अंतर्राष्ट्रीय संबंध
देशी खाद्य कंपनियों के लिये नई तकनीक अपनाने का समय
- 16 Sep 2017
- 3 min read
चर्चा में क्यों ?
मुंबई में ‘अन्नपूर्णा’ - द वर्ल्ड ऑफ फूड इंडिया’ नामक एक प्रदर्शनी चल रही है, जिसमें विभिन्न राज्य खाद्य क्षेत्र में अपनी विशेषताओं का प्रदर्शन कर रहें हैं ताकि तेज़ी से बढ़ते इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेश आकर्षित किया जा सके।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र और गुजरात खाद्य क्षेत्र में अपनी परियोजनाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेश को आकर्षित कर सकते हैं।
- "ज्वेल्स ऑफ इंडिया, मेड इन इंडिया, मेड फॉर वर्ल्ड" थीम के साथ, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग द्वारा लगाया गया भौगोलिक संकेत पवेलियन पूरे देश से विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
- इस प्रदर्शनी में एल्कोहल और गैर-एल्कोहल पेय, ब्रेड और अन्य उत्पाद, मसालों, जमे हुए खाद्य उत्पादों, फल और सब्ज़ीयों से बने उत्पादों, दूध, डेयरी और आइसक्रीम उत्पादों सहित प्रौद्योगिकियों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन होना है।
भारत में खाद्य उद्योग की स्थिति
- भारत में खाद्य उद्योग प्रतिवर्ष 25 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
- इस क्षेत्र में विकास की बहुत संभावनाएँ हैं। दुनिया भर की बड़ी कंपनियों की नज़र भारत के इस क्षेत्र में लगी हुई है।
- गौरतलब है कि भारत फलों और सब्ज़ियों के उत्पादन के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है।
- खाद्य एवं किराना बाज़ार के मामले में भारत छठे स्थान पर है। इसमें रिटेल क्षेत्र की बिक्री का योगदान 70 फीसदी है।
- भारत के खुदरा क्षेत्र में खाद्य सबसे बड़ा भाग है। 2020 तक इसके 895 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
नए रुझान
- खाद्य क्षेत्र में एक अहम बदलाव खाने योग्य तैयार खाद्य पदार्थों को लेकर है। विश्व समुदाय का रुझान इस समय पहले से तैयार (ready to eat food) उत्पादों पर है जिसकी गुणवत्ता अच्छी हो, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक हो और आसानी से उपलब्ध भी हो।
आगे की राह
- इस क्षेत्र में अब प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने लगी है। इसलिये भारतीय कंपनियों को भी चाहिये की वे भी इस प्रतिस्पर्द्धा के लिये तैयार हों और इसके लिये आधुनिक तौर-तरीकों एवं तकनीकों का सहारा लें।