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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

TOI 270 ग्रहीय प्रणाली

  • 31 Jul 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नासा के ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट ने पृथ्वी से लगभग 73 प्रकाश वर्ष दूर एक बौने तारे और ग्रहीय प्रणाली की खोज की है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (Transiting Exoplanet Survey Satellite- TESS) द्वारा खोजे गए इस बौने तारे और ग्रहीय प्रणाली का नाम TOI 270 रखा गया है।
  • उल्लेखनीय है कि खोजा गया बौना तारा आकार और द्रव्यमान में सूर्य से 40 प्रतिशत छोटा है। TOI 270 पिक्टर तारामंडल (Pictor Constellation) में स्थित है।

TOI 270

  • इस प्रणाली में कुल तीन ग्रह TOI 270 b, TOI 270 c और TOI 270 d पाए गए हैं जो क्रमशः 3.4 दिन, 5.7 दिन और 11.4 दिनों में अपने तारे की परिक्रमा करते हैं।
  • TOI 270b सबसे अंदरूनी ग्रह है। शोधकर्त्ताओं के अनुमानानुसार यह पृथ्वी की तुलना में लगभग 25% बड़ा और पथरीला है। यह रहने योग्य नहीं है क्योंकि यह तारे के बहुत करीब स्थित है। TOI 270b हमारे सौर मंडल के बुध ग्रह की तुलना में सूर्य के काफी करीब है।
  • नासा के अनुसार, TOI 270b का तापमान केवल तारे से प्राप्त होने वाली ऊर्जा पर निर्भर है। गृह का ताप अन्य कारकों जैसे- एल्बिडो, वायुमंडल से ऊर्जा के परावर्तन आदि से प्रभावित नहीं होता है। इसका तापमान लगभग 490 डिग्री फ़ारेनहाइट (254 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है।
  • TOI 270c और TOI 270d की तुलना नेप्च्यून जैसे ग्रह से की जा सकती है क्योंकि इनके संघटकों में गैसीय तत्त्वों की बहुलता है।
  • TOI 270d की सतह भी अत्यधिक गर्म है जो द्रव रूप में जल की उपस्थिति के लिये अनुकूल नहीं है।
  • ये ग्रह अपने तारे की परिक्रमा इस प्रकार करते हैं जिसमे ग्रह का एक भाग ही सदैव तारे के सामने रहता है। उल्लेखनीय है कि चंद्रमा भी ठीक इसी प्रकार पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
  • इस प्रणाली के सबसे बाहरी ग्रह, TOI 270d का तापमान लगभग 150 डिग्री फ़ारेनहाइट (66 डिग्री सेल्सियस) है। जो इस प्रणाली का सबसे समशीतोष्ण ग्रह है।

ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट

(Transiting Exoplanet Survey Satellite-TESS)

  • TESS सौर मंडल के बाहर के बहिर्ग्रहों और ब्रह्मांड में मानव जीवन की खोज के लिये नासा का अभियान है।
  • TESS को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की सहायता से 18 अप्रैल, 2018 को लॉन्च किया गया था।
  • TESS का लक्ष्य वायुमंडलीय अध्ययन के लिये चमकीले, चट्टानी ग्रहों, जो आस-पास के तारों की कक्षाओं में परिक्रमा करते हैं, की एक सूची बनाना है। ऐसे में ग्रहों की यह खोज TESS के लिये एक बड़ी उपलब्धि है।
  • TESS के कैमरे की गुणवत्ता केपलर मिशन की तुलना में 30 से 100 गुना अधिक उज्ज्वल है साथ ही यह केपलर मिशन की तुलना में 400 गुना बड़े आकाशीय क्षेत्र को कवर करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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