भारतीय अर्थव्यवस्था
तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारा
- 22 Jan 2019
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स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये एक कदम आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री ने 20 जनवरी, 2019 को तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे (Tamil Nadu Defence Industrial Corridor) की शुरुआत की।
उद्देश्य
- रक्षा औद्योगिक गलियारे की स्थापना का उद्देश्य विभिन्न रक्षा औद्योगिक इकाइयों के बीच संपर्क सुनिश्चित करना है।
निवेश
- तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे के लिये 3,123 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की गई है इसमें से अधिकांश निवेश सार्वजनिक क्षेत्र से किया जाएगा।
- आयुध निर्माणी बोर्ड ने इस गलियारे के विकास में 2305 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है।
तमिलनाडु डिफेंस प्रोडक्शन क्वाड
- तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारा को तमिलनाडु डिफेंस प्रोडक्शन क्वॉड (Tamil Nadu Defence Production Quad) भी कहा जाता है, क्योंकि इसके नोडल केंद्र चेन्नई, होसुर, सलेम, कोयंबटूर और तिरुचिरापल्ली मिलकर एक चतुर्भुज का निर्माण करते हैं।
- आयुध निर्माणी बोर्ड ने गलियारे के लिये 2305 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है।
भारत का दूसरा रक्षा औद्योगिक गलियारा
- अगस्त 2018 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में शुरू हुए पहले रक्षा औद्योगिक गलियारे के बाद यह देश का दूसरा रक्षा औद्योगिक गलियारा है। उल्लेखनीय है कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में 3,732 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा के साथ ही 11 अगस्त, 2018 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में रक्षा औद्योगिक गलियारा शुरू किया गया था।
तमिलनाडु ही क्यों?
- तिरुचिरापल्ली क्षेत्र में प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ जैसे- BHEL, हेवी अलॉय पेनिट्रेटर प्रोजेक्ट (Heavy Alloy Penetrator Project), आयुध फैक्ट्री और रेलवे कार्यशालाएँ रक्षा निर्माण के लिये सही पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करती हैं।
लाभ
- तमिलनाडु भारत के कुल निर्यात में 9.8% के योगदान के साथ देश में चौथे स्थान पर है और यह गलियारा इस क्षेत्र से होने वाले निर्यात के अवसरों को बढ़ाएगा।
- इन गलियारों के विकास से न केवल त्वरित विकास और क्षेत्रीय उद्योगों के एकीकरण में मदद मिलेगी, बल्कि एक सुव्यवस्थित और कुशल औद्योगिक आधार भी उपलब्ध होगा जिससे इस क्षेत्र के साथ ही देश में भी रक्षा उत्पादन बढ़ेगा।
- इससे उद्योगों को रक्षा विनिर्माण की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ एकीकृत करने में भी मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि
- फरवरी, 2018 में अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने यह घोषणा की थी कि घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिये देश में दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन गलियारे स्थापित किए जाएंगे। इसमें सरकार ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में गलियारों के निर्माण की परिकल्पना की थी।