संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 | 06 Apr 2023
प्रिलिम्स के लिये:संयुक्त राष्ट्र, सतत् विकास लक्ष्य, जल सम्मेलन, जल क्रांति अभियान, राष्ट्रीय जल मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, नीति आयोग समग्र जल प्रबंधन सूचकांक, जल जीवन मिशन, जल शक्ति अभियान, अटल भूजल योजना। मेन्स के लिये:वैश्विक जल की कमी और उठाए गए कदम, जल संसाधन, संसाधनों का संरक्षण। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने न्यूयॉर्क में 22-24 मार्च तक 46 वर्षों में अपना पहला जल सम्मेलन आयोजित किया। यह सम्मेलन इंटरनेशनल डिकेड फॉर एक्शन की मध्यावधि समीक्षा के साथ संपन्न हुआ।
- संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि हम सतत् विकास लक्ष्य संख्या 6 को पूरा करने के लिये पर्याप्त रूप से प्रतिबद्ध नहीं हैं, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक सभी के लिये स्वच्छ जल और स्वच्छता प्रदान करना है।
- "सतत् विकास के लिये जल 2018-2028" रिपोर्ट के अनुसार, कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए इस पर बल दिया गया है।
जल सम्मेलन:
- परिचय:
- जल सम्मेलन वैश्विक जल संबंधी चुनौतियों को हल करने के लिये एक साथ काम करने हेतु विभिन्न देशों और संगठनों के लोगों को एकजुट करता है। जल की समस्या आमतौर पर स्थानीय होती है लेकिन साथ मिलकर काम करने से विभिन्न देश एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं, तकनीकें साझा कर सकते हैं और समाधान निकाल सकते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन की थीम "अवर वाटरशेड मोमेंट: जल के लिये विश्व को एकजुट करना” (Our watershed moment: uniting the world for water) है, इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय जल संबंधी लक्ष्यों और उद्देश्यों की पूर्ति में सहयोग करना है जो सतत् विकास के लिये वर्ष 2030 एजेंडा में भी सूचीबद्ध है।
- पृष्ठभूमि:
- विगत जल सम्मेलन वर्ष 1977 में (मार डेल प्लाटा, अर्जेंटीना में) आयोजित किया गया था जिसके परिणामस्वरूप सभी के लिये सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की एक वैश्विक कार्ययोजना तैयार की गई थी। इस योजना ने कई विकासशील देशों में सुरक्षित पेयजल की पहुँच से वंचित लोगों की संख्या को कम करने में मदद की।
नवीन जल सम्मेलन के परिणाम:
- वर्तमान में जल समस्याओं की जटिलता सम्मेलन की कार्यवाही में परिलक्षित हुई, जिसके परिणामस्वरूप चर्चाएँ खंडित हुईं और कोई बाध्यकारी प्रतिबद्धता नहीं लागू की गई। इसके अतिरिक्त स्वैच्छिक दाताओं, सरकारों, निगमों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा 713 विविध स्वैच्छिक प्रतिबद्धताएँ व्यक्त की गईं।
- तकनीक:
- दूरस्थ क्षेत्रों में अपशिष्ट जल उपचार या पानी के सौर उपचार में विशिष्ट नवाचार और जल प्रबंधन पर केंद्रित IBM सस्टेनेबिलिटी एक्सेलेरेटर सहित ऊष्मायन प्लेटफार्मों के लिये कई प्रस्ताव थे।
- डेटा और मॉडल:
- हर बड़े निवेश से पहले हमें संभावित प्रभाव का अनुमान लगाना चाहिये। ऐसा करने के लिये अनुकरण अक्सर महत्त्वपूर्ण होते हैं और उन्हें बड़ी मात्रा में इनपुट डेटा की आवश्यकता होती है। डेटा-जेनरेशन के लिये लागत प्रभावी दृष्टिकोण में सेंसर एवं उपग्रह डेटा शामिल थे। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की हाइड्रोलॉजिकल स्थिति और आउटलुक सिस्टम जैसे अन्य प्रयासों ने डेटा विश्लेषण उपकरणों की पेशकश की है।
- ज्ञान का प्रसार:
- इनमें से अधिकांश मुद्दों को पहले ही संबोधित किया जा चुका है किंतु प्रत्येक राष्ट्र अक्सर पुन: आविष्कार करते रहते हैं।
- W12+ ब्लूप्रिंट, एक यूनेस्को मंच जो शहर की प्रोफाइल, कार्यक्रमों, प्रौद्योगिकियों और नीतियों संबंधी मामले के अध्ययन को होस्ट करता है तथा यह सामान्य जल सुरक्षा मुद्दों को संबोधित करता है एवं एक सहायक उपकरण की तरह कार्य करता है।
- इनमें से अधिकांश मुद्दों को पहले ही संबोधित किया जा चुका है किंतु प्रत्येक राष्ट्र अक्सर पुन: आविष्कार करते रहते हैं।
- क्षमता निर्माण:
- बहुत से लोगों की बुनियादी सेवाओं तक पहुँच की कमी है क्योंकि वे खुद का समर्थन करने में असमर्थ हैं और चूँकि बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को समाज में शक्तिशाली लोगों के लिये और उनके द्वारा डिज़ाइन किया गया है। मेकिंग राइट्स रियल इनिशिएटिव जैसे प्रयासों ने हाशिये पर खड़े समुदायों और महिलाओं को यह समझने में मदद की कि उन्हें अपने अधिकारों का प्रयोग कैसे करना है।
- 'वाटर फॉर वीमेन फंड' (Water for Women Fund) ने महिलाओं हेतु अधिक प्रभावी तथा टिकाऊ जल, स्वच्छता एवं स्वच्छता परिणामों के लिये समर्थित तंत्र की पेशकश की।
- प्रोत्साहन राशि:
- सम्मेलन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि किसानों एवं उद्योगों के लिये जल का कुशलतापूर्वक और स्थायी उपयोग करने हेतु प्रोत्साहन राशि की कमी एक बड़ी बाधा है।
- जल कार्य एजेंडा में पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन का एकीकरण प्रभावी जल शासन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
- हालाँकि इन प्रतिबद्धताओं की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दुबई में उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (United Nations High-level Political Forum-HLPF) और COP-28 की होने वाली जलवायु वार्ता के दौरान उन्हें कैसे आगे बढ़ाया जाता है। उपभोक्ताओं के लिये यह महत्त्वपूर्ण है कि वे टिकाऊ रूप से उत्पादित वस्तुओं के लिये प्रीमियम का भुगतान करने हेतु तैयार हों ताकि किसानों को टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।
- सम्मेलन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि किसानों एवं उद्योगों के लिये जल का कुशलतापूर्वक और स्थायी उपयोग करने हेतु प्रोत्साहन राशि की कमी एक बड़ी बाधा है।
किन चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है?
- जल क्षेत्र विशेष रूप से विखंडन हेतु प्रवण है क्योंकि जल की समस्याएँ स्थानीय होती हैं एवं स्थानीय समाधानों की आवश्यकता होती है।
- सम्मेलन में महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य थे जिसमें गेम-चेंजिंग विचारों की पहचान करना, नीति निर्माताओं को परिवर्तन को गति देने और कौशल-संवर्द्धन करने के बारे में सिफारिशें करना, जलवायु एजेंडे के केंद्र में जल को रखना एवं दूसरों के अनुभवों से सीखना, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करना तथा निवेश करना शामिल था।
- सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता तक पहुँच में सुधार करना इन संसाधनों तक निरंतर पहुँच सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त नहीं है। भूजल की अति-निकासी, जो ज़्यादातर कृषि पंपिंग द्वारा संचालित होती है, एक बड़ी समस्या है जो जल की कमी एवं संदूषण की ओर ले जाती है।
- पंजाब या कावेरी डेल्टा जैसे स्थानों, जहाँ भारी मात्रा में सिंचाई होती है, में एकमात्र समाधान कम जल पंप करना है। हालाँकि इसके लिये कृषि नीतियों को बदलने की ज़रूरत है, जिसके लिये विभिन्न एजेंसियों एवं मंत्रालयों के बीच सहयोग की आवश्यकता होती है।
- यह समस्या अब केवल जल और स्वच्छता तक पहुँच से संबंधित नहीं है, बल्कि कृषि, उद्योग एवं प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने को लेकर भी है।
- शेष SDG- 6 लक्ष्यों का उद्देश्य बेहतर शासन को बढ़ावा देकर, सिंचाई जल के उपयोग की दक्षता में सुधार, झीलों और नदियों में जल की गुणवत्ता को बहाल करना एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन में सुधार करके इस समस्या को हल करना है। इन समस्याओं को अकेले बुनियादी ढाँचे से हल नहीं किया जा सकता है, बल्कि इस हेतु मज़बूत राजनीतिक विकल्पों, एजेंसी के सशक्तीकरण तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
स्वच्छ जल और स्वच्छता पर भारत की पहलें:
- स्वच्छ भारत मिशन
- जल जीवन मिशन
- जल क्रांति अभियान
- राष्ट्रीय जल मिशन
- राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम
- नीति आयोग समग्र जल प्रबंधन सूचकांक
- जल शक्ति अभियान
- अटल भूजल योजना।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. जल संरक्षण और जल सुरक्षा हेतु भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित जल शक्ति अभियान की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? (मुख्य परीक्षा, 2020) |