AI का वाटर फुटप्रिंट | 16 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:ChatGPT, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, GTP-4, AI मॉडल मेन्स के लिये:संसाधन संरक्षण और तकनीकी प्रगति में संतुलन, जल संसाधनों पर AI का प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
बहुमुखी प्रतिभा और स्वचालन क्षमता से पूर्ण OpenAI के ChatGPT जैसे AI उपकरणों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही पर्यावरण पर उनके प्रभावों को लेकर चिंता जताई जा रही है।
- हालिया अध्ययन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल के वाटर फुटप्रिंट पर प्रकाश डाला गया है जिसमे डेटा केंद्रों के रख-रखाव और इन मॉडलों को प्रशिक्षित करने के लिये आवश्यक जल की मात्रा को चिह्नित किया गया है।
AI का वाटर फुटप्रिंट:
- यह जल की वह मात्रा है जिसका उपयोग विद्युत उत्पन्न करने और AI मॉडल को चालित रखने वाले डेटा केंद्रों को शीतलन प्रदान करने के लिये किया जाता है।
- इसे दो घटकों में विभाजित किया जा सकता है: जल की प्रत्यक्ष खपत और जल की अप्रत्यक्ष खपत।
- AI का वाटर फुटप्रिंट कई कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है, जैसे कि AI मॉडल का प्रकार और आकार, डेटा केंद्र का स्थान एवं दक्षता, विद्युत उत्पादन के विभिन्न स्रोत।
- जल की प्रत्यक्ष खपत से आशय उस जल से है जो डेटा सेंटर सर्वरों की शीतलन प्रक्रिया के दौरान वाष्पिकृत हो जाता है या फिर अपशिष्ट के रूप में निकलता है।
- जल की अप्रत्यक्ष खपत का संबंध उस जल से है जिसका उपयोग डेटा सेंटर सर्वरों को ऊर्जा प्रदान करने हेतु विद्युत उत्पादन करने में किया जाता है
AI द्वारा जल खपत की मात्रा:
- "मेकिंग AI लेस 'थर्टी:' अनकवरिंग एंड एड्रेसिंग द सीक्रेट वॉटर फुटप्रिंट ऑफ AI मॉडल्स" नामक एक अध्ययन के अनुसार, GPT-3 जैसे एक विशाल AI मॉडल को प्रशिक्षित करने में सीधे 700,000 लीटर स्वच्छ ताज़े जल की खपत हो सकती है, जो 370 BMW कारों या 320 टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने के लिये पर्याप्त है।
- इसी अध्ययन में यह भी अनुमान लगाया गया है कि ChatGPT जैसे AI चैटबॉट के साथ बातचीत में 20-50 सवालों और जवाबों के लिये 500 मिलीलीटर तक जल की खपत हो सकती है। यह मात्रा तब तक अधिक नहीं लगती है जब तक आप यह नहीं स्वीकार करते है कि ChatGPT के 100 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्त्ता हैं जो एक समय में कई बातचीतों में शामिल हैं।
- GPT-4 मॉडल का आकार विशाल होने का अनुमान है, इसलिये जल की खपत के आँकड़ों के और बढ़ने की भविष्यवाणी की गई है।
- हालाँकि गणना के लिये सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा की कमी के कारण GPT-4 के वॉटर फुटप्रिंट का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है।
- यद्यपि AI मॉडल का उपयोग करने वाली ऑनलाइन गतिविधियाँ डिजिटल रूप से होती हैं तथा डेटा का भौतिक भंडारण और प्रसंस्करण डेटा केंद्रों में होता है।
- डेटा केंद्र काफी ऊष्मा उत्पन्न करते हैं, जिसके लिये जल-गहन शीतलन प्रणालियों की आवश्यकता होती है, ये सामान्यतः बाष्पीकरण कूलिंग टावरों का उपयोग करते हैं।
- प्रणाली की अखंडता को बनाए रखने के लिये उपयोग किया जाने वाला जल शुद्ध एवं ताज़ा होना चाहिये और डेटा केंद्रों को भी विद्युत उत्पादन के लिये जल की महत्त्वपूर्ण रूप से आवश्यकता होती है।
AI के वॉटर फुटप्रिंट से संबंधित चिंताएँ:
- जल का अभाव:
- जल का अभाव एक वैश्विक समस्या है और AI प्रौद्योगिकियाँ समस्या को बढ़ाती हैं। AI इंफ्रास्ट्रक्चर को शीतल करने के लिये बड़ी मात्रा में ताज़े जल की आवश्यकता होती है, जो सीमित जल संसाधनों पर दबाव डालता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव:
- AI संचालन के लिये स्वच्छ जल का निष्कर्षण जलीय जैवविविधता को नुकसान पहुँचा सकता है।
- AI के संचालन हेतु जल उपचार और परिवहन के लिये आवश्यक ऊर्जा कार्बन उत्सर्जन तथा जलवायु परिवर्तन में योगदान करती है।
- अस्थिर संसाधन प्रबंधन:
- जल का उपयोग AI के संचालन में किये जाने से मानव उपभोग, कृषि और अन्य महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं के लिये पानी तक पहुँच में बाधा आ सकती है।
- इक्विटी और सामाजिक प्रभाव:
- जल की कमी कमज़ोर समुदायों को असमान रूप से प्रभावित करती है जो अपनी आजीविका के लिये सीमित जल की आपूर्ति पर निर्भर हैं।
- AI की जल-गहन प्रकृति उन समुदायों, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है, के लिये जल की उपलब्धता को बाधित कर असमानताओं को बढ़ा सकती है।
- दीर्घकालिक स्थिरता:
- विस्तारित AI उद्योग वाटर फुटप्रिंट मुद्दे को संबोधित किये बिना जल संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
- AI के विकास और जल की उपलब्धता दोनों की दीर्घकालिक स्थिरता के लिये वाटर फुटप्रिंट को संबोधित करना आवश्यक है।
AI के वाटर फुटप्रिंट को कम करने के उपाय:
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना:
- बिजली उत्पन्न करने के लिये पवन या सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर हम आवश्यक पानी की मात्रा को काफी कम कर सकते हैं।
- जल-कुशल शीतलन प्रणाली लागू करना:
- अधिकांश डेटा केंद्र, जिनमें सर्वर और अन्य हार्डवेयर होते हैं जो AI सिस्टम को शक्ति प्रदान करते हैं, जल-आधारित शीतलन प्रणाली का उपयोग करते हैं। एयर कूलिंग या डायरेक्ट-टू-चिप लिक्विड कूलिंग जैसी जल-कुशल शीतलन तकनीकों को लागू करने से उपयोग की जाने वाले पानी की मात्रा को कम करने में मदद मिल सकती है।
- जल-कुशल एल्गोरिदम विकसित करना:
- AI एल्गोरिदम को कंप्यूटेशनल पावर की आवश्यकता को कम करके या कम पानी-गहन प्रक्रियाओं का उपयोग करने हेतु एल्गोरिदम को अनुकूलित करके अधिक जल-कुशल के तौर पर डिज़ाइन किया जा सकता है।
- हार्डवेयर कार्यावधि में वृद्धि:
- हार्डवेयर के जीवनकाल को बढ़ाने से इसके उत्पादन में उपयोग किये जाने वाले जल की मात्रा कम हो सकती है। ऐसे हार्डवेयर, जो लंबे समय तक संचालित हो सकें एवं अपग्रेड करने योग्य हों, को डिज़ाइन कर हार्डवेयर को बार-बार बदलने की समस्या को कम किया जा सकता है।
- ज़िम्मेदार जल प्रबंधन को बढ़ावा देना:
- डेटा केंद्रों और अन्य AI कंपनियों द्वारा ज़िम्मेदार जल प्रबंधन प्रथाओं को प्रोत्साहित करने से AI के वाटर फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिल सकती है।
- इसमें अपशिष्ट जल को पुनर्चक्रित करने, वर्षा जल संचयन प्रणालियों का उपयोग करने और जल-कुशल भू-निर्माण प्रथाओं को लागू करने जैसे उपाय शामिल हैं।
- मानकों, लक्ष्यों या करों को निर्धारित करके AI के वाटर फुटप्रिंट को कम करने हेतु प्रोत्साहित करने या अनिवार्य करने वाली नीतियों एवं विनियमों को अपनाना।
- डेटा केंद्रों और अन्य AI कंपनियों द्वारा ज़िम्मेदार जल प्रबंधन प्रथाओं को प्रोत्साहित करने से AI के वाटर फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिल सकती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (b) |