अंतर्राष्ट्रीय संबंध
कश्मीर मुद्दे पर UNCHR की रिपोर्ट
- 09 Jul 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (United Nation Commission on Human Rights- UNCHR) ने भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित कश्मीर संबंधी मुद्दे पर अपनी दूसरी रिपोर्ट जारी की।
प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर संबंधी मुद्दे का समाधान करने में विफल रहे हैं।
- उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी जिसमें दोनों देशों द्वारा तनाव कम करने के लिये कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर और पीओके में मई 2018 से अप्रैल 2019 के दौरान हताहत होने वाले नागरिकों की संख्या पिछले एक दशक से भी अधिक है।
- कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के सदस्यों द्वारा मानवाधिकारों उल्लंघन किया जाता है जिसकी कोई भी जवाबदेहिता नहीं होती है।
- रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान की सरकारों को व्यापक रूप से सलाह दी गई है साथ ही मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council- HRC) से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जाँच के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय आयोग गठित करने का भी आग्रह किया गया है।
रिपोर्ट पर भारत की प्रतिक्रिया
- भारत ने इस रिपोर्ट पर राजनयिक विरोध दर्ज़ कराते हुए इसे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताया है। क्योंकि इसमें सीमापार आतंकवाद के मूल मुद्दे की अनदेखी की गयी है।
- इस रिपोर्ट में वर्षों से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमापार से चलने वाले आतंकवाद तथा उससे उत्पन्न स्थितियों को नज़रअंदाज़ किया गया है।
- भारत के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र पर आतंकवाद को वैधता प्रदान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र तथा एक खुले तौर पर राज्य प्रायोजित आतंकवाद को समर्थन प्रदान करने वाले देश में कृत्रिम समानता स्थापित करने का प्रयास किया गया है।
- यह रिपोर्ट भारतीय संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ जारी ‘गलत और पूर्वाग्रह से ग्रसित बयान’ का हिस्सा है।
- भारत ने रिपोर्ट में जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को ‘सशस्त्र समूह’ बताये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में इस संगठन के शामिल होने का ज़िक्र किया जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी स्वीकार किया है।
जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति
- जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन पाकिस्तान ने इस राज्य के एक हिस्से को अवैध रूप से अपने कब्ज़े में ले रखा है।
- अवैध हिस्से में तथाकथित 'आजाद कश्मीर' और 'गिलगित-बाल्टिस्तान' का क्षेत्र शामिल है जिसे भारत द्वारा बार-बार पाकिस्तान से इन कब्ज़े वाले क्षेत्रों को खाली करने का आह्वान किया जाता रहा है।
- रिपोर्ट में कश्मीर के इस मुद्दे को स्पष्ट नही किया गया है साथ ही भारत की मज़बूत न्यायपालिका और राष्ट्रीय मानवाधिकार तंत्र के माध्यम की जाने वाली न्यायिक प्रक्रिया को भी अनदेखा किया गया है।
- रिपोर्ट में एक ‘पूर्वाग्रही मानसिकता’ को दर्शाया गया है, जो ‘आतंकवादी चुनौतियों के सामने सरकार द्वारा किये गए व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रयासों" की अनदेखी करती है।
- रिपोर्ट में भारत द्वारा भीड़ नियंत्रण के उपकरण के रूप में पेलेट-फायरिंग की गोली का उपयोग जारी रखने तथा कश्मीर में राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के लोगों को हिरासत में लेने के कारण विभिन्न कानूनों की आलोचना की गई है।