यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज भारत-जापान साझेदारी | 12 Dec 2018
चर्चा में क्यों?
स्वास्थ्य हमारे मौलिक अधिकारों में से एक है और इसकी अहमियत को समझते हुए जापान द्वारा यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत भी सतत् विकास लक्ष्यों में शामिल स्वास्थ्य संबधी लक्ष्यों को हासिल करने हेतु तत्पर है, लेकिन भारत की अधिकांश आबादी आज भी यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के विषय में अनभिज्ञ है।
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज
- यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का आशय है सभी लोगों और समुदायों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना किये बिना स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करना। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि इन सेवाओं की गुणवत्ता उन लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिये पर्याप्त है।
- उल्लेखनीय है कि 7 अप्रैल, 2018 को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC)/विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया गया।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष की थीम - ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेजः एवरीवन, एवरीवेयर’ को रखा गया था।
जापान में स्वास्थ्य हेतु पहल
- भारत ने आयुष्मान भारत के माध्यम से UHC की तरफ अपना पहला कदम उठाया है हालाँकि, जापान ने वर्ष 1961 में ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कवरेज की रूपरेखा बना ली थी और इस लक्ष्य को साधने का प्रयास भी किया गया।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कवरेज का विस्तार करने और पूरे जापान में मेडिकल स्कूल स्थापित करने के लिये एक प्रमुख राजनीतिक निर्णय की आवश्यकता थी।
- UHC का कार्यान्वयन प्रारंभिक रूप से व्यापक राष्ट्रीय निवेश और स्वास्थ्य, वित्त तथा शिक्षा मंत्रालयों सहित स्थानीय सरकारों द्वारा किये जा रहे व्यापक प्रयासों के माध्यम से ही संभव हो सकता था।
- जापान में इन प्रयासों के लिये व्यापक निवेश भी किया है जिससे जापान में स्वस्थ लोगों तथा स्वस्थ श्रमिकों की संख्या में वृद्धि हुई।
- इसके परिणामस्वरूप इस स्थिति से जापान के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिला है। इसके अलावा, UHC ने आय के पुनर्वितरण के लिये एक तंत्र के रूप में काम करके सामाजिक भागीदारी को सुनिश्चित किया।
- यही कारण है कि जापान के दूरस्थ स्थानों में भी स्वास्थ्य देखभाल के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
- महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जापान ने UHC की उपलब्धता सुनिश्चित करके अपने नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी मानसिक तनाव को दूर किया जोकि समग्र कल्याण का एक अनिवार्य घटक है।
स्वास्थ्य देखभाल के लिये जापान-भारत साझेदारी
- हम बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिये व्यापक परियोजनाओं में जापान के साथ साझेदारी कर रहे हैं।
- जापान ने पहले भारत में पोलियो को खत्म करने के लिये भारत के साथ काम किया है।
- वर्तमान में जापानी और भारतीय डॉक्टर कोलकाता में जापान द्वारा स्थापित डायरिया अनुसंधान और नियंत्रण केंद्र में एक-दूसरे के विचारों और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
- तमिलनाडु के 17 शहरों में, शहरी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को आपसी सहयोग से मज़बूत किया जा रहा है।
- हाल ही में अक्तूबर के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान भारत और जापान द्वारा आयुषमान भारत तथा जापान के एशिया स्वास्थ्य और कल्याण पहल के बीच तालमेल को आगे बढ़ाने के लिये स्वास्थ्य देखभाल पर सहयोग के एक नए ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- इन प्रयासों से बेहतर स्वास्थ्य पारिस्थितिक तंत्र और भारत में UHC को बढ़ावा मिलेगा।
- जापान को भी भारत से सीखने का मौका मिल सकता है, उदाहरण के लिये आयुर्वेद जापान की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक नया आयाम ला सकता है।