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आर्थिक असमानता पर ‘टाइम टू केयर रिपोर्ट’

  • 22 Jan 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

‘टाइम टू केयर’ रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

मेन्स के लिये:

‘टाइम टू केयर’ रिपोर्ट का भारतीय परिदृश्य में महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ऑक्सफैम (Oxfam) द्वारा वैश्विक गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करने हेतु ‘टाइम टू केयर’ (Time to Care) नामक रिपोर्ट का प्रकाशन किया गया है।

मुख्य बिंदु:

  • इस रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक असमानता का कारण अत्यधिक गरीबी और अधिकतम धन पर कुछ लोगों का नियंत्रण होना है।
  • वर्ष 2019 में पूरे विश्व के 2,153 अरबपतियों के पास 4.6 बिलियन (वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत) लोगों से अधिक संपत्ति है।
  • दुनिया के 22 सबसे अमीर पुरुषों के पास अफ्रीका की सभी महिलाओं की संपत्ति की तुलना में अधिक संपत्ति है।
  • दुनिया के सबसे अमीर 1% लोगों के पास 6.9 बिलियन लोगों की तुलना में दोगुनी से अधिक संपत्ति है।
  • वर्ष 2011-2017 के बीच जी-7 देशों में औसत मज़दूरी 3% बढ़ी, जबकि अमीर शेयरधारकों के लाभांश में 31% की वृद्धि देखी गई है।
  • अगले 10 वर्षों में सबसे अमीर 1% लोगों की संपत्ति पर अतिरिक्त 0.5% कर लगाकर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुजुर्ग देखभाल आदि क्षेत्रों में 117 मिलियन लोगों के लिये नौकरियों का सृजन किया जा सकता है।

महिलाओं के संदर्भ में:

  • विश्व स्तर पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं की गरीबी दर 4% अधिक है। महिलाओं की चरम उत्पादक और प्रजनन आयु के दौरान यह अंतर 22% तक बढ़ जाता है।
  • दुनिया भर में छह प्रतिशत पुरुषों की तुलना में कार्यशील आयु की 42 प्रतिशत महिलाओं को नौकरी नहीं मिल सकती क्योंकि वे सभी केवल देखभाल संबंधी कार्यों में संलिप्त हैं।
  • वैश्विक स्तर पर महिलाओं और लड़कियों को 12.5 बिलियन घंटे अवैतनिक देखभाल के कार्यों में लगाया जाता है, जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में हर वर्ष कम-से-कम 10.8 ट्रिलियन डॉलर का योगदान के बराबर है।
  • दुनिया भर में अनुमानित 67 मिलियन घरेलू श्रमिकों में 80% महिलाएँ हैं।
  • अनुमानित रूप से 90% घरेलू श्रमिकों की पहुँच सामाजिक सुरक्षा जैसे-मातृत्व संरक्षण और लाभ तक नहीं है।
  • दुनिया भर में 5-9 वर्ष आयु वर्ग और 10-14 वर्ष के आयु वर्ग की लड़कियाँ समान उम्र के लड़कों की तुलना में अवैतनिक देखभाल के काम पर क्रमशः 30% और 50% अधिक समय खर्च करती हैं।

सुझाव/आगे की राह:

  • सरकारों की नीतियों के चलते असमानता का संकट पैदा हुआ है, अतः अब सरकारों को इसकी समाप्ति की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि निगम और धनी व्यक्ति कर का उचित हिस्सा दें तथा सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढाँचे में निवेश बढ़ाया जाए।
  • महिलाओं और लड़कियों द्वारा किये जाने वाले देखभाल के कार्य के संबंध में कानून पारित किया जाना चाहिये।
  • सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज के सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों को करने वाले लोगों को उनके द्वारा किये गए कार्य का समय पर भुगतान किया जाए।
  • सरकारों को एक ऐसी अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिये कार्य करना होगा, जो सभी लोगों के कल्याण के लिये हो, न कि केवल कुछ खास लोगों पर केंद्रित हो।

ऑक्सफैम

  • ऑक्सफैम एक प्रमुख गैर-लाभकारी समूह है जो 19 स्वतंत्र चैरिटेबल संगठनों का एक संघ है।
  • ऑक्सफैम की स्थापना 1942 में हुई । इसका मुख्यालय केन्या की राजधानी नैरोबी में स्थित है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक गरीबी को कम करने पर केंद्रित है तथा यह स्थानीय संगठनों के माध्यम से कार्य करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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