इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


जैव विविधता और पर्यावरण

आर्द्रभूमि

  • 29 Jan 2020
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

MoEFCC द्वारा घोषित नए आर्द्रभूमि स्थल

मेन्स के लिये:

रामसर कन्वेंशन का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

भारत के 10 नए स्थलों को आर्द्रभूमि (wetland) के रूप में मान्यता दी गई है।

मुख्य बिंदु:

  • इन 10 स्थलों को रामसर कन्वेंशन के तहत मान्यता दी गई है जो कि आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
  • भारत में कुल आर्द्रभूमियों की संख्या अब 37 हो गई है जो 1,067,939 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हैं।
  • घोषित नए स्थलों में महाराष्ट्र में पहली बार किसी स्थान को आर्द्रभूमि घोषित किया गया है।
  • अन्य 27 रामसर स्थल राजस्थान, केरल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, गुजरात, तमिलनाडु और त्रिपुरा में स्थित हैं।

नए आर्द्रभूमि स्थल:

घोषित नए 10 आर्द्रभूमि स्थलों में महाराष्ट्र का 1 , पंजाब के 3 तथा उत्तर प्रदेश के 6 स्थल शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं -

  1. नंदुर मदमहेश्वर (Nandur Madhameshwar), महाराष्ट्र
  2. केशोपुर-मियाँ (Keshopur-Mian), पंजाब
  3. ब्यास कंज़र्वेशन रिज़र्व (Beas Conservation Reserve), पंजाब
  4. नांगल (Nangal), पंजाब
  5. नवाबगंज (Nawabganj), उत्तर प्रदेश
  6. पार्वती आगरा (Parvati Agara), उत्तर प्रदेश
  7. समन (Saman), उत्तर प्रदेश
  8. समसपुर (Samaspur), उत्तर प्रदेश
  9. सांडी (Sandi) आर्द्रभूमि, उत्तर प्रदेश
  10. सरसई नवार (Sarsai Nawar), उत्तर प्रदेश

क्या होती हैं आर्द्रभूमि:

आर्द्रभूमि-

  • यह जल एवं स्थल के मध्य का संक्रमण क्षेत्र होता है।
  • आर्द्रभूमि जैव विविधता की दृष्टि से एक समृद्ध क्षेत्र होता है।
  • इन्हें मुख्य रूप से दो वर्गों में विभक्त किया जाता है-
    • सागर तटीय आर्द्रभूमि
    • अंत:स्थलीय आर्द्रभूमि

रामसर कन्वेंशन-

  • रामसर कन्वेंशन 2 फरवरी, 1971 में ईरान के शहर रामसर में अस्तित्व में आया।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों के संरक्षण के उद्देश्य से विश्व के राष्ट्रों के बीच पहली संधि है।
  • यह संधि विश्व स्तर पर हो रहे आर्द्रभूमियों के नुकसान को रोकने और उनको संरक्षित करने की दिशा में प्रयासरत है।
  • भारत 1 फरवरी, 1982 को इस कन्वेंशन में शामिल हुआ।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2