ट्रांस फैट का जोखिम | 01 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में WHO की ट्रांस फैट उन्मूलन पर जारी पहली वार्षिक वैश्विक प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ सहित अन्य 24 देशों ने ट्रांस फैट नियमों को अपनाया है जिन्हें अगले दो वर्षों में लागू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि विश्व के छह देशों ने ट्रांस फैट के औद्योगिक उत्पादन को वर्ष 2018 से प्रतिबंधित कर दिया है लेकिन अभी भी लगभग 110 से अधिक देशों में इस हानिकारक यौगिक के खिलाफ कोई नियम नहीं है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट के सेवन से लगभग पाँच अरब लोग खतरे में हैं।
- ट्रांस फैट के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग पाँच लाख लोगों की मौत हो रही है, ये आँकड़े तब पाए जा रहे हैं जब इस ट्रांस फैट को खाद्य आपूर्ति से हटा दिया गया है।
- इस रिपोर्ट में औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के वैश्विक उन्मूलन के लिये वर्ष 2023 तक निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु सभी देशों में उचित कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
- WHO ने REPLACE एक्शन पैकेज का चरण-दर-चरण कार्यान्वयन मॉड्यूल जारी किया, जिसमें देशों को उनके खाद्य पदार्थों से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को कम करने तथा लोगों के जीवन बचाने के बारे में उचित मार्गदर्शन है।
- औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के वैश्विक उन्मूलन के लिये किये जाने वाले प्रयासों में तेज़ी आई है।
- वर्तमान में दुनिया के 28 देशों में से लगभग एक-तिहाई आबादी इसके हानिकारक प्रभाव से सुरक्षित है।
- इतने प्रयासों के बाद भी दुनिया की दो-तिहाई से अधिक आबादी में ट्रांस फैट से सुरक्षा का अभाव है।
- वार्षिक रिपोर्ट में शामिल कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- जनवरी 2019 में इस वसा के उन्मूलन के लिये थाईलैंड ने सर्वोत्तम अभ्यास नियम लागू किये।
- यूरोपीय संघ ने खाद्य पदार्थों में इस वसा का उपयोग नहीं करने के लिये वर्ष 2018 के सर्वोत्तम अभ्यास नियमों को अपनाया। वर्ष 2021 तक नियम लागू किये जाएंगे।
- भारत ने भी इस वसा को 2% तक सीमित करने के लिये दिसंबर 2018 में मसौदा नियमों को जारी किया।
- तुर्की ने इस वसा के खिलाफ जनवरी 2019 में सर्वश्रेष्ठ अभ्यास नियमों का मसौदा जारी किया।
- 40 से अधिक देशों ने ट्रांस फैट को सीमित करने के लिये प्रयास शुरू किये।
- ट्रांस फैट के खिलाफ अधिकांश नीतिगत कार्रवाई उच्च आय वाले देशों में हुई है। किसी निम्न आय वाले देश और महज़ तीन निम्न-मध्य-आय वाले देशों (भारत, किर्गिज़स्तान और उज़्बेकिस्तान) में ही इसके लिये नीतियाँ नहीं हैं।
- हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और पेय पदार्थ गठबंधन की खाद्य कंपनियों ने वर्ष 2023 तक अपने सभी उत्पादों से औद्योगिक ट्रांस फैट को खत्म करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है।
ट्रांस फैट
- तरल वनस्पति तेलों को अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने तथा खाद्य भंडारण एवं उपयोग अवधि (Shelf Life) में वृद्धि करने के लिये इन तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है, इस प्रकार संतृप्त वसा या ट्रांस फैट का निर्माण होता है।
- ट्रांस फैट बड़े पैमाने पर वनस्पति, नकली या कृत्रिम मक्खन (Margarine), विभिन्न बेकरी उत्पादों में मौजूद होते हैं तथा ये तले हुए या पके हुए खाद्य पदार्थों में भी पाए जा सकते हैं।
- FSSAI वर्ष 2022 तक चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट एसिड को 2% से कम करने के लिये प्रतिबद्ध है।
ट्रांस फैट के उन्मूलन की WHO की योजना
- मई 2018 में WHO ने वर्ष 2023 तक वैश्विक खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये एक व्यापक योजना REPLACE की शुरुआत की थी।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय पैमानों के अनुसार, Total Energy Intake में ट्रांस फैट्स की मात्रा 1 फीसदी से भी कम होनी चाहिये।
- REPLACE खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के त्वरित, पूर्ण और दीर्घकालीन उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिये छह रणनीतिक कार्रवाइयों का प्रावधान करता है:
- RE- (Review): औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के आहार स्रोतों और आवश्यक नीति परिवर्तन हेतु परिदृश्य की समीक्षा।
- P- (Promote): स्वस्थ वसा और तेलों के माध्यम से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना।
- L- (Legislate): औद्योगिक तौर पर उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये कानून या विनियामक कार्यवाही को लागू करना।
- A- (Assess): खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट सामग्री तथा लोगों द्वारा ट्रांस फैट के उपभोग का आकलन और निगरानी करना।
- C- (Create): नीति निर्माताओं, उत्पादकों, आपूर्तिकर्त्ताओं और जनता के बीच ट्रांस फैट के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना।
- E- (Enforce): नीतियों और विनियमों के अनुपालन को लागू करना।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है।
- इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है।
- WHO संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का सदस्य है। इसकी पूर्ववर्ती संस्था ‘स्वास्थ्य संगठन’ लीग ऑफ नेशंस की एजेंसी थी।
- यह दुनिया में स्वास्थ्य संबंधी मामलों में नेतृत्व प्रदान करने, स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंडा को आकार देने, नियम और मानक तय करने, प्रमाण आधारित नीतिगत विकल्प पेश करने, देशों को तकनीकी समर्थन प्रदान करने तथा स्वास्थ्य संबंधी रुझानों की निगरानी एवं आकलन करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- यह आमतौर पर सदस्य देशों के साथ उनके स्वास्थ्य मंत्रालयों के ज़रिये जुड़कर काम करता है।