अमेरिका ने लगाया स्टील, एल्युमीनियम पर आयात शुल्क: वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका | 02 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
अमेरिका ने 31 मई की मध्यरात्रि से यूरोपीय संघ, कनाडा और मेक्सिको से इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ लगाने का फैसला किया है साथ ही शुल्क से मिल रही रियायत को समाप्त कर दिया है| इस फैसले से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है|
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मार्च में स्टील पर 25% और एल्युमीनियम पर 15% आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी।
- 30 अप्रैल को अमेरिका ने इन देशों के लिये अस्थायी रियायत 30 दिनों के लिये बढ़ा दी थी, ताकि दोनों पक्षों के बीच बातचीत किसी निष्कर्ष पर पहुँच सके।
- किंतु वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं होने के कारण ट्रंप प्रशासन ने स्टील पर 25% और एल्युमीनियम पर 10% आयात शुल्क लागू कर दिया है।
- अर्थात् अब जो भी देश अमेरिका को ये धातुएँ निर्यात करेंगे, उन्हें टैक्स के रूप में इसकी अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ेगी।
- अमेरिका हर साल यूरोपियन यूनियन से 593 बिलियन डॉलर्स (करीब 40 लाख करोड़ रुपए) का सामान आयात करता है, वहीं 501 बिलियन डॉलर्स (करीब 33 लाख करोड़ रुपए) का सामान निर्यात करता है।
अमेरिका ने क्यों उठाया यह कदम?
- ट्रंप प्रशासन ने 8 मार्च को इस्पात और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी। हालाँकि, कनाडा और मेक्सिको को इस टैक्स घेरे से बाहर रखा गया था।
- ट्रंप ने कहा, ‘अनुचित' विदेश व्यापार गतिविधियाँ न केवल मात्र ‘आर्थिक बर्बादी' है बल्कि यह ‘सुरक्षा आपदा' भी है और उन्होंने दो आदेशों पर हस्ताक्षर कर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा का बचाव किया है|
- ट्रंप प्रशासन के मुताबिक स्टील और एल्युमीनियम उत्पादक अमेरिकी देशों की सुरक्षा के लिये यह अहम फैसला है| वैश्विक सप्लायर्स की भरमार से उन पर खतरा उत्पन्न हुआ है।
- यूरोपियन यूनियन, कनाडा और मेक्सिको के साथ आगे की वार्ता में प्रगति नहीं हो पाना भी अमेरिका के इस कदम के लिये ज़िम्मेदार है|
वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका
- यूरोपियन यूनियन (EU), कनाडा और मेक्सिको ने इस फैसले को अनुचित करार दिया है और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है|
- कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो ने कहा कि इस फैसले से जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई हम अमेरिका पर टैक्स लगाकर करेंगे।
- अमेरिका और यूरोप के बीच हर साल 73 लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होता है।
- EU ने 10 पन्नों की लिस्ट जारी की है इस पर उन अमेरिकी उत्पादों का जिक्र है जिन पर टैक्स लगाने की चेतावनी दी गई है। EU ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) में भी अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी है।
- कनाडा 1 जुलाई से 13 बिलियन डॉलर की कीमत के अमेरिकी उत्पादों पर 25% शुल्क लगा सकता है।
- मेक्सिको भी अमेरिका से आयात होने वाले स्टील, पोर्क, सेब, अंगूर और पनीर पर टैरिफ लगा सकता है।
- ब्रिटेन ने कहा है कि इस्पात पर 25% आयात शुल्क अधिरोपित करना असंगत है इससे सहयोगी देशों में बदले की भावना से की गई कार्रवाई का भाव आएगा और दूरियाँ बढ़ेंगी।
- ट्रंप प्रशासन ने कार आयात पर टैरिफ लगाने की चीन को धमकी दी है| साथ ही अमेरिका ने बीजिंग को चीन से 50 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ लगाकर उसकी तकनीक चुराने के लिये दंडित करने की चेतावनी भी दी है।
- अमेरिका और चीन के बीच पिछले 3 महीनों से ट्रेड-वार जारी है। अमेरिका ने चीन से निर्यात होने वाले उत्पादों के बड़े हिस्से पर आयात शुल्क लगा दिया था।
- अमेरिका का कहना था कि चीन का ज़्यादातर सामान बिना किसी आयात शुल्क के अमेरिका पहुँचता है, जबकि वह अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क लगाता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को ज़्यादा फायदा नहीं पहुँचता है।
ऑस्ट्रेलिया और ब्राज़ील को रियायत
- ट्रंप प्रशासन ने अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया और ब्राज़ील को टैरिफ से अनिश्चितकालीन छूट दी है| अमेरिका ने यह कदम इन व्यापारिक भागीदार देशों से सैद्धांतिक सहमति के मद्देनज़र उठाया है|
- अमेरिका द्वारा दक्षिण कोरिया के साथ हुई वार्ता के बाद उसे इस्पात शुल्क से स्थायी छूट दी गई है|
क्या होगा आर्थिक प्रभाव?
- कनाडा, मेक्सिको और यूरोपियन संघ ने 2017 में यूएस को 23 बिलियन डॉलर (£17 बिलियन) स्टील और एल्युमीनियम का निर्यात किया जो पिछले साल के कुल स्टील और एल्युमीनियम आयात के 48 अरब डॉलर का आधा है।
- यूरोपियन फर्में इस बात से भयभीत हैं कि अमेरिका में विदेशी स्टील की मांग कम होने से नौवहन का मार्ग बदल न जाए।
- इससे अमेरिका को आर्थिक प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है, जो उच्च कीमतों और रोज़गार के नुकसान के रूप में दिखाई देगा|
- अमेरिका में स्टील की कीमतें अनिश्चितता के कारण पहले ही बढ़ी हैं और टैरिफ आयात में वृद्धि के कारण और बढ़ सकती हैं।
- अमेरिका के बाहर उपभोक्ता कुछ सामानों की कीमतों में गिरावट देख सकते हैं, जबकि अमेरिका में लोगों को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।