अंतर्राष्ट्रीय संबंध
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2017 : देश के 2.20 लाख गाँव खुले में शौच से मुक्त
- 09 Aug 2017
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संदर्भ
स्वच्छ भारत मिशन की तीसरी वर्षगाँठ के अवसर पर पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने मंगलवार को नई दिल्ली में क्वालिटी कांउसिल ऑफ इंडिया के स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2017 को प्रस्तुत किया। इस सर्वेक्षण के अनुसार देश के 91.29% लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं।
स्वच्छता को लेकर देश में एक स्वस्थ परंपरा शुरू हुई है। गाँवों, ज़िलों और राज्यों में खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की प्रतिस्पर्द्धा चल रही है। सरकार की प्राथमिकता 2019 तक ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त करना है।
प्रमुख बिंदु
- ग्रामीण स्वच्छता पर भारतीय गुणवत्ता परिषद ( Quality Council of India ) द्वारा इस साल मई और जून के बीच देश के 1.4 लाख ग्रामीण परिवारों का सर्वेक्षण किया गया था।
- इसके अनुसार अब तक देश के 2 लाख 20 हज़ार 932 गाँव खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं।
- सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 4626 गाँवों को कवर करते हुए सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है कि देश के 62.45% घरों की पहुँच शौचालय तक है।
- केरल और हरियाणा के ग्रामीण इलाकों के सभी घरों के पास शौचालय उपलब्ध हैं।
व्यवहार में बदलाव
- सर्वेक्षण में बताया गया है कि 91.29% लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं, जो स्वच्छता के प्रति व्यवहार में बदलाव का संकेत है।
पूर्वोत्तर के राज्य शीर्ष पर
- इस मामले में पूर्वोत्तर के तीन राज्य- सिक्किम, मणिपुर और नागालैंड का प्रदर्शन शीर्ष पर है, जहाँ 95% ग्रामीण घरों में शौचालय उपलब्ध हैं।
- इसी तरह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के 90% ग्रामीण घरों में शौचालय हैं।
बिहार और उत्तर प्रदेश
- ग्रामीण स्वच्छता के मामले में बिहार का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक है। बिहार के गाँवों के 30% घरों में शौचालय है, जबकि उत्तर प्रदेश के गाँवों में यह 37% है।
प्रतिस्पर्द्धा की भावना
- ज़मीनी स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा की भावना पैदा करने के लिये पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय अब स्वच्छता कवरेज एवं ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के मामले में सभी ज़िलों को रैंक प्रदान करेगा जिसका परिणाम 2 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा।
गंगा ग्राम
- सरकार गंगा नदी के तट पर स्थित 24 गाँवों को मॉडल ‘गंगा ग्राम’ के रूप में घोषित करने वाली है ।
- मॉडल ‘गंगा ग्राम’ के लिये उत्तर प्रदेश से 10 बिहार से 4 तथा पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तराखंड से शेष गाँवों का चयन किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन : एक नज़र
- सार्वभौमिक स्वच्छता हासिल करने और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिये प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया था।
- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव इस मिशन के समन्वयक हैं।
- इसके दो उप-मिशन हैं- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), जिसका उद्देश्य 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाना है।
- “स्वच्छता एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि एक प्रवृत्ति है। यह हम सभी का स्वभाव बने, यह ज़रूरी है। स्वच्छता को एक प्रवृत्ति मानकर लगन के साथ नित्य अभ्यास किया जाए तो यह प्रवृत्ति अपने-आप समाज की प्रकृति बन जाएगी”।