भारतीय रिज़र्व बैंक का आवक प्रेषण सर्वेक्षण | 10 Aug 2018

चर्चा में क्यों?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा वर्ष 2016-17 के लिये किये गए आवक प्रेषण (inward remittances) सर्वेक्षण के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) आवक प्रेषण के शीर्ष स्रोत के रूप में उभरा है, जबकि विदेशों से भेजे गए धन का सर्वाधिक हिस्सा केरल को प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि इस तरह का पिछला सर्वेक्षण रिज़र्व बैंक द्वारा दिसंबर 2013 में प्रकाशित किया गया था।

आवक प्रेषण शब्द यह इंगित करता है कि धन को घरेलू या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी खाते में स्थानांतरित कर दिया गया है।

क्या कहा गया है सर्वेक्षण में?

UAE आवक प्रेषण का शीर्ष स्रोत

  • रिज़र्व बैंक द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार, कुल प्रेषण में संयुक्त अरब अमीरात का हिस्सा 26.9% है, इसके बाद संयुक्त राज्य (22.9%), सऊदी अरब (11.6%), कतर (6.5%) और कुवैत (5.5%) का स्थान आता है।
  • भारत द्वारा प्राप्त कुल प्रेषण का 82% हिस्सा आठ देशों – संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ओमान, यूनाइटेड किंगडम और मलेशिया से आया।

RDA प्रेषण का सबसे लोकप्रिय माध्यम 

  • इस सर्वेक्षण के अनुसार, प्रेषण का सबसे लोकप्रिय माध्यम रुपया आहरण व्यवस्था (Rupee Drawing Arrangement -RDA) है जो कुल प्रेषण का 75.2% है, इसके बाद स्विफ्ट (19.5%), प्रत्यक्ष हस्तांतरण (3.4%) और चेक एवं ड्राफ्ट (1.9%) हैं। 
  • कुल प्रेषण का अधिकांश हिस्सा (74.1%) निजी बैंकों ने प्राप्त किया, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 17.3% तथा शेष विदेशी बैंकों ने प्राप्त किया। 
  • भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, सभी रिपोर्ट किए गए हस्तांतरण का 70.3% 500 डॉलर से अधिक था और केवल 2.7% हिस्सा  200 डॉलर से कम था।

प्रेषण प्राप्त करने वाले राज्यों में केरल शीर्ष पर

  • विदेशो से धन प्राप्त करने वाले राज्यों में केरल 19% के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद महाराष्ट्र (16.7%), कर्नाटक (15%), तमिलनाडु (8%) और दिल्ली (5.9%) हैं।
  • केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु को कुल प्रेषण का 58.7% प्राप्त हुआ।
  • दिल्ली (5.9 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (4 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (3.1 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (2.7 प्रतिशत), गुजरात (2.1 प्रतिशत) और पंजाब (1.7 प्रतिशत) शीर्ष 10 राज्यों में से थे जिन्हें आवक प्रेषण प्राप्त हुआ।

प्राप्त प्रेषण का उपयोग

  • सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय निवासियों द्वारा प्राप्त प्रेषण के आधे से अधिक का उपयोग परिवार के रखरखाव अर्थात् उपभोग (59.2%), बैंकों में जमा (20%) और भूमिगत संपत्ति तथा शेयरों में निवेश (8.3%) के लिये किया गया।