अमेरिका द्वारा विश्व स्वास्थ्य असेंबली में स्तनपान संबंधी संकल्प को रोकने की कोशिश | 09 Jul 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य असेंबली में स्तनपान कराने संबंधी संकल्प को रोकने की कोशिश की तथा इस प्रस्ताव को रोकने हेतु अन्य देशों पर दबाव भी डाला, लेकिन आखिरकार अमेरिका अपने इरादों में असफल रहा।
प्रमुख तथ्य
- टाइम्स पत्रिका के अनुसार, इक्वाडोर ने इस संकल्प को रोकने के संयुक्त राज्य अमेरिका के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया तो ट्रंप प्रशासन ने इक्वाडोर से व्यापार समाप्त करने और उसको दी जाने वाली सैन्य सहायता वापस लेने की धमकी दी।
- अमेरिका के भय से कई अन्य देश भी संकल्प को प्रायोजित करने से पीछे हट गए हालाँकि, इस बातचीत के दो दिन बाद रूस ने इसे विश्व स्वास्थ्य असेंबली में पुनः प्रस्तावित किया।
- हाल ही के वर्षों में अमीर देशों/विकसित देशों में $ 70 बिलियन शिशु फॉर्मूला उद्योग आधारित उत्पादों की बिक्री की प्रवृत्ति देखी गई है।
- यूरोमोनीटर के अनुसार, वर्ष 2018 में इन वैकल्पिक उत्पादों की वैश्विक बिक्री में 4 प्रतिशत की वृद्धि होने के साथ-साथ विकासशील देशों में भी इनमें वृद्धि होने की संभावना है।
- पिछले कई दशकों पर आधारित शोधों के निष्कर्षों के मुताबिक स्तनपान बच्चों के स्वास्थ्य के लिये अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक लाभदायक है और सभी देशों को स्तनपान के अन्य विकल्पों के गलत या भ्रामक विपणन को सीमित करने का प्रयास करना चाहिये।
- हालाँकि यह मुद्दा भी सही है कि सभी माताएँ अपने शिशुओं को स्तनपान कराने में सक्षम नहीं हैं।
- वर्ष 2016 के एक अध्ययन के मुताबिक, "प्रत्येक वर्ष स्तनपान को बढ़ावा देकर 823,000 बच्चों और 20,000 माताओं की मौत को रोका जा सकता है और साथ ही सार्वभौमिक रूप से 300 अरब डॉलर (यूएसडी) की आर्थिक बचत भी की जा सकती है।"
- उल्लेखनीय है कि स्तनपान के संकल्प से, इसके विभिन्न विकल्पों को मुहैया कराने वाली लोकप्रिय कंपनियों के उत्पादों तथा शिशु फॉर्मूला निर्माताओं की बिक्री में कटौती होने की संभावना है, इसी कारण इन कंपनियों द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है।