विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
टुंड्रा उपग्रह: रूस
- 27 Nov 2021
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प्रिलिम्स के लिये:टुंड्रा उपग्रह, S-400 ट्रायम्फ, अश्विन एडवांस्ड एयर डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल मेन्स के लिये:टुंड्रा उपग्रह की विशेषताएँ एवं इसकी उपयोगिता |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रूस ने एक सैन्य उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया है। इसे टुंड्रा उपग्रह माना जा रहा है, जो कुपोल या डॉम नामक रूस की प्रारंभिक चेतावनी मिसाइल-विरोधी प्रणाली का हिस्सा है।
प्रमुख बिंदु
- टुंड्रा उपग्रह के बारे में:
- टुंड्रा वर्ष 2015 और 2020 के बीच रूस द्वारा स्थापित मिसाइल प्रारंभिक चेतावनी उपग्रहों का एक समूह है।
- टुंड्रा उपग्रह परमाणु युद्ध की स्थिति में उपयोग किये जाने के लिये एक सुरक्षित आपातकालीन संचार पेलोड ले जाने में सक्षम हैं।
- उपग्रहों की टुंड्रा शृंखला ओको-1 प्रणाली के प्रारंभिक चेतावनी उपग्रहों को बदलने हेतु रूसी प्रारंभिक चेतावनी उपग्रहों की अगली पीढ़ी है।
- इस अंतिम ओको-1 उपग्रह (मिसाइल डिफेंस अर्ली वार्निंग प्रोग्राम) ने कथित तौर पर वर्ष 2014 के मध्य से काम करना बंद कर दिया, जिससे रूस ज़मीन पर आधारित ‘मिसाइल डिटेक्शन सिस्टम’ पर निर्भर हो गया।
- टुंड्रा उपग्रह EKS या ‘यूनिफाइड स्पेस सिस्टम’ (कभी-कभी कुपोल या डॉम के रूप में संदर्भित) का हिस्सा है, जिसमें भू-स्थिर कक्षा में कई उपग्रह भी शामिल होंगे।
- इसका अनावरण वर्ष 2019 में किया गया, कुपोल को बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण का पता लगाने और उन्हें उनके लैंडिंग साइट पर ट्रैक करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, हालाँकि इसका सटीक विन्यास अज्ञात है।
- भारत का एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम:
- S-400 ट्रायम्फ:
- परिचय
- भारत के पास S-400 ट्रायम्फ है, जो तीन खतरों (रॉकेट, मिसाइल और क्रूज़ मिसाइल) से सुरक्षा करती है। लेकिन इनका दायरा काफी लंबा होता है।
- खतरों को दूर करने के लिये इसमें बहुत बड़ा वायु रक्षा बुलबुला है।
- यह रूस द्वारा डिज़ाइन की गई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है।
- रेंज और प्रभावशीलता:
- यह प्रणाली 400 किलोमीटर की सीमा के भीतर 30 किलोमीटर तक की ऊँचाई पर सभी प्रकार के हवाई लक्ष्यों को भेद सकती है।
- यह प्रणाली 100 हवाई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उनमें से छह को एक साथ नष्ट कर सकती है।
- परिचय
- ‘पृथ्वी वायु रक्षा’ और ‘उन्नत वायु रक्षा’:
- परिचय:
- यह एक दो-स्तरीय प्रणाली है, जिसमें भूमि और समुद्र-आधारित दो इंटरसेप्टर मिसाइल- उच्च ऊँचाई अवरोधन के लिये पृथ्वी वायु रक्षा (PAD) मिसाइल और कम ऊँचाई अवरोधन के लिये उन्नत वायु रक्षा (AAD) मिसाइल शामिल हैं।
- रेंज
- यह 5,000 किलोमीटर दूर लॉन्च की गई किसी भी मिसाइल को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है। इस प्रणाली में पूर्व चेतावनी और ट्रैकिंग रडार का एक ओवरलैपिंग नेटवर्क, साथ ही कमांड और कंट्रोल पोस्ट भी शामिल हैं।
- अश्विन एडवांस्ड एयर डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल:
- परिचय
- यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक स्वदेशी रूप से निर्मित उन्नत वायु रक्षा (AAD) इंटरसेप्टर मिसाइल है।
- यह कम ऊँचाई वाली सुपरसोनिक बैलिस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल का उन्नत संस्करण है।
- मिसाइल का अपना मोबाइल लॉन्चर, इंटरसेप्शन के लिये सुरक्षित डेटा लिंक, स्वतंत्र ट्रैकिंग क्षमताएँ तथा परिष्कृत रडार भी शामिल हैं।
- रेंज:
- यह एक एंडो-स्फेरिक (पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर) इंटरसेप्टर का उपयोग करती है जो 60,000 से 100,000 फीट की अधिकतम ऊँचाई पर और 90 से 125 मील के बीच की सीमा में बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराती है।
- परिचय
- S-400 ट्रायम्फ:
- अन्य मिसाइल-रोधी रक्षा प्रणालियाँ: