उड़ान योजना | 21 Oct 2021
प्रिलिम्स के लिये:उड़ान योजना मेन्स के लिये:उड़ान योजना का महत्त्व और चुनौतियाँ |
चर्चा में क्यों?
21 अक्तूबर, उड़ान दिवस से पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान योजना के तहत उत्तर-पूर्वी भारत की हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए 6 मार्गों को हरी झंडी दिखाई।
- भारत सरकार ने योजना में योगदान के मद्देनज़र 21 अक्तूबर को उड़ान दिवस घोषित किया है, इसी दिन इस योजना से संबंधी दस्तावेज़ पहली बार जारी किये गए थे।
प्रमुख बिंदु
- लॉन्च:
- उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) को 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) के रूप में शुरू किया गया था।
- उद्देश्य:
- क्षेत्रीय विमानन बाज़ार का विकास करना।
- छोटे शहरों में भी आम आदमी को क्षेत्रीय मार्गों पर किफायती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और लाभदायक हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करना।
- विशेषताएँ:
- इस योजना में मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से देश के असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह योजना 10 वर्षों की अवधि के लिये परिचालित है।
- कम सेवा वाले हवाई अड्डे वे होते हैं जिनमें एक दिन में एक से अधिक उड़ानें नहीं होती हैं, जबकि अनारक्षित हवाई अड्डे वे होते हैं जहाँ कोई परिचालन नहीं होता है।
- केंद्र, राज्य सरकारों और हवाई अड्डा संचालकों की ओर से चयनित एयरलाइंस को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है ताकि असेवित तथा कम सेवा वाले हवाई अड्डों से संचालन को प्रोत्साहित किया जा सके एवं हवाई किराए को किफायती रखा जा सके।
- इस योजना में मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से देश के असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह योजना 10 वर्षों की अवधि के लिये परिचालित है।
- अब तक की उपलब्धियाँ:
- अब तक 387 मार्गों और 60 हवाई अड्डों का संचालन किया जा चुका है, जिनमें से 100 मार्ग अकेले उत्तर-पूर्व के हैं।
- कृषि उड़ान योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के निर्यात अवसरों को बढ़ाने के लिये 16 हवाई अड्डों की पहचान की गई है, जिससे माल ढुलाई और निर्यात में वृद्धि जैसे दोहरे लाभ प्राप्त हो रहे हैं।
उड़ान 1.0
- इस चरण के तहत 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों (36 नए बनाए गए परिचालन हवाई अड्डों सहित) के लिये 128 उड़ान मार्ग प्रदान किये गए।
उड़ान 2.0
- वर्ष 2018 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 73 ऐसे हवाई अड्डों की घोषणा की जहाँ कोई सेवा प्रदान नही की गई थी या उनके द्वारा की गई सेवा बहुत कम थी।
- उड़ान योजना के दूसरे चरण के तहत पहली बार हेलीपैड भी योजना से जोड़े गए थे।
उड़ान 3.0
- पर्यटन मंत्रालय के समन्वय में उड़ान 3.0 के तहत पर्यटन मार्गों का समावेश।
- जलीय हवाई अड्डे को जोड़ने के लिये जल विमान का समावेश।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई मार्गों को उड़ान के दायरे में लाना।
उड़ान 4.0
- वर्ष 2020 में देश के दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) के चौथे संस्करण के तहत 78 नए मार्गों के लिये मंज़ूरी दी गई थी।
- लक्षद्वीप के मिनिकॉय, कवरत्ती और अगत्ती द्वीपों को उड़ान 4.0 के तहत नए मार्गों से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
उड़ान 4.1
- उड़ान 4.1 मुख्यतः छोटे हवाई अड्डों, विशेष तौर पर हेलीकॉप्टर और सी-प्लेन मार्गों को जोड़ने पर केंद्रित है।
- सागरमाला विमान सेवा के तहत कुछ नए मार्ग प्रस्तावित हैं।
- सागरमाला सी-प्लेन सेवा संभावित एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे अक्तूबर 2020 में शुरू किया गया था।
आगे की राह
- एयरलाइंस ने इस योजना का लाभ रणनीतिक रूप से भीड़भाड़ वाले टियर-1 हवाई अड्डों पर अतिरिक्त स्लॉट हासिल करने, मार्गों पर एकाधिकार की स्थिति और कम परिचालन लागत प्राप्त करने की दिशा में उठाया है। इस प्रकार हितधारकों को उड़ान योजना को टिकाऊ बनाने और इसकी दक्षता में सुधार करने की दिशा में काम करना चाहिये।
- एयरलाइंस को मार्केटिंग हेतु पहल करनी चाहिये ताकि अधिक से अधिक लोग उड़ान योजना का लाभ उठा सकें।
- देश भर में योजना के सफल कार्यान्वयन के लिये बुनियादी ढाँचे की और अधिक मज़बूत करने आवश्यकता है।