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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यूनिसेफ ने टीकाकरण लक्ष्यों को हासिल करने के लिये इस्लामिक निकायों से मांगी मदद

  • 12 Apr 2017
  • 3 min read

संदर्भ
गौरतलब है कि हाल ही में यूनिसेफ ने बच्चों में टीकाकरण संबंधी लक्ष्यों को पूर्ण रूप से हासिल करने के लिये इस्लामिक निकायों के साथ मिलकर प्रयास करने की अपील की है| इसके साथ-साथ यूनिसेफ के द्वारा टिकाकारण के संबंध में फैली भ्रामक तथ्यों को भी दूर करने के लिये अल्प-संख्यक समुदाय से साथ मिलकर कार्य करने को कहा गया है|

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • ध्यातव्य है कि भारत में मीज़ल-रूबेला (खसरा) जैसी खतरनाक बिमारियों से बच्चों को सुरक्षित करने हेतु ही यूनिसेफ द्वारा एम.आर. वैक्सीन की शुरुआत की गई है|
  • भारत में चल रहे विश्व के सबसे बड़े प्रतिरक्षा कार्यक्रमों की मदद से 26 मिलियन बच्चों को प्रतिरक्षित करने का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करने के बावजूद भी यूनिसेफ के अनुसार, केवल 65% बच्चे ही अपने जीवन के पहले साल में प्रतिरक्षित हो पाए हैं|
  • ध्यातव्य है कि मीज़ल-रूबेला जैसी जानलेवा बिमारियों से विश्व में लगभग 1,34,200 बच्चों की जान चली जाती हैं, जिसमें से अकेले भारत में 49,200 बच्चों (36%) की जान गई हैं|
  • ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत में एम.आर. वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है|
  • बच्चों को सुरक्षित एवं स्वस्थ जीवन देने में प्रतिरक्षण कार्यक्रम सबसे प्रभावशाली उपाय होता है| इसलिये प्रत्येक बच्चे तक वैक्सीन की पहुँच सुनिश्चित करना सरकार का नैतिक दायित्व है|
  • प्रत्येक बच्चे तक नई एम.आर. वैक्सीन की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये स्कूलों में बच्चों का मुफ्त में टीकाकरण कराया जाना चाहिये|

हानिकारक प्रभाव

  • रूबेला को आमतौर पर जर्मन मीज़ल के नाम से जाना जाता है| हालाँकि इसका प्रभाव बहुत अधिक गंभीर नहीं होता है, तथापि यह गर्भवती महिलाओं के लिये जानलेवा साबित हो सकता है| 

एम.आर. वैक्सीन

  • ध्यातव्य है कि इस नई एम.आर. वैक्सीन को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों की तीन मुख्य जानलेवा बिमारियों (मीज़ल, न्युमोनिया और डायरिया) से रक्षा करने के साथ-साथ बाल मृत्यु दर में भी कमी लाना है|

यूनिसेफ

  • संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (united nations children’s fund) का गठन वर्ष 1946 में संयुक्त राष्ट्र के एक अंग के रूप में किया गया था| इसका मुख्यालय जिनेवा में है|
  • ध्यातव्य है कि वर्तमान में 190 देश इसके सदस्य है|
  • वस्तुतः इसका गठन द्वितीय विश्व युद्ध से प्रभावित हुए बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करने तथा उन तक खाना और दवाएँ पहुँचाने के उद्देश्य से किया गया था|
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