सेल्फ केयर इंटरवेंशन पर दिशा-निर्देश | 03 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने सेल्फ केयर इंटरवेंशन फॉर हेल्थ (Self-Care Interventions For Health) पर पहली बार दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
सेल्फ केयर क्या है?
सेल्फ केयर व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों की वह क्षमता है जो उन्हें स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, बीमारी को रोकने, स्वास्थ्य को बनाए रखने और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सहायता के बिना बीमारी और विकलांगता का सामना करने में सक्षम बनाती है।
प्रमुख दिशा-निर्देश
- WHO द्वारा जारी इन दिशा-निर्देशों में यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इनमें से कुछ इंटरवेंशन निम्नलिखित हैं:
- ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) तथा यौन संचारित संक्रमणों की महिलाओं द्वारा स्वयं जाँच।
- स्वयं इंजेक्ट किये जा सकने योग्य गर्भनिरोधकों का उपयोग।
- घरेलू ओवुलेशन किट का उपयोग।
- HIV (Human Immunodeficiency Virus) की स्वयं जाँच तथा चिकित्सालय आधारित गर्भपात के पश्चात् स्वयं की देखभाल।
- ये दिशा-निर्देश कुछ हस्तक्षेपों (Interventions) के स्वास्थ्य लाभ हेतु वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित हैं। चिकित्सा के पारंपरिक क्षेत्र से परे इन घरेलू उपचारों को अपनाया जा सकता है लेकिन कभी-कभी इनके इस्तेमाल के लिये स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के परामर्श की आवश्यकता होती है।
- ये उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का स्थान नहीं ले सकते हैं और न ही यह सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने का कोई शॉर्टकट है।
सेल्फ केयर इंटरवेंशन की आवश्यकता
- एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2035 तक वैश्विक स्तर पर लगभग 13 मिलियन स्वास्थ्य सेवकों की कमी होगी। वर्तमान में दुनिया भर में कम-से-कम 400 मिलियन लोग ऐसे हैं जिनकी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच नहीं है।
सेल्फ केयर इंटरवेंशन का महत्त्व
- सेल्फ केयर इंटरवेंशन स्वास्थ्य के प्रति दक्षता एवं समझ विकसित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- सुगम्यता: यह कमज़ोर वर्ग की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित कर सकता है।
- स्वास्थ्य का अधिकार: इन दिशा-निर्देशों के द्वारा लोग अपने स्वास्थ्य कल्याण हेतु किफायती विकल्प प्राप्त कर सकेंगे।
- समानता: सेल्फ केयर उन लोगों के लिये भी यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच का एक माध्यम है जो लैंगिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और शक्ति की गतिशीलता के कारण नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए हैं, इसमें उन लोगों को भी शामिल किया जाता है जो ज़बरन विस्थापित हुए हैं। क्योंकि बहुत से लोग प्रजनन के संबंध में निर्णय लेने में असमर्थ होते हैं।