यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन | 01 Nov 2019
प्रीलिम्स के लिये:
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन
मेन्स के लिये:
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कार्य पद्धति, भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पाकिस्तान ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union- UPU) के नियमों के विपरीत जाकर भारत से आदान-प्रदान होनी वाली डाक सेवा (Postal Exchange) को (भारत को सूचित किए बगैर) बंद कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- पाकिस्तान के इस कदम से पहले तक दोनों देशों के बीच लगभग दैनिक रूप से डाक का आदान-प्रदान किया जा रहा था। दोनों देशों के बीच कोई नियमित और सीधा हवाई संपर्क नहीं होने के कारण सऊदी अरब के हवाई मार्ग से डाक का आदान-प्रदान किया जा रहा था।
- भारत में सभी अंतर्राष्ट्रीय डाकों को 28 अधिकृत डाकघरों के माध्यम से प्रबंधित किया जाता है, इनमें से दिल्ली और मुंबई के डाकघरों को पाकिस्तान के साथ आदान-प्रदान होने वाली डाकों के लिये नामित किया गया है।
- UPU के अतिरिक्त तीन और समझौते- एक्सचेंज ऑफ वैल्यू पेबल आर्टिकल (Exchange of Value Payable Article), 1948; एक्सचेंज ऑफ पोस्टल आर्टिकल (Exchange of Postal Article), 1974 तथा इंटरनेशनल स्पीड पोस्ट एग्रीमेंट (International Speed Post Agreement), 1987 भारत एवं पाकिस्तान के बीच डाकों के आदान-प्रदान को विनियमित करते हैं।
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के बारे में:
- यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union-UPU) अंतर्राष्ट्रीय डाकों के आदान-प्रदान को विनियमित करता है और अंतर्राष्ट्रीय डाक सेवाओं के लिये दरों को तय करता है।
- इसका गठन वर्ष 1874 में किया गया था और इसका मुख्यालय स्विज़टरलैंड के बर्न में स्थित है।
- वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 192 हैं।
- इसकी चार इकाइयाँ निम्नलिखित हैं-
- काॅन्ग्रेस।
- प्रशासन परिषद।
- अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो।
- डाक संचालन परिषद।
- यह विश्व भर के 6.40 लाख पोस्टल आउटलेट को नियंत्रित करता है। भारत 1 जुलाई, 1876 और पाकिस्तान 10 नवंबर, 1947 को UPU में शामिल हुए थे।
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की क्रियाविधि:
- UPU की एक इकाई अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो ने वर्ष 2018 में एक कन्वेंशन मैनुअल (Convention Manual) जारी किया, जिसके अनुच्छेद 17-143 में डाक सेवाओं के अस्थायी निलंबन और बहाली के लिये उठाए गए कदमों का विवरण दिया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो के नियमों के तहत जब कोई देश किसी देश के साथ विनिमय को निलंबित करने का फैसला करता है तो उसे दूसरे देश (जैसे भारत) को इस बारे में सूचित करना चाहिये, साथ ही यदि संभव हो तो जिस अवधि के लिये सेवाएँ रोकी जा रही हैं उसका भी विवरण दिया जाना चाहिये। इसके अतिरिक्त सभी सूचनाएँ अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो के साथ भी साझी की जानी चाहिये।
- भारत और पाकिस्तान के बीच संपन्न तीन द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार भी पाकिस्तान को निलंबन की पूर्व सूचना भारत को देनी चाहिये थी।