विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
वेब ब्राउज़र
- 13 Dec 2023
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:वेब ब्राउज़र, WWW (वर्ल्ड वाइड वेब), HTML, CSS और जावास्क्रिप्ट, वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR)। मेंस के लिये:वेब ब्राउज़र, विकास और उनके अनुप्रयोग और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में प्रभाव। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
वेब ब्राउज़र इंटरनेट के विशाल ब्रह्मांड के लिये हमारे डिजिटल पासपोर्ट जैसा है, जिससे हमारे लिये केवल एक क्लिक से वेबपेजों को खोजना और उन तक पहुँचना सरल हो जाता है।
वेब ब्राउज़र क्या है?
- परिचय:
- वेब ब्राउज़र WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) का पता लगाने के लिये एक एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर है। यह सर्वर और क्लाइंट के बीच एक इंटरफेस प्रदान करता है तथा वेब दस्तावेज़ों एवं सेवाओं के लिये सर्वर से अनुरोध करता है।
- यह हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML) को रेंडर करने के लिये एक कंपाइलर के रूप में काम करता है जिसका उपयोग वेबपेज को डिज़ाइन करने के लिये किया जाता है।
- जब भी हम इंटरनेट पर कुछ भी खोजते हैं, तो ब्राउज़र HTML में लिखा एक वेबपेज लोड करता है, जिसमें टेक्स्ट, लिंक, छवियाँ और स्टाइलशीट तथा जावास्क्रिप्ट फंक्शन जैसे अन्य आइटम शामिल होते हैं।
- गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज, मोज़िला फायरफॉक्स और सफारी वेब ब्राउज़र के उदाहरण हैं।
- उत्पत्ति:
- इंटरनेट के शुरुआती दिनों में ब्राउजिंग एक टेक्स्ट-आधारित उद्यम था, जब तक कि टिम बर्नर्स-ली ने वर्ष 1990 में वेब ब्राउज़र, 'वर्ल्डवाइडवेब' के साथ वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत नहीं की।
- वर्ष 1993 में परिवर्तनकारी मोज़ेक ब्राउज़र वेब परिदृश्य में छवियों को लाया, जिससे उपयोगकर्त्ता इंटरैक्शन में क्रांति आ गई।
- नेटस्केप नेविगेटर के आगमन ने बुकमार्क एवं उपयोगकर्त्ता-अनुकूल सुविधाओं को पेश करके ब्राउज़िंग को और बढ़ाया, जिससे इसके एवं इंटरनेट एक्सप्लोरर के बीच 'ब्राउज़र युद्ध' छिड़ गया।
- विकासवादी कदम :
- वर्ष 2004-2005 में मोज़िला फायरफॉक्स द्वारा इंटरनेट एक्सप्लोरर के प्रभुत्व के एकाधिकार का उन्मूलन किया,टैब्ड ब्राउज़िंग और ऐड-ऑन के साथ नवाचार को बढ़ावा दिया गया तथा नए मानक स्थापित किये गए।
- Google का Chrome, अपनी गति और अतिसूक्ष्मवाद के साथ वर्ष 2008 में उभरा, जिससे ब्राउज़र बाज़ार में पुनरोद्धार हुआ।
- अन्य प्रतियोगी जैसे कि Apple की Safari और Microsoft Edge (इंटरनेट एक्सप्लोरर का उत्तराधिकारी) विकसित हुए, जो उपयोगकर्त्ता की प्राथमिकताओं के अनुरूप विविध विकल्प प्रदान करते हैं।
- वेब ब्राउज़र की एनाटॉमी:
- अनुरोध और प्रतिक्रिया: वेबसाइट पर विज़िट शुरू करने से डिजिटल संचार का एक क्रम शुरू हो जाता है, जो सर्वर के नेटवर्क के माध्यम से संदेश भेजने और प्राप्त करने के समान है।
- प्रतिक्रिया को विखंडित करना: वेबपेज की जानकारी HTML, CSS (कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स) और जावास्क्रिप्ट में एन्कोड की गई फाइलों में आती है, जिसमें से प्रत्येक अंतिम वेबपेज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- HTML एक वेबपेज का आर्किटेक्चर ब्लूप्रिंट प्रदान करता है शीर्षक, पैराग्राफ, चित्र और लिंक जैसे तत्त्वों की रूपरेखा होती है।
- CSS को डिजिटल दुनिया का इंटीरियर डिज़ाइनर माना जाता है। यह जानकारी रंग योजनाओं, फॉन्ट, रिक्ति और स्थिति जैसी विशेषताओं को नियंत्रित करके HTML संरचना में स्टाइल और एस्थेटिक्स प्रदान करती है।
- जावास्क्रिप्ट एक गतिशील इंजन है, जो वेबपेजों को इंटरैक्टिव और प्रतिक्रियाशील बनाता है। किसी इमारत में विद्युत प्रणाली के अनुरूप, जावास्क्रिप्ट भी स्थिर सामग्री में जान डाल देता है। यह पॉप-अप, फॉर्म, एनिमेशन और रियल टाइम अपडेट जैसे इंटरैक्टिव तत्त्वों की अनुमति देता है, जिससे एक उपयोगकर्त्ता को आकर्षक अनुभव प्राप्त होता है।
- रेंडरिंग: ब्राउज़र HTML संरचना को डिकोड करके, एस्थेटिक्स के लिये CSS लागू करके और इंटरैक्टिविटी के लिये जावास्क्रिप्ट निष्पादित करके, कुछ ही सेकंड में वेबपेज़ को असेंबल करता है।
- डेटा प्रबंधन: कुकीज़ निर्बाध नेविगेशन के लिये ब्राउज़िंग डेटा संग्रहीत करती है, जबकि कैश बार-बार एक्सेस की गई फाइलों को बरकरार रखता है, जिससे पेज़ लोडिंग समय में तेज़ी
- आती है।
- सुरक्षा उपाय: उपयोगकर्त्ताओं को संभावित खतरों से बचाने और सचेत करने के लिये ब्राउज़र HTTPS तथा चेतावनी प्रणाली जैसे एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं।
ब्राउज़िंग का भविष्य क्या है?
- जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ती है, वेब ब्राउज़र भी उसी के साथ विकसित होते जाते हैं। ये WebAssembly, एक ऐसा प्रारूप जो ब्राउज़र वातावरण के भीतर लगभग मूल प्रदर्शन को सक्षम बनाता है, जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं।
- आभासी वास्तविकता (VR) और संवर्धित वास्तविकता (AR) अनुभवों के लिये समर्थन भी होराइज़न पर है, जो व्यापक ऑनलाइन इंटरैक्शन का वादा करता है।
- इसके अतिरिक्त, गोपनीयता सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है, जिससे उपयोगकर्त्ताओं को अपने डिजिटल फुटप्रिंट पर अधिक नियंत्रण मिल सके।
- वेब ब्राउज़र हमारे डिजिटल प्रयासों के नायक हैं, जो गतिशील वेबपेजों में कूट का अनुवाद करते हैं जो हमारे ऑनलाइन अनुभवों का आधार हैं।
- उनके संचालन को रेखांकित करने वाली प्रक्रियाओं की जटिल प्रणालियों को उजागर करके, हम प्रत्येक क्लिक के साथ उत्पन्न होने वाले त्वरित परिणाम की एक नई समझ प्राप्त कर सकते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021) डिजिटल हस्ताक्षर-
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: C व्याख्या:
विकल्प C सही उत्तर है। मेन्स:प्रश्न: साइबर अपराध के विभिन्न प्रकारों और इस खतरे से लड़ने के आवश्यक उपायों की विवेचना कीजिये। (2020) प्रश्न: सरकारी कार्यकलापों के लिये सर्वरों की क्लाउड होस्टिंग बनाम स्वसंस्थागत मशीन-आधारित होस्टिंग के लाभों और सुरक्षा निहितार्थों पर चर्चा कीजिये। (2015) प्रश्न: ‘आँगुलिक हस्ताक्षर’ (Digital Signature) क्या होता है? इसके द्वारा प्रामाणीकरण का क्या अर्थ है? ‘आँगुलिक हस्ताक्षर’ की प्रमुख विविध अंतस्थ विशेषताएँ बताइये। (2013) |