रोबोटिक वाहनों से होगी जलमग्न प्राचीन नगरों की जाँच | 01 Jul 2017

समाचारों में क्यों?

  • विदित हो कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) गुजरात के द्वारिका और तमिलनाडु के पुहार से लगे समुद्र में रोबोटिक वाहनों को भेजने की तैयारी कर रहा है, ताकि इन प्राचीन शहरों के अवशेष ढूँढे जा सकें। हालाँकि यह अभियान अभी प्रारम्भिक अवस्था में है लेकिन बाद में इस अभियान में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओसियनोग्राफी भी शामिल होंगे।
  • इस अभियान से एक ओर जहाँ हमें अपनी प्राचीन विरासतों के बारे में जानकारियाँ प्राप्त होंगी, वहीं यह अभियान भारत को अपनी ‘परिष्कृत इमेज़िंग तकनीक’ (sophisticated image technology) जैसी तकनीकों की व्यवहार्यता जाँचने का भी मौका मिलेगा।

क्यों महत्त्वपूर्ण है यह अभियान?

  • गुजरात के जामनगर के पास द्वारिका में भारतीय पुरातत्व विभाग के नेतृत्व में लंबे समय से खुदाई हो रही है। । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निर्देशन में भारतीय नौसेना के गोताखोरों ने समुद्र में समाई द्वारिका नगरी के अवशेषों के नमूनों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया।
  • गुजरात में कच्छ की खाड़ी के पास स्थित द्वारिका नगर समुद्र तटीय क्षेत्र में नौसेना के गोताखोरों की मदद से पुरा विशेषज्ञों ने व्यापक सर्वेक्षण के बाद समुद्र के भीतर उत्खनन कार्य किया और वहाँ पड़े चूना पत्थरों के खंडों को भी खोज निकाला। वहीं पुहार से प्राप्त अवशेषों के आधार पर वहाँ एक प्राचीन बंदरगाह और शहर के होने की उम्मीद जताई जा रही है। 
  • उल्लेखनीय है कि पुहार का जिक्र बौध साहित्य में मिलता है जिसमें बताया गया है कि यह चोल राजाओं की तटीय राजधानी थी, जबकि द्वारिका का उल्लेख महाभारत के साथ-साथ प्राचीन ग्रीक ग्रंथों में भी मिलता है, जिनके अनुसार यह एक समृद्ध शहर था, जो समुद्र में डूब गया।
  • यदि नए अवशेष प्राप्त किये जाएं और उनकी प्राचीनता का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाए तो देश के समुद्री इतिहास और धरोहर का तिथिक्रम लिखने के लिये आरंभिक सामग्री इतिहासकारों को उपलब्ध हो जाएगी।