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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

20:80 स्वर्ण आयात योजना पर विवाद

  • 14 Mar 2018
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

  • पिछले हफ्ते केंद्र सरकार के राजस्व और व्यय का लेखा परीक्षण करने वाली लोक लेखा समिति (PAC) की एक उप-समिति ने 2016 में प्रकाशित एक कैग रिपोर्ट पर चर्चा की।
  • इसमें यह कहा गया था कि 20:80 स्वर्ण योजना के परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को लगभग 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
  • इसी क्रम में केंद्र सरकार ने उन परिस्थितियों की जाँच कराने की बात कही है जिनके चलते बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिये लाई गई इस योजना का विस्तार निजी पार्टियों तक किया गया।
  • ऐसा कहा जा रहा है कि हाल ही के PNB-नीरव मोदी घोटाले में लिप्त पाई गई गीतांजली समूह तथा अन्य निजी ज्वैलर्स कंपनियों को इस योजना के माध्यम से अनुचित फ़ायदा पहुँचाया गया।

क्या थी 20:80 गोल्ड स्कीम?

  • वर्ष 2012-13 में सोने के आयात में वृद्धि से चालू खाता घाटा उच्च स्तर (GDP का 4.7%) पर बना हुआ था।
  • इस स्थिति से निपटने के लिये अनेक कदम उठाए गए। इन कदमों में स्वर्ण तथा स्वर्ण उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाना और सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाना शामिल था।
  • इसी क्रम में सरकार ने 20:80 योजना लागू की, जिसके अंतर्गत यह व्यवस्था की गई कि आयातित सोने के कम-से-कम 20% सोने का उपयोग निर्यात के लिये किया जाएगा और 80% सोने का उपयोग घरेलू उपभोग के लिये किया जाएगा।
  • इस योजना के अंतर्गत 20:80 फार्मूला का अनुसरण करते हुए घरेलू उपयोग के लिये केवल बैंकों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को स्वर्ण आयात की अनुमति दी गई।
  • योजना इस तरह बनाई गई थी, ताकि सोने के आयात पर प्रतिबंध लगे, निर्यात दायित्वों को लगाकर विदेशी मुद्रा संरक्षित की जा सके और सार्वजनिक एजेंसियों से सोने की खरीद और बिक्री पर प्रीमियम सुनिश्चित किया जा सके।

योजना के निजी पार्टियों तक विस्तार से हुई हानि 

  • मई 2014 से प्रीमियर ट्रेडिंग हाउसेज़ (PTHs) और स्टार ट्रेडिंग हाउसेज़ (STHs) को भी 20:80 योजना के अंतर्गत सोने का आयात करने की अनुमति दी गई।
  • जब यह संशोधन किया गया था तब घरेलू उपयोग के लिये सोने की कमी थी और घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रति ऑन्स 100 डॉलर से 150 डॉलर (लगभग दो लाख रुपये प्रति ग्राम) तक प्रीमियम लगाया जा रहा था।
  • PTH तथा STH जैसी निजी कंपनियों को सोने के आयात की अनुमति देकर इन कंपनियों को अप्रत्याशित लाभ कमाने का अवसर प्रदान किया गया, क्योंकि सोने पर ऊँचे प्रीमियम का लाभ अब इन एजेंसियों द्वारा उठाया जा रहा था।

CAG की टिप्पणी

  • CAG की रिपोर्ट के मुताबिक़ जून, 2014 से नवंबर, 2014 के दौरान 13 ट्रेडिंग हाउसेज़ ने 282.77 MT सोने का आयात किया।
  • इसका अर्थ यह है कि इस अवधि के दौरान दो लाख रुपए प्रति किलो ग्राम के प्रीमियम के हिसाब से इन कंपनियों ने 4500 करोड़ रुपए का अप्रत्याशित मुनाफा कमाया और 80% आयातित सोना प्रीमियम कमाने के लिये घरेलू बाज़ार में सप्लाई किया गया।
  • यहाँ तक कि निर्यात दायित्व साधारण आभूषण यानी चूड़ियों तथा चेनों के निर्यात से पूरा किया जा रहा था और इन साधारण आभूषणों को पुनः आयात करने के उद्देश्य से मुखौटा कंपनियों के माध्यम से देश से बाहर के स्थानों पर पिघला कर दुबारा देश में भेजा जा रहा था।

सरकार द्वारा योजना की समीक्षा 

  • नई सरकार ने इस योजना की समीक्षा की और यह पाया कि उदारीकरण के बाद से रिकॉर्ड किये गए सोने के आयात में औसतन प्रतिमाह लगभग 140-150 टन की वृद्धि हुई थी जो कि काफी अधिक थी।
  • सोने के आयात में वृद्धि से निजी कंपनियों को अनुपात से अधिक लाभ हुआ। इन कंपनियों के आयात 320% बढ़ गए थे। मई माह के पूर्व 20% की तुलना में अब कुल आयात का 60% आयात इन कंपनियों ने किया।
  • विस्तारित 20:80 योजना से इन कंपनियों को, जो ट्रेडर और निर्यातक (न केवल सोना बल्कि कोई भी वस्तु) दोनों ही थीं, को विशेष लाभ हुआ और वे इस योजना का लाभ उठाने की सबसे अच्छी स्थिति में थीं।
  • इसलिये यह पाया गया कि मई, 2014 में STH/PTH को दिया गया लाभ अनुचित था और उनके साथ किए गए पक्षपात को समाप्त करने की आवश्यकता थी।
  • इसलिये नई सरकार ने भेदभाव समाप्त करने और आयात को उदार बनाने के लिये नवंबर 2014 को 20:80 योजना को पूरी तरह से समाप्त कर दिया।
  • अब कहा जा रहा है कि सरकार वैसी परिस्थितियों की जाँच करेगी कि क्यों पिछली सरकार द्वारा 20:80 योजना के अंतर्गत स्वर्ण आयात की अनुमति देकर निजी पार्टियों को लाभ पहुँचाया गया, वह भी उस समय जब सरकार संक्रमण काल में थी।

योजना को समाप्त करने के बाद स्थिति 

  • CAG द्वारा बताया गया है कि 20:80 योजना की समाप्ति के बाद सोने का औसत मासिक आयात घटकर 71.50 एमटी हो गया (दिसंबर, 2014 से मार्च, 2015 तक)।
  • सोने का आयात जून, 2014 से नवंबर, 2014 तक 92.16 एमटी था, जब 20:80 योजना के अंतर्गत PTH/STH को सोना आयात करने की अनुमति थी।
  • मई 2014 में PTH/STH को अनुमति देने से पहले अगस्त 2013 से मई 2014 के दौरान 20:80 योजना के अंतर्गत यह आयात केवल 33.60 एमटी प्रतिमाह था।
  • इस तरह यह स्पष्ट है कि 20:80 योजना के उन्मूलन से पीटीएच/एसटीएच को प्रदान किया गया अनुचित लाभ समाप्त हुआ और सोने के आयात में कमी आई।
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