सामाजिक न्याय
आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश
- 02 Dec 2020
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चर्चा में क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश (Aadi Mahotsav-Madhya Pradesh) के वर्चुअल संस्करण का शुभारंभ किया है।
- गौरतलब है कि आदि महोत्सव के अगले संस्करण को गुजरात तथा उसके बाद पश्चिम बंगाल पर केंद्रित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- आदि महोत्सव:
- यह एक राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव है तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) की संयुक्त पहल है। इसकी शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी और तब से इसे प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
- इस महोत्सव का उद्देश्य आम लोगों को एक ही स्थान पर आदिवासी समुदायों के समृद्ध और विविध शिल्प तथा संस्कृति से परिचित कराना है।
- वर्ष 2019 में इस उत्सव का आयोजन नई दिल्ली में किया गया था और इसमें आदिवासी हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण आदि की प्रदर्शनी और बिक्री की व्यवस्था की गई थी।
- आदि महोत्सव का वर्चुअल संस्करण
- इस वर्ष ट्राइफेड द्वारा इस कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से ट्राइब्स इंडिया के ई-मार्केटप्लेस पर आयोजित किया जा रहा है।
- इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान भारत की सभी प्रमुख जनजातियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और उन्हें अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर दिया जाएगा।
भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड)
- गठन: ‘ट्राइफेड’ की स्थापना वर्ष 1987 में बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में की गई थी।
- संगठन: ‘ट्राइफेड’ जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत राष्ट्रीय स्तर का एक शीर्ष संगठन है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- उद्देश्य: इस संगठन का प्राथमिक उद्देश्य जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना और आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने, ज्ञान, उपकरण और सूचना के साथ जनजातीय लोगों के सशक्तीकरण एवं क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है।
पहल और भागीदारी:
- ट्राइब्स इंडिया ब्रांड नाम के तहत ट्राइफेड द्वारा पूरे भारत में आदिवासियों से प्रत्यक्ष तौर पर खरीदे गए दस्तकारी उत्पादों को अपने 73 दुकानों और आउटलेट्स के माध्यम से बेचा जाता है। ध्यातव्य है कि ‘ट्राइब्स इंडिया’ का अपना एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी है।
- सूक्ष्म वन उत्पादों (Minor Forest Produce-MFP) के संवर्द्धित मूल्य को बढ़ावा देने के लिये ‘ट्राईफूड योजना’ (TRIFOOD Scheme) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय तथा ट्राइफेड की एक संयुक्त पहल है।
- ट्राइफेड द्वारा ‘वन धन योजना’ के तहत उत्पादन को बढ़ाने के लिये ‘वन धन इंटर्नशिप कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया।
- ट्राइफेड ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ से संबंधित योजना के कार्यान्वयन में भी सहायता करता है, ताकि वनों में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों (STs) और अन्य पारंपरिक वनवासियों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
- ट्राइफेड द्वारा जनजातियों में उद्यमशीलता को विकसित करने के लिये राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों (INI) के साथ मिलकर ‘ट्रांसफॉर्मेशनल टेक फॉर ट्राइबल्स प्रोग्राम’ (Transformational Tech For Tribals Program) शुरू किया गया है।