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यूनिसेफ रिपोर्ट : भारत में बाल विवाह की दर में गिरावट

  • 27 Mar 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ (UNICEF) के मुताबिक़, दक्षिण एशिया में बाल विवाह के संदर्भ में सबसे अधिक दशकीय कमी देखने को मिली है। ऐसा मुख्यत: भारत में बाल विवाह के मोर्चे पर हुई प्रगति के कारण संभव हो सका है।

प्रमुख बिंद

  • यूनिसेफ के अनुसार, वैश्विक स्तर पर प्रत्येक 5 में से 1 लड़की (21%) का 18 वर्ष की उम्र से पहले शादी कर दी जाती है। दस वर्ष पूर्व यह आँकड़ा 25% था।
  • दक्षिण एशिया में बाल विवाह में पर्याप्त कमी के कारण वैश्विक स्तर पर यह सुधार देखने को मिला है। वहीं कम विकसित देशों (LDCs) में यह आँकड़ा 40% तक देखने को मिला है। 
  • एक दशक पहले वैश्विक स्तर पर 20 -25 फीसदी बच्चों का बचपन में ही विवाह हो जाता था किंतु अब इस दर में 15 फीसदी तक की कमी आई है। 
  • यूनिसेफ के मुताबिक, 2006-16 की अवधि में पूरी दुनिया में 2.5 करोड़ बाल विवाह रोके गए।
  • वर्तमान में सालाना 12 मिलियन लड़कियों की बचपन में ही शादी कर दी जाती है। यदि इस मोर्चे पर प्रगति को तेज़ नहीं किया गया तो, वैश्विक स्तर पर 18 साल की उम्र से पहले विवाहित लड़कियों की संख्या 2030 तक 150 मिलियन से ज़्यादा हो सकती है। 
  • यूनिसेफ के आँकड़े बताते हैं कि दक्षिण एशिया और बांग्लादेश में क्रमशः 22% और 59% लड़कियाँ ऐसी हैं, जिनकी क्रमशः 15 और 18 वर्ष की उम्र से पहले ही शादी कर दी जाती हैं।
  • जबकि भारत में 15 वर्ष की उम्र से पहले विवाह की जाने वाली लड़कियों की दर 7% है।
  • सबसे खराब दर वाला देश पश्चिमी अफ्रीका में नाइजर है, जहाँ करीब 76% लड़कियों की शादी 18 साल से पहले और 28% की शादी 15 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले कर दी जाती है।

भारतीय संदर्भ

  • भारत में 2005-06 में बाल विवाह की दर 47% थी जो 2015-16 में घटकर 27% हो गई थी।
  • इस कारण समूचे दक्षिण एशिया में बाल विवाह में 50% से 30% तक की उल्लेखनीय कमी दर्ज़ हुई है।
  • हालाँकि, भारत में बाल विवाह की दर घटने के बाद भी 18 साल से पहले शादी करने वालों की सबसे ज़्यादा 2.6 करोड़ आबादी हमारे देश में ही है। 
  • बाल विवाह प्रचलन 20-24 वर्ष के आयु वर्ग वाली महिलाओं में उन महिलाओं की संख्या दर्शाता है, जिनकी शादी 18 वर्ष की आयु से पहले ही कर दी जाती है। 
  • हालाँकि, इन आँकड़ों को भारत में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बाल विवाह की दरों में औसत सुधार के नज़रिये से नहीं देखा जाना चाहिये, क्योंकि अभी भी कई जिलों में बाल विवाह की उच्च दरें हैं। जनजातीय समुदायों और अनुसूचित जातियों में यह समस्या विशेषतया विद्यमान है। 
  • रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे राज्यों में बाल विवाह की दर 40% तक है, तो तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में यह 20% से भी नीचे है।
  • भारत की तरह ही ऐसी समान तीव्र गिरावट एकमात्र देश इथियोपिया में देखने को मिली है, जहाँ दशकीय गिरावट 30% है।
  • हालाँकि, बाल विवाह के मोर्चे पर भारत के अच्छे प्रदर्शन के कारणों का विश्लेषण किया जा रहा है, किंतु ऐसा मुख्य रूप से इस तथ्य के कारण है कि अब महिलाएँ अधिक शिक्षित हैं और यह उनकी बदलती आकाँक्षाओं को दर्शाता है।
  • कई राज्यों ने लड़कियों को स्कूलों में नियमितता बनाए रखने और प्रोत्साहित करने के लिये नकद हस्तांतरण जैसी योजनाओं को शुरू किया है।
  • इस रिपोर्ट में यह भी उल्लिखित है कि अभी भी देश भर में सुधार एक समान नहीं है और वार्षिक रूप से लगभग 1.5 मिलियन लड़कियों की 18 वर्ष की उम्र से पहले ही शादी कर दी जाती हैं।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children’s Fund)-यूनिसेफ

  • यूनिसेफ का गठन वर्ष 1946 में संयुक्त राष्ट्र के एक अंग के रूप में किया गया था।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा में है। ध्यातव्य है कि वर्तमान में 190 देश इसके सदस्य हैं।
  • वस्तुतः इसका गठन द्वितीय विश्वयुद्ध से प्रभावित हुए बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करने तथा उन तक खाना और दवाएँ पहुँचाने के उद्देश्य से किया गया था।
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