जहाज़ों का संग्रहालयों में परिवर्तन | 26 Feb 2020

प्रीलिम्स के लिये:

संघीय बजट में जहाज़ों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने का प्रावधान

मेन्स के लिये:

जहाज़ों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने का उद्देश्य

चर्चा में क्यों?

संघीय बजट 2020-21 में गुजरात के लोथल में एक समुद्री संग्रहालय स्थापित करने का उल्लेखनीय प्रावधान किया गया है।

मुख्य बिंदु:

  • संघीय बजट: 2020-21 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पर्यटन और सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में भारत की क्षमता को बढ़ाने के लिये कई महत्त्वपूर्ण पहलों की घोषणा की थी, जिनमें से एक गुजरात के लोथल में समुद्री संग्रहालय स्थापित करने का निर्णय लेना है।
  • सेवानिवृत्त नौसैनिक जहाज़ों को संग्रहालयों में संरक्षित करके देश की समुद्री पर्यटन क्षमता को बढ़ाने में भारत का रिकॉर्ड कमज़ोर रहा है।

जहाज़ों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने के संदर्भ में पूर्व में लिये गए निर्णय:

  • समुद्री संग्रहालय की स्थापना के विचार के संदर्भ में वर्ष 2019 में दो निर्णय लिये गए थे।
  • सबसे पहले, तमिलनाडु सरकार ने जुलाई में एक संग्रहालय के रूप में सेवानिवृत्त पनडुब्बी आईएनएस वागली को संरक्षित करने की परियोजना को छोड़ने का निर्णय लिया।
  • आईएनएस विक्रांत को भी संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का विचार छोड़ दिया गया।

जहाज़ों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने का उद्देश्य:

  • सेवानिवृत्त नौसैनिक जहाज़ों के भंजन के बजाय उन्हें संरक्षित करने से वृहद् आर्थिक परिदृश्य का निर्माण होता है।
  • सामान्य तौर पर संग्रहालय कई अर्थों में अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं, उदाहरण के लिये पर्यटन को बढ़ावा देना, रोज़गार पैदा करना, सरकारी राजस्व में योगदान करना और स्थानीय समुदायों के विकास का समर्थन करना।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संग्रहालयों का महत्त्व:

  • वर्ष 2018 में किये गए ‘म्यूज़ियम्स इन इकोनॉमिक इंजन’ नामक एक अध्ययन के अनुसार, अमेरिका में संग्रहालयों के माध्यम से 7,26,200 लोगों को रोज़गार प्राप्त होता है तथा ये सकल घरेलू उत्पाद में हर साल $ 50 बिलियन का योगदान देकर प्रतिवर्ष $ 12 बिलियन कर राजस्व जुटाते हैं।
  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में उत्पादित $ 100 की तुलना में संग्रहालय क्षेत्र $ 220 अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करता है।
  • अमेरिका में ऐसे 60 पनडुब्बी आधारित संग्रहालय हैं।

इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था में संग्रहालयों का महत्त्व:

  • ‘द इकोनॉमिक इम्पैक्ट ऑफ म्यूज़ियम इन इंग्लैंड’ नामक एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि इंग्लैंड में संग्रहालय क्षेत्र कुल आय में £ 2.64 बिलियन का योगदान देता है तथा £ 1.45 बिलियन की शुद्ध आगत के रूप में 38,165 व्यक्तियों को नौकरियाँ प्रदान करता है।
  • इंग्लैंड में ऐसे 11 पनडुब्बी आधारित संग्रहालय हैं।

भारतीय संदर्भ में संग्रहालयों का महत्त्व:

  • भारत के सामने एक बड़ी चुनौती युवा आबादी के लिये रोज़गार के पर्याप्त अवसर पैदा करने की है।
  • ऐसे में सरकार का ध्यान उन सेवाओं तथा उद्योगों को बढ़ावा देने पर होना चाहिये जिनमें रोज़गार की संभावना अधिक है।
  • पर्यटन और संबद्ध उद्योग रोज़गार की आवश्यकता की पूर्ति के लिये उपयुक्त विकल्प होते हैं, क्योंकि ये क्षेत्र दुनिया भर में शीर्ष रोज़गार सृजित करने वाले क्षेत्र साबित हुए हैं।
  • उत्कृष्ट संग्रहालय प्रायः पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनते हैं जो स्थानीय और विदेशी आगंतुकों को आकर्षित करते हैं।
  • संग्रहालय ऐतिहासिक मूल्यों को संरक्षित करने वाले स्थान के रूप में भी कार्य करते हैं।
  • ये भविष्य की पीढ़ियों के लिये देश की विरासत को संरक्षित करते हैं और देश के इतिहास और संस्कृति के बारे में आम जनमानस को जानकारी प्रदान करते हैं।
  • सैन्य और समुद्री संग्रहालयों के कुछ अतिरिक्त लाभ भी होते हैं, जैसे- इनका उपयोग सैन्य नायकों का सम्मान करने, रक्षा कर्मियों द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों के बारे में आम जनता को जागरूक करने और युवा पीढ़ी को सशस्त्र बलों में शामिल होने हेतु प्रेरित करने के लिये किया जा सकता है।

जहाज़ों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने के मार्ग में आने वाली समस्याएँ:

  • नौसैनिक जहाज़ों को संग्रहालयों में परिवर्तित करने में एक महत्त्वपूर्ण समस्या उनके रखरखाव में आने वाली लागत है।
  • ऐसे संग्रहालयों को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से फंडिंग के साथ-साथ पर्याप्त राजस्व उत्पन्न करने की भी आवश्यकता होती है।

सुझाव:

  • केवल सेवानिवृत्त नौसैनिक जहाज़ों का प्रदर्शन ही आगंतुकों की वांछित संख्या को आकर्षित नहीं करेगा। इसके लिये युद्धपोत संग्रहालयों को कई प्रकार की सेवाओं और मनोरंजन विकल्पों से युक्त करने की आवश्यकता है।
  • सांस्कृतिक संस्थानों के निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी ने उन्नत देशों में बहुत अच्छा काम किया है।
  • इन जहाज़ों पर वर्चुअल फ्लाइट ज़ोन बनाने और विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति की अनुमति प्रदान करने की आवश्यकता है।
  • इस तरह के संग्रहालयों की व्यावसायिक क्षमता का एहसास कराने और उनके प्रबंधन में व्यावसायिकता प्रदान करने के लिये निजी क्षेत्र का सहयोग आवश्यक है।
  • यह याद रखना महत्त्वपूर्ण है कि निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी ने फुटबॉल और कबड्डी जैसे खेलों में कैसी क्रांति ला दी है। अतः यह उचित समय है जब सेवानिवृत्त नौसैनिक जहाज़ों को संरक्षित करने के लिये निजी क्षेत्र का उचित उपयोग किया जाना चाहिये।

अन्य बिंदु:

  • इंग्लैंड में 11, रूस और जर्मनी में 10 और फ्राँस में पाँच पनडुब्बी आधारित संग्रहालय हैं।
  • कई देशों ने अपने सेवानिवृत्त नौसैनिक युद्धपोतों को संग्रहालयों के रूप में संरक्षित किया है, अमेरिका इस सूची में शीर्ष पर है।
  • विशाखापत्तनम में पनडुब्बी संग्रहालय के रूप में भारत केवल एक नौसैनिक पोत आईएनएस कुरसुरा का संरक्षण कर रहा है।
  • कई भारतीय शहरों में मनोरंजन के सीमित विकल्प हैं। नौसेना जहाज़ संग्रहालय मनोरंजन का एक उचित विकल्प प्रदान करेंगे।

स्रोत- द हिंदू