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जैव विविधता और पर्यावरण

जीभ की कैंसर कोशिकाएँ

  • 09 Jun 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

माइक्रोआरएनए के बारे में 

मेन्स के लिये:

‘miR-155’ का चिकित्सा विज्ञान में महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (IIT Madras), कैंसर संस्थान- चेन्नई के श्री बालाजी डेंटल कॉलेज अस्पताल तथा भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलूरु (IISc) के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने एक विशेष माइक्रोआरएनए (microRNA- miRNAs) की पहचान की है जो जीभ का कैंसर होने पर अत्यधिक सक्रिय रूप से दिखाई देता है।

प्रमुख बिंदु: 

  • शोधकर्त्ताओं द्वारा इस माइक्रोआरएनए को ‘miR-155’ नाम दिया गया है। 
    • ये ऐसे नॉन कोडिंग RNA हैं जो कैंसर को पनपने में मदद करने के साथ ही विभिन्न जैविक और नैदानिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने में भी शामिल होते हैं। ऐसे में जीभ के कैंसर के इलाज के लिये इन RNAs में बदलाव कर उपचार की नई तकनीक विकसित करने की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है।
  • इस शोध कार्य को मॉलिक्यूलर एंड सेल्युलर बायोलॉजी जर्नल (Molecular and Cellular Biology) में प्रकाशित किया गया है।
  • miRNA कुछ प्रोटीन के कार्यों को बाधित या सक्रिय कर कैंसर के प्रसार को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिये प्रोग्राम्ड सेल डेथ 4 (Programmed Cell Death 4’-PDCD4) जो एक प्रकार का प्रोटीन है, कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने और फैलने से रोकने में मदद करता है। इस प्रोटीन में किसी किस्म की रुकावट मुख फेफड़े, स्तन, यकृत, मस्तिष्क और पेट के कैंसर के फैलने का मुख्य कारण बनती है।
  • शोधकर्ताओं की टीम ने यह दर्शाने का प्रयास किया है कि किस तरह से miR-155 को निष्क्रिय करने या उसका दमन करने से कैंसर कोशिकाएँ मृत हो जाती हैं और कोशिकाओं के पनपने का चक्र समाप्त हो जाता है। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से यह माना जा रहा है कि miR-155, PDCD4 को डाउनरेगुलेट करता है लेकिन अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है।

माइक्रोआरएनए (miRNAs):

  • MicroRNAs जीन अभिव्यक्ति के नियमन में शामिल 20 से 24 न्यूक्लियोटाइड युक्त छोटे, अत्यधिक संरक्षित नॉन-कोडेड RNAs होते हैं।
  • MiRNAs का मुख्य कार्य अन्य जीनों की अभिव्यक्ति को शांत करना होता है।
  • MicroRNAs को पहले से ही जीभ के कैंसर में एक ओंकोजीन (Oncogene) के रूप में पहचाना जाता है। 
    • कैंसर से जुड़े MicroRNAs को ओंकोमीर्स या ओंकोमीआर (Oncomirs) कहा जाता है।  
    • ये कैंसर फैलाने  वाली कोशिकाओं का दमन कर कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करते हैं। 
    • कुछ ओंकोमीर्स कैंसर को पनपने से भी रोकते हैं।

खोज़ का महत्त्व: 

  • MiR-155  में आणविक स्तर पर बदलाव के माध्यम से PDCD4 को बहाल किये जाने से  कैंसर और विशेषकर जीभ के कैंसर के उपचार के लिये नई तकनीक विकसित की जा सकती है।
  • miRNA के मैनीपुलेशन (Manipulation) को पारंपरिक कैंसर उपचार विधियों जैसे- कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी तथा इम्यूनोथेरेपी के साथ जोड़कर देखा जा सकता है।

स्रोत: द हिंदू

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