भारत-विश्व
UNSC बैठक और चीन एवं पाकिस्तान
- 24 Aug 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में UNSC (UN Security Council) ने ‘सशस्त्र संघर्ष की स्थिति में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कुशलता के प्रोत्साहन’ (Advancing the Safety and Security of Persons Belonging to Religious Minorities in Armed Conflict) पर एक बैठक का आयोजन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में चीन और पाकिस्तान में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने के लिये इन देशों की आलोचना की गई।
- इस बैठक में धार्मिक स्वतंत्रता को देशों के भीतर और देशों के मध्य शांति व स्थिरता के लिये आवश्यक माना गया।
- दोनों देशों में ईसाई, अहमदी, उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को उत्पीड़ित किये जाने के कारण इन्हें अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा बैठक में बुलाया गया था।
- इस बैठक में विश्व से यहूदी विरोधी (Anti-Semitism), मुस्लिम विरोधी, ईसाइयों और अन्य धार्मिक समूहों के उत्पीड़न तथा सभी प्रकार के नस्लवाद (Racism), ज़ेनोफ़ोबिया (Xenophobia), भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
- प्रथम अंतर्राष्ट्रीय दिवस (22 अगस्त 2019) के अवसर पर धर्म या विश्वास के आधार पर हिंसा पीड़ितों का स्मरण करने के लिये इस बैठक का आयोजन किया गया।
- अरिया-फार्मूला (Arria-Formula) पर आधारित इस बैठक का आयोजन पोलैंड द्वारा किया गया।
चीन के संदर्भ में
- चीन में उइगर (Uighur), कज़ाख (Kazakhs) और मुस्लिम (Muslims), तिब्बती बौद्ध (Tibetan Buddhists), कैथोलिक (Catholics), प्रोटेस्टेंट (Protestants) तथा फालुन गोंग (Falun Gong) सहित कई धार्मिक समूहों के सदस्यों को गंभीर उत्पीड़न एवं दमन का सामना करना पड़ रहा है।
- चीन की तरह धार्मिक अभिव्यक्ति और सार्वजनिक क्षेत्र में धर्म की भूमिका को प्रतिबंधित करने के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा का उपयोग करने वाले देशों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
पाकिस्तान के संदर्भ में
- पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अराजक तत्त्वों एवं भेदभावपूर्ण कानून और प्रथाओं के आधार पर उत्पीड़न किया जाता है।
अरिया-फार्मूला (Arria-Formula)
- अरिया फॉर्मूला एक अनौपचारिक व्यवस्था है जो UNSC को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों के बारे में अधिक लचीलापन प्रदान करता है।
- मार्च 1992 में इसे पहली बार लागू किया गया।
- यह बैठक प्रत्येक माह आयोजित की जाती है।