अंतर्राष्ट्रीय संबंध
कैंसर के जोखिम को कम करने के तरीके
- 21 Aug 2018
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चर्चा में क्यों?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक स्तर पर मौत के दूसरे प्रमुख कारण के रूप में उभरने वाले कैंसर के जोखिम को कम करने के तरीकों की एक सूची बनाई है।
प्रमुख मुद्दे
निम्नलिखित तरीकों को शामिल किया गया है :
♦ किसी भी प्रकार के तंबाकू का उपभोग न करें तथा स्वस्थ आहार का सेवन करें।
♦ हेपेटाइटिस बी और एचपीवी (HPV) के खिलाफ बच्चों का टीकाकरण और सूर्य के हानिकारक विकिरणों से सुरक्षात्मक उपायों का उपयोग करें।
♦ शारीरिक रूप से सक्रिय रहें तथा शराब का सेवन सीमित करने और संगठित स्क्रीनिंग कार्यक्रमों में भाग लें।
♦ इसके अलावा स्तनपान को स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने वाला माना गया है। - डब्ल्यूएचओ का कहना है कि तंबाकू, शराब, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक निष्क्रियता आदि प्रमुख कारक हैं जो दुनिया भर में कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं और अन्य गैर-संक्रमणीय बीमारियों के लिये भी ये चार कारक ही साझा रूप से जोखिम का कारण बनते हैं।
- वर्ष 2012 में पाए गए कैंसर के लगभग 15% मामलों में कैंसरजन्य संक्रमण के लिये हेलीकॉबैक्टर पिलोरी, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV), हेपेटाइटिस बी वायरस, हेपेटाइटिस सी वायरस और एपस्टीन-बार जैसे वायरस ज़िम्मेदार थे।
- हेपेटाइटिस बी एवं सी वायरस और कुछ एचपीवी क्रमशः यकृत और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिये जोखिम को बढ़ाते हैं।
- इसके अलावा एचआईवी (HIV) के साथ संक्रमण से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है।
कैंसर (CANCER) क्या है?
- कैंसर से अभिप्राय शरीर के भीतर कुछ कोशिकाओं का अनियंत्रित होकर बढ़ना है।
- अनुपचारित कैंसर आसपास के सामान्य ऊतकों या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है तथा इसके कारण बहुत से गंभीर रोग, विकलांगता यहाँ तक की मृत्यु भी हो सकती है।
- मूलतः कैंसर को प्राथमिक ट्यूमर कहा जाता है।
- शरीर के दूसरे हिस्से में फैले कैंसर को मेटास्टैटिक या माध्यमिक कैंसर कहा जाता है।
- मेटास्टैटिक कैंसर में प्राथमिक कैंसर के समान ही कैंसर कोशिकाएँ पाई जाती हैं।
- आमतौर पर मेटास्टैटिक कैंसर शब्द का प्रयोग ठोस ट्यूमर का वर्णन करने के लिये किया जाता है जो शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है।
भारत की स्थिति
- बीते कुछ वर्षों में भारत में कैंसर के नए मामलों में वृद्धि देखी गई है
- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च अनुसार भारत में कैंसर के मौजूद 25 से 30 लाख मामलों के साथ प्रतिवर्ष लगभग 12 से 13 लाख नए कैंसर के मामलों का भी निदान किया जा रहा है।