विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को दी सबसे अधिक रेटिंग | 22 Feb 2017
सन्दर्भ
विदित हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण(National Regulatory Authority-NRA) को टीकों के नियमन के लिये सबसे अधिक रेटिंग दी है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में टीकों के नियमन प्रणाली की स्थिति का आकलन पूरा कर लिया है। यह कार्य विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक बैंचमार्किंग के आधार पर किया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण को क्यों दी सबसे अधिक रेटिंग?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण को '4 के परिपक्वता स्तर' के साथ 'क्रियाशील' घोषित किया है। गौरतलब है कि 4 के परिपक्वता स्तर को मौजूदा विकसित परिभाषाओं के अनुसार सर्वोत्तम स्तर माना जाता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारतीय टीका नियामक प्रणाली को अपने आकलन में शत-प्रतिशत अंक दिया है, जो एक ‘उल्लेखनीय उपलब्धि’ है।
- विदित हो कि वर्ष 2012 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के ऐसे ही एक आकलन के बाद में भारतीय टीका नियामक प्रणाली को मजबूती प्रदान करने के लिये संस्थागत विकास की योजना का खाका खिंचा गया था।
- पंचयुक्त (पेंटावैलेंट) टीके को देश भर में पेश करने के साथ-साथ रोटावायरस टीके एवं खसरा रूबेला टीके को भी चरणबद्ध ढंग से लागू किया जा रहा है। इसके अलावा पहले ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर चुके टीकाकरण कार्यक्रमों के तहत अब नए टीकों को पेश किया जा रहा है। ऐसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपनी समस्त प्रतिबद्धताओं को पूरा कर लेगा।
निष्कर्ष
- गौरतलब है कि भारत सरकार की ‘मिशन इंद्रधनुष’ नामक उपक्रम ने पूर्ण टीकाकरण अभियान को मजबूती प्रदान की है। जैसा कि हम जानते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित, प्रभावकारी एवं किफायती चिकित्सीय और स्वास्थ्य सेवा संबंधी उत्पादों तक समान पहुँच को प्राथमिकता देता है। चूँकि भारत भी टीकों, चिकित्सीय उपकरणों एवं परंपरागत दवाओं सहित जैविक औषधीय उत्पादों का एक प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन चुका है और यह संयुक्त राष्ट्र की अनेक एजेंसियों को कई टीकों की आपूर्ति भी कर रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस सफल आकलन से भारत के औषधीय उत्पादों में वैश्विक भरोसा काफी हद तक बढ़ जाएगा।