अमेरिका पर अतिरिक्त शुल्क का प्रभाव | 05 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत द्वारा 28 अमेरिकी सामानों पर लगाए गए अतिरिक्त सीमा शुल्क काअमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में विरोध किया है।
प्रमुख बिंदु
- पिछले वर्ष भारत से आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिका द्वारा लगाए गए एकतरफा अतिरिक्त शुल्क के विरोध में भारत द्वारा लगाए गए इस अतिरिक्त सीमा शुल्क को अमेरिका विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन मानता है।
- अमेरिका ने दावा किया है कि जो अतिरिक्त शुल्क, भारत ने जून 2018 और जून 2019 के बीच जारी की गई अधिसूचनाओं की श्रृंखला के माध्यम से लगाया है, यह विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization-WTO) के प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौते(General Agreement on Tariffs and Trade-GATT) के प्रावधानों से असंगत है।
- भारत का तर्क है कि सुरक्षा उपायों परविश्व व्यापार संगठन के समझौते के तहत उसे जबाबी कार्यवाही की अनुमति है।
- अमेरिका का कहना है कि उसके द्वारा लगाए गए टैरिफ सुरक्षात्मक उपाय नहीं हैं, बल्कि ये अमेरिकी व्यापार विस्तार अधिनियम 1962 (US Trade Expansion Act, 1962) की धारा 232 के अंतर्गत राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र लगाए गए थे।
- यदि दो देशों के बीच विवाद का समाधान परामर्श के माध्यम से नहीं हो पाता है तो अमेरिका WTO को इस संबंध में निर्णय लेने हेतु एक पैनल गठित करने के लिये कह सकता है।