स्वाइन फ्लू और हेपेटाइटिस-बी के लिये टीकाकरण कार्यक्रम | 21 May 2020
प्रीलिम्स के लियेस्वाइन फ्लू, हेपेटाइटिस-बी मेन्स के लियेदेशव्यापी टीकाकरण अभियानों की आवश्यकता और उनका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
प्रत्येक वर्ष मानसून के बाद आने वाले स्वाइन फ्लू या मौसमी इन्फ्लूएंज़ा (Seasonal Influenza- H1N1) का मुकाबला करने के लिये हरियाणा सरकार ने राज्यव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु
- ध्यातव्य है कि जहाँ एक ओर कोरोनोवायरस के मामले दैनिक आधार पर लगातार बढ़ते जा रहे हैं, वहीं मानसून के स्वाइन फ्लू (H1N1) की संभावना ने हरियाणा सरकार के समक्ष एक कड़ी चुनौती उत्पन्न कर दी है।
- इसी चुनौती को मद्देनज़र रखते हुए हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य संबंधित 3 कार्यक्रम शुरू किये हैं, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों के लिये H1N1 टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis-B) नियंत्रण कार्यक्रम और राज्य के 21 ज़िला अस्पतालों में नेत्रदान केंद्र शामिल हैं।
- H1N1 टीकाकरण अभियान के तहत राज्य भर में लगभग 13,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों को H1N1 से बचाव के लिये टीका लगाया जाएगा।
- सरकार ने इस संबंध में जिस वैक्सीन का उपयोग करने की योजना बनाई है, वह एकल खुराक वैक्सीन है और एक वर्ष की अवधि के लिये प्रभावी है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी 22 ज़िलों में पहले से ही मुफ्त H1N1 परीक्षण, निदान और उपचार सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- वहीं हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis-B) नियंत्रण कार्यक्रम के पहले चरण में राज्य के कारागारों में नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और कैदियों को कवर किया जाएगा।
कार्यक्रम की आवश्यकता
- आँकड़ों के अनुसार, भारत में 2016 के बाद से अब तक लगभग 85,000 लोग H1N1 वायरस से संक्रमित हुए हैं और बीते कुछ वर्षों में इस वायरस के कारण 4,900 लोगों की मृत्यु हुई है।
- इस वायरस पर किये गए विभिन्न शोधों से ज्ञात होता है कि भारत में इस वायरस का प्रकोप एक वर्ष में मुख्यतः 2 बार दिखाई देता है, पहला जनवरी माह से मार्च माह के दौरान और दूसरा मानसून के पश्चात् अगस्त माह से अक्तूबर माह के दौरान।
- कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के तीव्र प्रसार को मद्देनज़र रखते हुए स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं और उन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- WHO के वर्ष 2018 के आँकड़ों के अनुसार, हेपेटाइटिस से प्रत्येक वर्ष दक्षिण-पूर्व एशिया में लगभग 3,50,000 लोगों की मौत होती है। यह संख्या मलेरिया और HIV द्वारा संयुक्त रूप से होने वाली मौतों से भी अधिक है।
स्वाइन फ्लू
- स्वाइन फ्लू H1N1 नामक फ्लू वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है। H1N1 एक प्रकार का संक्रामक वायरस है।
- H1N1 संक्रमण को स्वाइन फ्लू कहा जाता है, क्योंकि अतीत में यह उन्हीं लोगों को होता था जो सूअरों के सीधे संपर्क में आते थे।
- H1N1 की तीन श्रेणियाँ हैं - A, B और C
- A और B श्रेणियों को घरेलू देखभाल की आवश्यकता होती है, जबकि श्रेणी C में तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने और चिकित्सा की आवश्यकता होती है क्योंकि इसके लक्षण और परिणाम बेहद गंभीर होते हैं और इससे मृत्यु भी हो सकती है।
- H1N1 संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis-B)
- यह एक वायरल संक्रमण (Viral Infection) है जो लीवर की बीमारी का कारण बन सकता है।
- यह वायरस जन्म और प्रसव के दौरान माँ से बच्चे में फैल सकता है। इसके अतिरिक्त यह रक्त अथवा शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने के कारण भी फैलता है।
- यह लीवर कैंसर (Liver cancer) का प्राथमिक कारण है।
- वैक्सीन द्वारा हेपेटाइटिस-बी की रोकाथाम की जा सकती है जो कि एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय हैं।