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भारतीय अर्थव्यवस्था

उषा थोराट टास्क फोर्स

  • 01 Mar 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों-

आर.बी.आई. ने उषा थोराट (पूर्व डिप्टी गवर्नर) की अध्यक्षता में एक समिति (आठ सदस्यीय समिति) का गठन किया है। इसका कार्य अपतटीय रुपए बाज़ार में भारतीय मुद्रा की स्थिरता हेतु आवश्यक नीतियाँ बनाने हेतु सुझाव देना है। यह समिति अपनी रिपोर्ट जून 2019 तक जमा करेगी।

(अन्य सदस्य-अजीत रानाडे, सुरेन्द्र रोशा, साजिद चिनॉय आर्थिक मामले विभाग से नामित एक सदस्य जे.पी. मार्गन के सदस्य)

अन्य कार्य-

  • यह समिति के ऑफशोर रूपी मार्केट/अपतटीय रुपए बाज़ार (Off Shore Rupee Market) के विकास के कारकों पर भी ध्यान देगी। साथ ही यह समिति घरेलू बाज़ार में विनिमय दरों तथा बाज़ार तरलता पर अपतटीय बाज़ारों से पड़ने वाले प्रभावों का भी अध्ययन करेगी।
  • यह समिति अपतटीय रुपए व्यापार से उत्पन्न अन्य मुद्दों पर भी ध्यान देगी और उनके समाधान का सुझाव देगी। साथ ही अप्रवासी भारतीयों से घरेलू बाज़ार संदर्भों में प्रोत्साहन प्राप्ति में वृद्धि हेतु भी सुझाव देगी। यह समिति भारतीय मुद्रा के अप्रवासी भारतीयों के बीच चलन/उपयोग बढ़ाने के प्रयासों पर भी विचार करेगी।

ऑफशोर रूपी मार्केट/अपतटीय रुपए बाज़ार

  • भारतीय राष्ट्रीय सीमा के बाहर ‘रुपया’ एक मुद्रा है जिसमें अन्य प्रकार के व्यापार और लेन-देन भी होते हैं। घरेलू मुद्रा के अंतर्राष्ट्रीयकरण से भी यह बाज़ार जुड़ा है। अपतटीय रुपए बाज़ार का सबसे अच्छा उदाहरण मसाला बांड भी है जिसका प्रयोग अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से पैसे लेने हेतु किया जाता है लेकिन यह कार्य भारतीय मूल्य वर्ग में ही होगा।

विनिमय दर

  • विदेशी धरती पर एक देशी मुद्रा की कीमत वहाँ की मुद्रा के किसी मात्रा के बराबर होगी। यह तय करने वाली दर को मुद्रा विनिमय दर या विनिमय दर कहा जाता है।

स्रोत: टाईम्स ऑफ इंडिया, द हिंदू

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