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अमेरिका ने घटाया अपना नाटो बजट

  • 29 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

नाटो

मेन्स के लिये

वर्तमान समय में नाटो स्थिति, महत्ता

चर्चा में क्यों?

अमेरिका नाटो के संचालन बजट में अपने योगदान को कम करेगा जबकि जर्मनी अपनी हिस्सेदारी में इज़ाफा करेगा। अमेरिका द्वारा यह कदम संगठन के यूरोपीय सदस्यों की बार-बार आलोचना के बाद उठाया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • नए फार्मूले के तहत यूरोपीय देश और कनाडा का योगदान बढ़ेगा तथा अमेरिका बजट में अपने हिस्से को कमी करेगा।
  • अमेरिका फिलहाल नाटो बजट में 22.1% का योगदान देता है, जबकि जर्मनी की हिस्सेदारी 14.8% है। यह प्रत्येक देश की सकल राष्ट्रीय आय के आधार तय किये गए फार्मूले के तहत होता है।
  • नए समझौते के तहत, अमेरिका कुल बजट में अपना योगदान कम करके 16.35% करेगा जबकि जर्मनी और अन्य सदस्य देश अपने योगदान में वृद्धि करेंगे।
  • हालाँकि फ्राँस ने नए समझौतों को मानने से इनकार किया है, वह अपनी हिस्सेदारी को 10.5% पर ही बनाए रखेगा।

पृष्ठभूमि

  • वर्ष 2014 के वेल्स शिखर सम्मेलन में नाटो के सहयोगी सदस्य देशों ने 10 वर्षों के भीतर रक्षा क्षेत्र में जीडीपी का 2% खर्च करने पर सहमति व्यक्त की थी। जबकि अमेरिका ने ब्रुसेल्स में नाटो शिखर सम्मेलन के सदस्यों से रक्षा क्षेत्र में जीडीपी का 4% तक खर्च बढ़ाने की मांग रखी। अमेरिका की मांग नाटो के रक्षा क्षेत्र में मौजूदा योगदान को 2% के लक्ष्य से बढ़ाकर दोगुना करने की थी।
  • अमेरिका लंबे समय से यूरोपीय नाटो के सदस्य देशों की आलोचना करता रहा है कि वे नाटो के लिये पर्याप्त भुगतान नहीं करते हैं।
  • 2019 तक नाटो के 29 सदस्यों में से केवल आठ सदस्य अपने सकल घरेलू उत्पाद का 2% रक्षा पर खर्च करने में सक्षम हैं। जर्मनी इस लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहा है।
  • उत्तरी सीरिया में कुर्द के खिलाफ यूरोप एवं अमेरिकी और तुर्की के सैन्य अभियान के बीच खराब समन्वय ने नाटो की बिगड़ती स्थिति को बढ़ावा दिया है, इसप्रकार यह नाटो की सक्रियता को पुन: परिभाषित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन

(North Atlantic Treaty Organization-NATO)

  • नाटो एक अंतर्सरकारी सैन्य गठबंधन है जिसकी स्थापना 4 अप्रैल, 1949 में हुई थी।
  • इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है।
  • 1949 में इसके 12 संस्थापक सदस्य थे जिसमें बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्राँस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
  • अन्य सदस्य देशों में ग्रीस और तुर्की(1952), जर्मनी (1955), स्पेन(1982), चेक गणराज्य, हंगरी और पोलैंड(1999), बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया व स्लोवेनिया(2004), अल्बानिया एवं क्रोएशिया(2009) तथा मॉन्टेनेग्रो(2017) शामिल हैं।
  • वर्तमान में इस संगठन में 29 सदस्य देश शामिल हैं।

प्रमुख प्रावधान

  • संधि के एक प्रमुख प्रावधान (तथाकथित अनुच्छेद 5) में कहा गया है कि यदि यूरोप या उत्तरी अमेरिका में संगठन के एक सदस्य पर हमला किया जाता है, तो इसे सभी सदस्यों पर हमला माना जाएगा। इसने प्रभावी रूप से पश्चिमी यूरोप को अमेरिका के "परमाणु छत्र" के तहत रखा है।
  • नाटो ने केवल 12 सितंबर, 2001 को अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 के हमलों के बाद अनुच्छेद 5 को एक बार लागू किया था।
  • नाटो का संरक्षण सदस्यों के गृह युद्ध या आंतरिक तख्तापलट तक सीमित नहीं है।
  • वर्ष 1966 में फ्राँस नाटो की एकीकृत सैन्य कमान से हट गया लेकिन संगठन का सदस्य बना रहा। हालाँकि इसने वर्ष 2009 में NATO की सैन्य कमान में फिर से अपना स्थान बना लिया।

स्रोत: द हिंदू

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