शासन व्यवस्था
वैभव फैलोशिप
- 27 Jan 2024
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक योजना, विजिटिंग एडवांस्ड ज्वाइंट रिसर्च फैकल्टी (VAJRA) योजना, अनिवासी भारतीय (NRI) मेन्स के लिये:भारत की तकनीकी प्रगति में भारतीय प्रवासियों का योगदान। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने हाल ही में वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (VAIBHAV) योजना के तहत फेलो के पहले समूह का अनावरण किया, यह एक रणनीतिक पहल है जिसका उद्देश्य विदेश में स्थित भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के साथ अल्पकालिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- वर्ष 2018 में शुरू की गई विजिटिंग एडवांस्ड ज्वाइंट रिसर्च फैकल्टी (VAJRA) योजना और वैभव योजना के बीच काफी समानताएँ हैं।
वैभव योजना क्या है?
- परिचय:
- भारत सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा (STEMM) तथा भारतीय शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों में भारतीय डायस्पोरा के बीच सहयोग की सुविधा हेतु वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (VAIBHAV/वैभव) नामक एक नया फैलोशिप कार्यक्रम शुरू किया है।
- सहयोगात्म्क कार्यों के लिये वैभव फेलो भारतीय संस्थान की पहचान करके अधिकतम 3 वर्षों के लिये एक वर्ष में दो माह तक वहाँ रहकर कार्य कर सकते हैं।
- वैभव फेलो से अपने भारतीय समकक्षों के साथ सहयोग करने एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अत्याधुनिक क्षेत्रों में मेज़बान संस्थान में अनुसंधान गतिविधियों को शुरू करने में मदद करने की अपेक्षा की जाती है।
- प्रोत्साहन:
- फेलोशिप में फेलोशिप अनुदान (4,00,000 रुपए प्रति माह), अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू यात्रा, आवास तथा आकस्मिक सहायता शामिल होंगी।
- सहयोगात्मक कार्यों का समर्थन करने के लिये मेज़बान संस्थानों को अनुसंधान अनुदान प्रदान किया जाता है।
- वैभव योजना का महत्त्व:
- वैज्ञानिक अनुसंधान में वैश्विक सहयोग को मज़बूती प्रदान करता है।
- यह भारतीय शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में ज्ञान के आदान-प्रदान एवं विशेषज्ञता को प्रोत्साहित करता है।
- कार्यान्वयन:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाने वाला वैभव फेलोशिप विभिन्न देशों में अनुसंधान गतिविधियों में संलग्न भारतीय मूल के उत्कृष्ट वैज्ञानिकों/प्रौद्योगिकीविदों [अनिवासी भारतीयों (NRI)/भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO)/भारत के प्रवासी नागरिकों (OCI) को प्रदान किया जाएगा।
विज़िटिंग एडवांस्ड ज्वाइंट रिसर्च फैकल्टी योजना क्या है?
- परिचय:
- विज़िटिंग एडवांस्ड ज्वाइंट रिसर्च (Visiting Advanced Joint Research- VAJRA) फैकल्टी योजना विशेष रूप से विदेशी वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के लिये एक समर्पित कार्यक्रम है जिसमें प्रमुख रूप से NRI तथा PIO/OCI पर ज़ोर दिया गया है ताकि वे भारतीय सार्वजनिक वित्त पोषित शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों में एक विशिष्ट अवधि के लिये सहायक/विज़िटिंग फैकल्टी के रूप में कार्य कर सकें।
- सहयोगात्मक अनुसंधान के महत्त्व को देखते हुए यह योजना ज्ञान तथा कौशल को अद्यतन करने एवं प्राप्त करने के लिये शोधकर्त्ताओं के बीच जानकारी साझा करने पर ज़ोर देती है और एक साझा समस्या को हल करने के लिये विभिन्न दृष्टिकोण की प्रस्तुति भी करती है।
- संकाय द्वारा किये जाने वाले अनुसंधान का क्षेत्र भारत के लिये हितकर होना चाहिये जिसमें विज्ञान संबंधी ज्ञान का जीवन में अनुप्रयोग करना शामिल है।
- भारत में रहने की अवधि के दौरान संकाय शिक्षण/संबोधक का कार्य भी कर सकता है।
- फैकल्टी भारत के किसी संस्थान में वर्ष में न्यूनतम 1 माह तथा अधिकतम 3 माह की अवधि के लिये कार्य कर सकेगी।
- भारतीय मेज़बान संस्थान कार्य पूरा होने के बाद भी उसे लंबी अवधि के लिये नियुक्त कर सकता है।
- संकाय के लिये अंशकालिक पद प्रारंभ में 1 वर्ष के लिये पेश किया जाएगा तथा इसे प्रत्येक वर्ष नवीनीकृत किया जा सकता है।
- विज़िटिंग एडवांस्ड ज्वाइंट रिसर्च (Visiting Advanced Joint Research- VAJRA) फैकल्टी योजना विशेष रूप से विदेशी वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के लिये एक समर्पित कार्यक्रम है जिसमें प्रमुख रूप से NRI तथा PIO/OCI पर ज़ोर दिया गया है ताकि वे भारतीय सार्वजनिक वित्त पोषित शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों में एक विशिष्ट अवधि के लिये सहायक/विज़िटिंग फैकल्टी के रूप में कार्य कर सकें।
- प्रस्तावित प्रोत्साहन:
- VAJRA संकाय को उनकी यात्रा और मानदेय को कवर करने के लिये एक वर्ष में उनकी सहभागिता के पहले महीने में 15,000 अमेरिकी डॉलर तथा अन्य दो महीनों में 10,000 अमेरिकी डॉलर प्रति माह की राशि प्रदान की जाएगी।
- हालाँकि आवास, चिकित्सा/व्यक्तिगत बीमा आदि के लिये कोई अलग सहायता प्रदान नहीं की जाती है, मेज़बान संस्थान अतिरिक्त सहायता प्रदान करने पर विचार कर सकता है।
- फैकल्टी को भुगतान भारतीय रुपए में किया जाएगा।
- VAJRA संकाय को उनकी यात्रा और मानदेय को कवर करने के लिये एक वर्ष में उनकी सहभागिता के पहले महीने में 15,000 अमेरिकी डॉलर तथा अन्य दो महीनों में 10,000 अमेरिकी डॉलर प्रति माह की राशि प्रदान की जाएगी।
- कार्यान्वयन:
- वज्र संकाय योजना विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
- एसईआरबी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का एक वैधानिक निकाय है। इसकी स्थापना वर्ष 2008 में संसद के एक अधिनियम (विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड अधिनियम, 2008) के माध्यम से की गई थी।
- एसईआरबी के उद्देश्यों में विज्ञान और इंजीनियरिंग में बुनियादी अनुसंधान को बढ़ावा देना तथा शोधकर्त्ताओ, शैक्षणिक संस्थानों एवं अन्य एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है।
- वज्र संकाय योजना विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. अमेरिका एवं यूरोपीय देशों की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रवासियों को एक निर्णायक भूमिका निभानी है। उदाहरणों सहित टिप्पणी कीजिये। (2020) |