ज्वालामुखी-जनित सुनामी | 24 Dec 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इंडोनेशिया की सुंडा खाड़ी में रात के समय ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी ने तटवर्ती इलाकों में भयंकर तबाही मचाई है। सुनामी की वज़ह से उठने वाली समुद्री लहरों की चपेट में आकर अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
कितना हुआ है नुकसान?
- यह सुनामी सुंडा खाड़ी के दोनों तरफ़ जावा और सुमात्रा के तटीय इलाक़ों में 22 दिसंबर, 2018 को रात में अचानक से आई।
- कम-से-कम 281 लोगों की मौत, यह संख्या बढ़ने की आशंका है।
- इंडोनेशिया की सरकार का कहना है कि लगभग 800 से ज़्यादा लोग जख्मी हुए हैं।
- इंडोनेशिया में क्राकाटोआ ज्वालामुखी की सक्रियता को देखते हुए चेतावनी दी गई है कि उसके आसपास के तटीय इलाकों में रहने वाले लोग तटों से दूर रहें क्योंकि सुनामी की लहरें एक बार फिर अपनी विनाशलीला दिखा सकती हैं।
- सुनामी से प्रभावित इलाकों में अब भी आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा, दक्षिणी सुमात्रा के बांदर लामपंग शहर में सैकड़ों लोगों को गवर्नर के कार्यालय में शरण लेनी पड़ी है।
- आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि सुनामी से सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुँचा है। सबसे ज़्यादा मौतें पांडेंगलांग, दक्षिणी लामपांग और सेरांग इलाकों में हुई हैं।
- आपदा प्रबंधन एजेंसियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। इंडोनेशिया के मौसम विभाग ने बताया कि क्राकाटोआ ज्वालामुखी फटने के बाद दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊँची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे अनेक मकान नष्ट हो गए।
क्यों आई सुनामी?
- 17000 से अधिक द्वीपों वाला यह देश रिंग ऑफ फायर पर अवस्थित होने की वज़ह से हमेशा से आपदा की आशंका वाला देश रहा है।
रिंग ऑफ फायर
- ‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के बेसिन में एक ऐसा प्रमुख क्षेत्र है, जहाँ कई भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं।
- सुनामी आने की मुख्य वज़ह ज्वालामुखी में विस्फोट हो सकता है जिससे समंदर के ज़मीनी हिस्से में हलचल हुई और ऊँची लहरें उठीं।
क्या होती है सुनामी?
- दरअसल, ‘सुनामी’ एक जापानी शब्द है जो ‘सु’ और ‘नामी’ से मिलकर बना है। सु का अर्थ है समुद्र तट और नामी का अर्थ है लहरें।
- इसके कारण समुद्र में तेज़ी के साथ विशाल लहरें उठने लगती हैं जो लगभग 800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ती हैं और तटीय इलाकों पर एक ऊँची दीवार के रूप में भीषण तरीके से टकराती हैं तथा रास्ते में आने वाली हर एक चीज़ को नष्ट कर देती हैं।
- सुनामी की लहरें एवं उनकी ऊँचाई तटों की विभिन्नता के कारण अलग-अलग होती है।
कैसे उठती हैं सुनामी लहरें?
- सुनामी लहरों के पीछे वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन सबसे ज़्यादा असरदार कारण भूकंप होता है।
- इसके अलावा ज़मीन धँसने, ज्वालामुखी फटने, किसी तरह का विस्फोट होने और कभी-कभी उल्कापात के असर से भी सुनामी लहरें उठती हैं।
- सबसे विनाशकारी सुनामी लहरें 26 दिसंबर, 2004 को भारतीय तट पर टकराई थीं जिसमें 9395 लोगों की जान गई और लगभग 26 लाख 63 हज़ार लोग प्रभावित हुए।
- भारत के पूर्वी और पश्चीमी तट तथा द्वीप क्षेत्र, अण्डमान निकोबार, सुमात्रा दीप एवं अरब सागर के मकरान क्षेत्र टेक्टोनिक गतिशीलता के कारण सुनामी के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील हैं।