UPU के संविधान में 10वाँ अतिरिक्त प्रोटोकोल | 28 Dec 2019
प्रीलिम्स के लिये:
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन
मेन्स के लिये:
अंतर्राष्ट्रीय डाकों के आदान-प्रदान को विनियमित करने में UPU की भूमिका।
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के संविधान में 10वें अतिरिक्त प्रोटोकॉल को शामिल किये जाने की पुष्टि कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रोटोकॉल को 3-7 सितंबर, 2018 तक अदीस अबाबा (इथियोपिया की राजधानी) में आयोजित UPU कॉन्ग्रेस की विशेष बैठक में अंगीकार किया गया था।
- मंत्रिमंडल की मंज़ूरी मिलने के बाद भारत सरकार के डाक विभाग को इस पर भारत के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर प्राप्त करने तथा भारत सरकार के कानूनों के अनुरुप इसे राजनयिक माध्यम से UPU के महानिदेशक को सौंपने का अधिकार प्राप्त हो गया है।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा UPU के संविधान में दसवें अतिरिक्त प्रोटोकॉल को शामिल करने की पुष्टि किये जाने से भारत एक सदस्य देश के रूप में UPU के संविधान के 25वें अनुच्छेद की बाध्यताओं को पूरा कर सकेगा।
- इसके साथ ही डाक विभाग UPU की संधियों के प्रावधानों को भारत में लागू करने के लिये कोई भी प्रशासनिक आदेश जारी कर सकेगा।
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के बारे में
- इसका गठन वर्ष 1874 में किया गया था और इसका मुख्यालय स्विज़टरलैंड के बर्न में स्थित है।
- यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU), दुनिया का दूसरा सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। ध्यातव्य है कि पहला और सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय संगठन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union- ITU) है जिसकी स्थापना वर्ष 1865 में की गई थी।
- यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union-UPU) अंतर्राष्ट्रीय डाकों के आदान-प्रदान को विनियमित करता है और अंतर्राष्ट्रीय डाक सेवाओं के लिये दरों को तय करता है।
- वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 192 है।
इसकी चार इकाइयाँ निम्नलिखित हैं-
- काॅन्ग्रेस
- प्रशासन परिषद
- अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो
- डाक संचालन परिषद
इसके अंतर्गत 2 सहकारी समितियाँ/कोऑपरेटिव भी हैं:
- टेलीमैटिक्स कोऑपरेटिव (Telematics Cooperative)
- ई.एम.एस. कोऑपरेटिव (EMS Cooperative)
यह विश्व भर के 6.40 लाख पोस्टल आउटलेट को नियंत्रित करता है। भारत 1 जुलाई, 1876 और पाकिस्तान 10 नवंबर, 1947 को UPU में शामिल हुए थे।
UPU की क्रियाविधि:
- UPU की एक इकाई अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो ने वर्ष 2018 में एक कन्वेंशन मैनुअल (Convention Manual) जारी किया, जिसके अनुच्छेद 17-143 में डाक सेवाओं के अस्थायी निलंबन और बहाली के लिये उठाए गए कदमों का विवरण दिया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो के नियमों के तहत जब कोई देश किसी देश के साथ विनिमय को निलंबित करने का फैसला करता है तो उसे दूसरे देश (जैसे भारत) को इस बारे में सूचित करना चाहिये, साथ ही यदि संभव हो तो जिस अवधि के लिये सेवाएँ रोकी जा रही हैं उसका भी विवरण दिया जाना चाहिये। इसके अतिरिक्त सभी सूचनाएँ अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो के साथ भी साझा की जानी चाहिये।
- उल्लेखनीय है कि हाल ही में पाकिस्तान ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union- UPU) के नियमों के विपरीत जाकर भारत से आदान-प्रदान होनी वाली डाक सेवा (Postal Exchange) को (भारत को सूचित किए बगैर) बंद कर दिया था। जबकि, भारत और पाकिस्तान के बीच संपन्न तीन द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार भी पाकिस्तान को निलंबन की पूर्व सूचना भारत को देनी चाहिये थी।