद पेटेंट और प्रक्रिया पेटेंट में अंतर
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विश्व स्वास्थ्य संगठन
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है।
- इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में अवस्थित है।
- WHO संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का सदस्य है। इसकी पूर्ववर्ती संस्था ‘स्वास्थ्य संगठन’ लीग ऑफ नेशंस की एजेंसी थी।