अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 | 12 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 (Unregulated Deposit Schemes Bill, 2019) को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि यह विधेयक अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी अध्यादेश, 2019 का स्थान लेगा।
- अब यह विधेयक देश में अवैध रूप से जमा राशि जुटाने के जोखिम से कारगर ढंग से निपटने तथा इस तरह की योजनाओं के ज़रिये गरीबों एवं भोले-भाले लोगों की मेहनत की कमाई हड़प लेने पर रोक लगाने की दृष्टि से और मज़बूत हो जाएगा।
विधेयक के प्रावधान
- अनियमित जमा राशि जुटाने की गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध।
- अनियमित जमा राशि जुटाने वाली योजना का प्रचार-प्रसार अथवा संचालन के मामले में कठोर दंड।
- जमाकर्त्ताओं को पुनर्भुगतान के मामले में धोखाधड़ी और डिफॉल्ट करने पर कठोर दंड।
- जमा राशि जुटाने वाले प्रतिष्ठान को डिफॉल्टर घोषित किये जाने की स्थिति में जमा राशि का पुनर्भुगतान सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा एक सक्षम प्राधिकरण को अधिकृत करना।
- सक्षम प्राधिकरण को अधिकार सौंपना, जिसमें डिफॉल्टर प्रतिष्ठान की परिसम्पत्तियाँ ज़ब्त करने का अधिकार देना भी शामिल हैं।
- जमाकर्त्ताओं के पुनर्भुगतान की निगरानी करने और अधिनियम के तहत आपराधिक कार्रवाई करने के लिये अदालतों को अधिकृत करना।
- विधेयक में नियमित जमा योजनाओं की सूची पेश करना, इसमें एक ऐसा प्रावधान होगा जिसके तहत केंद्र सरकार इस सूची को बड़ा या छोटा कर सकेगी।
विधेयक के उद्देश्य
- यह विधेयक अनियमित तौर पर जमा राशि जुटाने से जुड़ी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा देगा। इसके तहत ऐसी गतिविधियों को प्रत्याशित अपराध माना जाएगा, जबकि मौजूदा विधायी-सह-नियामकीय फ्रेमवर्क केवल व्यापक समय अंतराल के बाद ही यथार्थ या अप्रत्याशित रूप से प्रभावी होता है।
- विधेयक में अपराधों के तीन प्रकार निर्दिष्ट किये गए हैं, जिनमें अनियमित जमा योजनाएँ चलाना, नियमित जमा योजनाओं में धोखाधड़ी के उद्देश्य से डिफॉल्ट करना और अनियमित जमा योजनाओं के संबंध में गलत इरादे से प्रलोभन देना शामिल हैं।
- विधेयक में कठोर दंड देने और भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है, ताकि लोगों की इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लग सके।
- विधेयक में उन मामलों में जमा राशि को वापस लौटाने या पुनर्भुगतान करने के पर्याप्त प्रावधान किये गए हैं, जिनके तहत ये योजनाएँ किसी भी तरह से अवैध तौर पर जमा राशि जुटाने में सफल हो जाती हैं।
- विधेयक में सक्षम प्राधिकरण द्वारा संपत्तियों/परिसंपत्तियों को ज़ब्त करने और जमाकर्त्ताओं को पुनर्भुगतान किये जाने के उद्देश्य से इन परिसंपत्तियों को हासिल करने का प्रावधान किया गया है।
पृष्ठभूमि
- अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2018 पर लोकसभा ने 13 फरवरी, 2019 को अपनी बैठक में विचार किया और इसे विचार-विमर्श के बाद में प्रस्तावित सरकारी संशोधनों के माध्यम से अनियमित जमा योजना विधेयक, 2019 के रूप में पारित किया।
- इस विधेयक पर राज्य सभा विचार नहीं कर सकी और विधेयक पारित नहीं हो सका, क्योंकि उसी दिन राज्य सभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिये स्थगित हो गई।