एक बड़ी सफलता के रूप में जल संरक्षण नीति | 02 Aug 2017

संदर्भ
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार द्वारा संचालित जल संरक्षण कार्यक्रम (जल स्वावलंबन अभियान) को प्रतापगढ़ ज़िले में महती सफलता हासिल हुई है| इस ज़िले में न केवल भूमिगत जल के स्तर में वृद्धि होने के साथ-साथ हरे खेतों के विस्तार क्षेत्र में वृद्धि दर्ज़ की गई है बल्कि इस वर्ष इस ज़िले के 94 गाँवों में कोई भी पानी का टैंकर नहीं भेजा गया है|

इस दिशा में एन.जी.टी. के प्रयास

  • ध्यातव्य है कि इस अभियान की सफलता में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal) ने भी बराबर का योगदान दिया है|
  • हाल ही के एन.जी.टी. के भोपाल घोषण-पत्र में ‘जल स्वावलंबन अभियान’ की प्रशंसा एक पहल के रूप में की गई जो राज्य के प्रत्येक गाँव को जल सम्पदा में धनी बनने की प्रेरणा प्रदान करेगी|
  • ऐसा इसलिये किया गया है ताकि इन स्थानों पर परंपरागत जल स्रोतों के नवीकरण के लिये वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा प्रदान किया जा सके|
  • ध्यातव्य है कि ‘जल स्वावलंबन अभियान’ द्वारा किये गए कार्यों का परिणाम यह हुआ है कि इससे सोयाबीन फसल क्षेत्र 10% से बढ़कर 15% तथा गेहूँ फसल क्षेत्र 15% से बढ़कर 20% हो गया है|

भूमिगत जल स्तर

  • ध्यातव्य है कि प्रतापगढ़ ज़िले के भूमिगत जल स्तर में 0.30 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज़ की गई है|
  • इसके अतिरिक, इस वर्ष इस ज़िले के केवल 18% हैण्डपंप ही सूखे हैं जबकि पिछले वर्ष इस ज़िले के तकरीबन 24% हैण्डपंप पानी की कमी के कारण सूख गए थे|

अभियान का दूसरा चरण

  • गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिये 70 गाँवों में 2,886 कार्यों को चिन्हित किया गया, जिनमें से अधिकांश कार्यों को पूरा किया जा चुका हैं तथा इस कार्यक्रम के तहत निर्मित नई संरचनाएँ भी इस बरसात में वर्षा के जल से भर गई हैं|
  • ध्यातव्य है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के भोपाल घोषणा-पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि ‘जल स्वावलंबन अभियान’ एक वृहद् जलवायु परिवर्तन अनुकूलन कार्यक्रम है जिसमें लोगों और नौ सरकारी विभागों द्वारा सम्मिलित रूप से भागीदारी की गई है|