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अमेरिका ने सख्‍त किये एच1बी वीज़ा जारी करने संबंधी नियम

  • 24 Feb 2018
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?
ट्रंप प्रशासन द्वारा एक या उससे ज्यादा थर्ड पार्टी कार्स्थलों पर कार्य करने वाले लोगों के लिये एच1बी वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया को सख्त कर दिया गया है। अर्थात् अमेरिकी सरकार की नई वीज़ा नीति के तहत अब यह साबित करना होगा कि एक या एक से अधिक स्थानों पर जॉब-वर्क की तरह के काम करने के लिये इस वीज़ा पर बुलाए जा रहे कर्मचारी का काम विशिष्ट प्रकार का है। साथ ही, उसे विशेष ज़रूरत के लिये बुलाया जा रहा है। अमेरिकी सरकार के इस कदम से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों और उनके कर्मचारियों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा।

एच1बीवीज़ा क्या होता है?

  • अमेरिका में रोजगार के इच्छुक लोगों को एच1बी वीज़ा प्राप्त करना होता है।
  • एच1बी वीज़ा वस्तुतः ‘इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी ऐक्ट’ (Immigration and Nationality Act)  की धारा 101(a) और 15(h) के अंतर्गत संयुक्त राज्य अमेरिका में रोजगार के इच्छुक गैर-अप्रवासी (Non-immigrants)  नागरिकों को दिया जाने वाला वीज़ा है।
  • यह अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेषज्ञतापूर्ण व्यवसायों में अस्थायी तौर पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
  • एच1बी वीज़ा दरअसल नियोक्ता प्रायोजित वीज़ा होता है जिसका अर्थ यह है कि संयुक्त राज्य आधारित नियोक्ता को सिद्ध करना होता है कि आवेदक एच1बी की सभी अनिवार्यताओं को पूर्ण करता है।
  • इन नियोक्ताओं के लिये यह अनिवार्य हो जाता है कि वें सिद्ध करें की उनका नवीन एच1बी रोज़गार अमेरिका के कर्मचारियों के रोज़गार को प्रभावित नही करेगा।
  • विशेषकर, नियोक्ता को प्रमाणित करना होता है कि एच1बी रोज़गार अमेरिका के उस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के रोज़गार को विस्थापित नहीं करेगा।
  • एच1बी वीज़ा प्राप्त कर्मचारी को अन्य नियोक्ता के कार्यस्थल पर नियुक्त नहीं किया जाएगा और एच1बी कर्मी को नियुक्त करने के पहले अमेरिका के कर्मचारी को वरीयता दी जाएगी।
  • यदि कोई एच1बी वीज़ा प्राप्त कर्मचारी किसी दूसरी अमेरिकी कंपनी में स्थानांतरण चाहे तो नए नियोक्ता को नवीन एच1बी प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है।
  • उल्लेखनीय है कि कंपनी को ही नौकरी करने वाले की तरफ से एच1बी वीज़ा के लिये इमिग्रेशन विभाग में आवेदन करना होता है
  • अमेरिकी कंपनियाँ इस प्रकार के वीज़ा का इस्तेमाल उच्च स्तर पर कुशल पेशेवरों को नियुक्त करने के लिये करती हैं। हालाँकि अधिकतर वीज़ा आउटसोर्सिंग फर्म को जारी किये जाते हैं।
  • एच1बी वीज़ा कार्यक्रम विदेशी कर्मचारियों को रोज़गार के लिये अमेरिका में आकर अमेरिकी विशेषज्ञता वाले व्यवसायों में प्रायोजित करने हेतु सक्षमता प्रदान करता है। इन व्यवसायों में सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, विज्ञान, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और कानून/विधि आदि शामिल हैं, जिनमें तकनीकी या सैद्धांतिक निपुणता की आवश्यकता होती है।
  • फिलहाल अमेरिका द्वारा हर साल 85,000 एच1बी वीज़ा जारी किया जाता है। इसमें 20,000 ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्हें अमेरिकी विश्वविद्यालयों की उच्च शिक्षा की डिग्री प्राप्त है।  

नए नियम

  • अमेरिकी सरकार द्वारा इस संबंध में सात पृष्ठ का एक नीतिगत दस्तावेज़ जारी किया गया है, जिसमें एच1बी वीज़ा के नए नियम जारी किये गए हैं।
  • इसके तहत अमेरिका के नागरिकता और आव्रजन विभाग (सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज़) को यह वीज़ा केवल तीसरे पक्ष के साइट कार्य (कार्यस्थल) की अवधि तक के लिये जारी करने की ही अनुमति होगी।
  • इस तरह इस वीज़ा की अवधि तीन साल से कम की हो सकती है, जबकि इससे पहले यह एक बार में तीन साल के लिये दिया जाता था।
  • नई वीज़ा नीति के दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि थर्ड-पार्टी वर्कसाइट के लिये एच1बी वीज़ा आवेदन को मंजू़री देने के क्रम में आवेदक को ऐसे सभी साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे जो यह साबित कर सके कि लाभार्थी को किसी विशिष्ट कार्य के लिये नियुक्त किया जा रहा है।
  • साथ ही जिस अवधि के लिये वीज़ा देने का आग्रह किया गया है उस अवधि के दौरान नियोक्ता को लाभ पाने वाले के साथ नियोक्ता-कर्मचारी संबंध बरकरार रखना होगा। स्पष्ट रूप से इस शर्त से बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न होंगी
  • आपको बता दें कि इन नियमों को लागू कर दिया गया है।
  • महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इसके लिये ऐसे समय को चुना गया है, जब 1 अक्‍टूबर, 2018-19 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिये एच1बी वीज़ा हेतु आवेदन 2 अप्रैल से शुरू हो सकते हैं।

घोषित नीति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'बाई अमेरिकन एंड हायर अमेरिकन एग्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर' नीति का हिस्सा है, जिसके माध्यम से अमेरिकी कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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