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प्रोबायोटिक्स ड्रग के वितरण के लिये स्टार्च का उपयोग

  • 30 Aug 2017
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में कश्मीर विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने दिखाया है कि चावल और अनाजों में मौजूद स्टार्च को रासायनिक तरीके से फेरबदल कर एक ऐसा पदार्थ विकसित किया जा सकता है जो लाभप्रद आंत बैक्टीरिया को पेट में पचाए जाने से रक्षा कर सकता है।   

प्रमुख बिंदु 

  • प्रतिरोधी स्टार्च (resistant starch) ही स्टार्च का वह हिस्सा है जो छोटी आंत में पाचन से बच जाता है। 
  • शोधकर्त्ताओं को पेट में अम्लीय वातावरण में जीवित रहने की प्रतिरोधी स्टार्च की क्षमता और ग्रहणी में स्रावित पित्त लवण का ज्ञान तो था, लेकिन इस विशेषता से एक बेहतर दवा वितरण प्रणाली विकसित करने का कभी प्रयास नहीं किया गया है, जो वर्तमान में प्रचलित प्रणाली की तुलना में बहुत सस्ती हो सकती है।   
  • कश्मीर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हाल ही में ‘फूड कैमिस्ट्री’ पत्रिका के ऑनलाइन प्रकाशन में बताया था कि इस वितरण प्रणाली का उपयोग बृहदान्त्र (कोलोन) में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया को पहुँचाने के लिये किया जा सकता है।    
  • आंत के बैक्टीरिया का एक स्वस्थ संकेन्द्रन बृहदान्त्र को साफ रखने के लिये आवश्यक है। शरीर में सबसे अधिक सूक्ष्मजीवी किण्वन बृहदान्त्र में ही होता है। 

इसके फायदे 

  • यह प्रणाली न केवल सस्ती है बल्कि सुरक्षित भी है। इसका इस्तेमाल अन्य दवाओं को उनके लक्षित स्थान तक पहुँचाने में भी किया जा सकता है।    
  • यह तरीका गेलाटीन (Gelatin) का विकल्प हो सकता है।    
  • वर्तमान में कुछ कैप्सूलों में मछलियों से प्राप्त गेलाटीन का प्रयोग किया जाता है, जिसे बड़ी संख्या में शाकाहारी लोग स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। उनके लिये स्टार्च एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
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