शासन व्यवस्था
वैक्सीन पासपोर्ट
- 11 Mar 2021
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
दुनिया भर की सरकारें कोरोना वायरस से सुरक्षित लोगों की पहचान कर अर्थव्यवस्था को पुनः शुरू करने के लिये वैक्सीन पासपोर्ट (Vaccine Passports ) के संभावित उपयोग पर विचार कर रही हैं।
प्रमुख बिंदु:
वैक्सीन पासपोर्ट के बारे में:
- वैक्सीन पासपोर्ट एक ई-सर्टिफिकेट है जो नौकरियों और कोविड -19 के परीक्षण स्थिति के रिकॉर्ड को संग्रहीत करता है।
- इसे स्मार्टफोन एप या अन्य डिजिटल प्रारूपों में रखा जा सकता है।
- जब लोग एक देश से दूसरे देश में प्रवेश करते हैं अर्थात् सीमाओं के पार जाते हैं तो इसमें उपलब्ध जानकारियों का निरीक्षण सुरक्षा चौकियों पर किया जा सकता है।
- यह विचार टीकाकरण (Vaccination) के प्रमाण पर आधारित है जिसकी आवश्यकता महामारी से पहले भी कई देशों को थी।
- कई अफ्रीकी देशों के यात्रियों को अमेरिका या भारत में यात्रा करने हेतु प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है कि उन्हें पीत ज्वर (Yellow Fever) जैसे रोगों का टीका लगाया गया है या नहीं।
- फरवरी 2021 में इज़राइल इस प्रमाणन प्रणाली (Certification System) की शुरुआत करने वाला पहला देश बन गया, जो ऐसे लोगों को अपने यहाँ आने की अनुमति देता है जिन्हें कोविड-19 की रोकथाम हेतु टीका लगाया गया है।
वैक्सीन पासपोर्ट का कार्य:
- यह देशों में टीकाकरण रिकॉर्ड को डिजिटल करेगा।
- यह इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करता है कि वैक्सीन पासपोर्ट धारक को कोविड -19 का टीका लगाया गया है और वह सुरक्षित है।
वैक्सीन पासपोर्ट के संभावित लाभार्थी:
- इसका प्राथमिक लाभ पर्यटन और आतिथ्य उद्योगों को मिलेगा ये दोनों क्षेत्र कोविड -19 के समय सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्री, जो संक्रमण के फैलने के कारण बड़े पैमाने पर पीड़ित हुए हैं।
समान पहल: कई गैर-लाभकारी संगठन अंतर्राष्ट्रीय यात्रा हेतु अपने स्वयं के संस्करण (Versions) जारी कर रहे हैं:
- IATA ट्रैवल पास: एयरलाइनों का प्रतिनिधित्व करने वाली वैश्विक व्यापार संस्था (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) आईएटीए ट्रैवल पास नामक एक एप विकसित कर रही है जिसे टीकाकरण के प्रमाण और इसकी वैधता की जांँच करने हेतु एक साझा मंच के साथ एयरलाइंस और अन्य विमानन उद्योग हितधारकों को प्रदान किया जाएगा।
- कॉमन पास: गैर-लाभकारी कॉमन प्रोजेक्ट, कॉमन पास नामक एक एप को विकसित करने का प्रयास कर रहा है, जिसमें एक यात्री का टीकाकरण रिकॉर्ड शामिल होता है।
संस्थागत टीका पासपोर्ट से संबंधित चिंताएँ
- WHO का रुख:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) कोविड -19 टीकाकरण के साक्ष्यों को अंतर्राष्ट्रीय यात्रा हेतु आवश्यक किये जाने के खिलाफ है।
- कोविड-19 के प्रसार को कम करने में टीकाकरण की प्रभावकारिता अभी भी पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं।
- एकरूपता का अभाव: क्रियान्वयन में प्रमुख कठिनाई आवश्यक क्षेत्राधिकार में एकरूपता का अभाव तथा टीकाकरण के साक्ष्य जारी करने में होगी।
- टीकों की अपर्याप्तता: यात्रियों के उच्च टीकाकरण से उन लोगों के लिये टीकों के अभाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिन्हें कोविड-19 संक्रमण का उच्च जोखिम बना हुआ है।
- यात्रा हेतु टीकाकरण को अनिवार्य बनाना सीमित वैक्सीन आपूर्ति की समान वैश्विक पहुँच में बाधा उत्पन्न करेगा और समाजों तथा समग्र वैश्विक स्वास्थ्य के लिये टीकाकरण के लाभों को अधिकतम करने की संभावना को कम कर देगा।
- भेदभाव और असमानता: विशेषज्ञों का तर्क है कि वैक्सीन पासपोर्ट यात्रा में असमानता को बढ़ावा देगा । इन डिजिटल पासपोर्टों की वजह से भेदभाव और असमानता बढ़ने से सामाजिक आर्थिक समूहों के मध्य टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- अमीर देश जो पहले ही दवा कंपनियों से लाखों खुराक खरीद चुके हैं, इस दौड़ में आगे हैं, जबकि गरीब देशों को टीकाकरण शुरू करने हेतु महीनों इंतज़ार करना पड़ सकता है।
- इसका मतलब है कि यदि वैक्सीन पासपोर्ट को अनिवार्य किया जाता है, तो निम्न-आय वाले राष्ट्र इसका लाभ प्राप्त करने में पीछे रह जाएंगे।
- इससे वह युवा पीढ़ी बाहर हो जाएगी जो टीकाकरण की कतार में शामिल है।
- गोपनीयता से संबंधित चिंता: ये मुख्य रूप से डिजिटल प्रमाण पत्र हैं जिन्हें किसी विशेष सेवा प्रदाता द्वारा टीकाकरण के प्रमाण की जांँच हेतु उपयोग किया जाता है, इस बात की संभावना है कि इसका उपयोग अधिकारियों द्वारा इनके धारकों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिये किया जाएगा।