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यौन शोषण पीड़ितों को मुआवज़ा देगी तमिलनाडु सरकार

  • 15 Oct 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों

हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने 2018 के लिये यौन शोषण तथा अन्य अपराधों की शिकार  महिलाओं हेतु तमिलनाडु पीड़ित मुआवज़ा योजना (Tamil Nadu Victim Compensation Scheme) को अधिसूचित किया। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु सरकार ने यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का अनुसरण करते हुए लिया है जिसमें न्यायालय की एक खंडपीठ ने मुआवज़े के सुझाव को मंज़ूरी दी थी और इस संबंध में दिशा-निर्देशों को परिचालित करने का निर्देश दिया था।

क्या है योजना?

  • इस योजना के अंतर्गत बलात्कार पीड़ित को न्यूनतम 4 लाख रुपए और सामूहिक बलात्कार के मामले में 5 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जाएगा।
  • यदि पीड़ित की मृत्यु हो जाती है तो उसका आश्रित 7 लाख रुपए के मुआवज़े का हकदार होगा।
  • सामूहिक बलात्कार के साथ-साथ मृत्यु के मामले में अधिकतम 10 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जा सकता है।
  • बलात्कार के मामले में अधिकतम 7 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जा सकता है।

मुआवज़े के लिये पात्रता

  • यह योजना ऐसी पीड़ित महिलाओं या उनके आश्रितों को मुआवज़ा देने के उद्देश्य से धन प्रदान करती है, जिन्हें अपराध के परिणामस्वरूप हानि या चोट का सामना करना पड़ा हो और जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता हो।
  • अधिसूचना के अनुसार, हालाँकि एक महिला पीड़ित या उसके आश्रित कई योजनाओं के माध्यम से मुआवजे के लिये पात्र हैं, लेकिन मुआवज़े की मात्रा तय करते समय CrPC की धारा 357-B को ध्यान में रखा जाएगा।

योजना के तहत कवर किये गए अपराध

  • पीड़ित और उनके आश्रित पुलिस FIR के साथ-साथ पहले मुआवज़े के लिये तमिलनाडु कानूनी सेवा प्राधिकरण (Tamil Nadu Legal Services Authority- TNLSA) या संबंधित ज़िला कानूनी सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority- DLSA) में आवेदन कर सकते हैं।
  • इस योजना में भारतीय दंड संहिता की धारा 326A (एसिड हमले), 354A से 354D (यौन उत्पीड़न), 376A से 376E (अलगाव और इससे संबद्ध अपराधों के दौरान पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना), 304B (दहेज हत्या) और 498A (पत्नी के प्रति क्रूरता) के तहत पंजीकृत अपराध शामिल हैं।

मुआवज़े का निर्धारण

  • मुआवज़े का निर्धारण करने के लिये अपराध की गंभीरता और मानसिक या शारीरिक क्षति या चोट की गंभीरता, चिकित्सा उपचार पर किया गया खर्च तथा अपराध के कारण पीड़ित की शिक्षा या रोज़गार के नुकसान आदि को भी ध्यान में रखा जाएगा।
  • नाबालिग पीड़ितों के मामले में मुआवज़े की 80% राशि फिक्स डिपाजिट खाते में जमा कर दी जाएगी जिसे पीड़ित के वयस्क होने पर ही निकाला जा सकेगा।
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